tag:blogger.com,1999:blog-7783736245377771709.post3500598300651306133..comments2023-04-27T05:43:31.364-07:00Comments on ANNA HAZARE SAYS...: पक्ष आणि पाटर्याकडून देशाला उज्वल भविष्य नाही...Anna Hazare Sayshttp://www.blogger.com/profile/08558658751617197028noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-7783736245377771709.post-12045563030920864402013-02-05T01:12:46.975-08:002013-02-05T01:12:46.975-08:00इस जनआंदोलन को शीघ्र लोकप्रिय, देशव्यापी और कारगर ...इस जनआंदोलन को शीघ्र लोकप्रिय, देशव्यापी और कारगर बनाने के लिए एक सुझाव देना चाहता हूँ। अण्णाजी रालेगनसिद्धि से ऐलान कर दे की हमे देश के हर एक गाँव में अब एक ऐसा ‘अराजनैतिक संगठन’ खड़ा करना है, जो आनेवाले समय में उस गाँव का सामाजिक नेतृत्व करते हुए भ्रष्ट्राचार से लेकर तमाम देश के सामाजिक विकृतियोंके खिलाफ संगठित होकर आवाज़ उठायेगा। शुरुवात में हर एक गाँव के 10-11 समविचारी देशप्रेमी युवकोंने सगठित होकर यह संगठन उनके गाँव में शुरू करना है और धीरे-धीरे गाँव के हर एक नागरिक को इस संगठन से जोड़ने का कार्य करना हैं। एसे हर एक गाँव के 10-11 प्रेरीत युवकोंका नाम, पता और संपर्क क्रमांक उन्होने तुरंत रालेगनसिद्धि मे स्थित मुख्यालय में पत्र या ईमेल द्वारा भेजना हैं ताकि उनका और उनके गाँव का नाम इस आंदोलन के साथ पंजीकृत किया जा सके और उन युवकोंको/कार्यकर्ताओं को संगठन संबंधित हर एक प्रकार का मार्गदर्शन दिया जा सके। आने वाले समय में अण्णाजी स्वयं देश के उन जिलों के मुख्यालयों को पहले भेट देकर संगठन के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे, जीन जिलों के अधीन गाँवों में संगठन का विस्तार जादा हुआ हैं। कुछ समय के बाद हर एक ग्राम संगठन को मुख्यालय के दिशा-निर्देश के साथ सुचारु रूप से कार्यान्वयित करने के लिए ग्राम संगठन के सदस्य अपने में से 7 लोगोंकी समिति चुनेंगे और उनकी सूची मुख्यालय को भेज देंगे। हर एक ग्राम संगठनों को जोड़कर तहसील संगठन, तहसील संगठनों को जोड़कर जिला संगठन, जिला संगठनों को जोड़कर राज्य संगठन और राज्य संगठनों को जोड़कर देश का सबसे बड़ा ‘अराजनैतिक संगठन’ आने वाले समय में विकसित करेंगे। ग्राम, तहसील, जिला, राज्य और देश स्तर पर संगठन को कार्यान्वयित करने के लिए हर स्तर पर 7 लोगोंकी समितियाँ रहेंगी जो संबंधित स्तर के अधीन सभी ग्राम संगठनों के सदस्यों द्वारा चुनी हुई होंगी और इस संगठन का प्रमुख कार्यान्वयन अण्णाजी के नेतृत्व में संचालित इसके मुख्यालय रालेगन सिद्धि से होगा। <br /><br />इस तरह अगर संगठन को खड़ा करने का ढाँचा बनाया जाए तो ये संगठन कम समय में ऐच्छिक कामयाबी पा सकता हैं। मुझे लगता है की अण्णाजी द्वारा अगर इस तरह संगठन को खड़ा करने का शंखनादा होता है तो कम समय में भारत में नया सूर्योदय होगा जो वर्तमान के तमाम विकृतियों का सर्वनाश करने मे सक्षम होगा। chavanbmhttps://www.blogger.com/profile/15534496226568764547noreply@blogger.com