‘सरकारने जनलोकपाल कानून के बारे में120 करोड जनता को धोखा दिया’
इसलिए अक्तुबर
2013 में फिर रामलिला मैदान पर
अनशन।
भ्रष्टाचार
दिन ब दिन
बढता ही जा रहा है। जीवन जीना सामान्य जनता के लिए मुश्किल हो रहा है। विकास कार्य के लिए गॉंवों में खर्च किये जा रहे रुपये में से बढते जा रहे भ्रष्टाचार के कारण 10 पैसे
तक भी गॉंव के विकास में नहीं लग रहे हैं। भ्रष्टाचार को रोक लगाने हेतु हम पिछले 25 सालों
से प्रयास कर रहे हैं। ‘‘सूचना
का अधिकार’’ के
लिए 1995 से
आन्दोलन चला, तब
जा कर महाराष्ट्र राज्य में सन् 2002 में
तथा सन् 2005 में
देश भर में यह कानून लागू हुआ।
जनलोकपाल
कानून बने इस लिए भारत सरकार से मॉंग की। इस मॉंग को ले कर 16 अगस्त 2011 से दिल्ली के रामलिला मैदान में अनशन शुरु किया। देशवासियों ने इस अनशन का अच्छा खासा समर्थन किया। करोडों की तादाद में लोग सडक पर उतर आए। उनमें युवा शक्ति का योगदान खास तौर पर सराहनीय रहा। अनशन के 11 दिन
पूरे होने पर संसद में सर्व सम्मति से एक रेज़ोल्यूशन पारित हुआ। प्रधान मन्त्री डॉ. मनमोहन
सिंह जी ने लिखित आश्वासन दिया जिसमें लिखा गया था कि संसद में सर्व सम्मति से रेज़ोल्यूशन पास हुआ है, अब
हम जल्द से जल्द जनलोकपाल कानून बनाएंगे। आप अनशन छोड दें। निम्न लिखित तीन बिन्दुओं पर संसद की सहमति हो गई है-
1.अ, ब, क, ड
सभी वर्ग के सरकारी अधिकारी/कर्मचारी
जनलोकपाल के दायरे में लाएंगे।
2.सभी
राज्यों में सशक्त लोकायुक्त कानून बनवाएंगे।
3.जनता की सनद। हर सरकारी दफ्तर के बाहर उस दफ्तर में होने वाले काम को कितने दिन लगेंगे इसकी सूचना प्रदर्शित की जाएगी। उक्त समय में यदि जनता का काम नहीं हो पाया तो सम्बन्धित अधिकारी पर दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी।
संसद
में पारित रेज़ोल्यूशन और तदनुसार प्रधान मन्त्री डॉ. मनमोहन
सिंह जी का लिखित आश्वासन इन पर विश्वास कर मैंने अपना 13 दिवसीय
अनशन समाप्त किया। इस बात को अब दो साल पूरे हो रहे हैं। अब तक जनलोकपाल कानून नहीं बना। यह जनलोकपाल की मॉंग मेरे खुद के लिए तो नहीं थी। देश की जनता के लिए थी। सरकार ने न स़िर्फ
अण्णा हज़ारे के साथ बल्कि मैं मानता हूं कि देश की 120 करोड
जनता के साथ धोखाधडी की है। इसीलिए मैंने प्रधान मन्त्री जी को पत्र लिख भेजा है कि आपने देश की जनता के साथ धोखाधडी की है।
इस
धोखाधडी के निषेध में रामलीला मैदान पर मैं अक्टूबर माह में फिर से अनशन करने जा रहा हूं। जब तक इस शरीर में प्राण हैं, तब
तक मैं अनशन करता रहूंगा। यह एक लम्बी लडाई है जो हम सभी को मिल कर लडनी होगी। आप सबसे मैं इस लडाई में जुड जाने का अनुरोध करता हूं।
आपसे
सम्पर्क बना
रहे
इस
हेतु
कृपया
आपका
पूरा
पता, ईमेल (यदि हो तो), आपका बायो डाटा, व्यावसायिक जानकारी आदि पूरा ब्यौरा पत्र द्वारा भेजने का कष्ट करें। ता कि जब जब आंदोलन होंगे उससे पहले आपसे संपर्क कर सकें। आप के साथ साथ और भी समविचारी कार्यकर्ता इस आंदोलन से जुडना चाहते हैं उन सभी कार्यकर्ताओं की जानकारी, नाम-पता, मोबाईल
नंबर, मेल
आयडी भेजने का कष्ट करें। ता कि यह आजादी कि दुसरी लडाई में हम सफल हो। धन्यवाद।
आप
इस नंबर पर एसएमएस कर सकते है। 99 235 99 234
वेबसाईट
– http://www.joinannahazare.org.in
पता –
भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन न्यास,
रालेगणसिद्धी, ता. पारनेर, जि. अहमदनगर, महाराष्ट्र, 414302.
Welcome
ReplyDeleteआण्णाजी अब जनलोकपाल पास कर के ही आंदोलन छोड़ना। आंदोलन को बीच मे छोड़ने की गलती दुबारा ना करे। हम आपके साथ हैं।
ReplyDeleteHeera lal sharma 166Akkipet Bangalore i will participet in momunt pls inform progrom in advance
ReplyDeleteभारत देश में रहने वाले चाहे वह कोई भी धर्म का हो देश हित से बड़ा नहीं हो सकता। अन्ना जी ने जो बिगुल बजाई है वह जोर से बजनी चाहिए इसके लिए हमें एक साथ एकजुट होकर इस बिगुल को और जोर से बजाना चाहिए। यह आजादी की दुसरी लडाई है। आओ हम सब अपना भविष्य संवारें। देश से भ्रष्टाचार मिटायें। अध्यापकों (गुरूजी) व छात्रों तथा अधिकारियों व कर्मचारियों को मिलकर भारत देश से भ्रष्टाचार को भगाना होगा। जयहिन्द, जयभारत
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