3 सितंबर 2013
प्रतिष्ठा में,
प्रतिष्ठा में,
श्री.मनमोहन
सिंहजी,
प्रधानमंत्री,
भारत सरकार,
नई
दिल्ली-110001
विषय- जनलोकपाल के बारे में आपका ता.24
जुलाई 2013 का पत्र...
सम्माननीय
महोदय,
सस्नेह
वन्दे।
आपके कार्यालय द्वारा 24 जुलाई 2013 को प्रेषित
पत्र में आपने सूचित किया है कि जनलोकपाल बिल लोकसभा में ता.27 दिसंबर 2011 को
पारित हो चुका है। तथा राज्य सभा कि सिलेक्ट कमेटी ने भी उसपर अपना मन्तव्य 23
नवम्बर 2012 को पेश किया है।
उक्त पत्र में आप लिखते हैं कि इस
वर्षा सत्र अधिवेशन में बिल पास करने के प्रयास जारी हैं। अधिवेशन की समाप्ति में
अब बहुत ज्यादा समय नहीं बचा है।इस सत्र में ही यह बिल पास हो जाना चाहिए। क्यों
कि जब दोनों ही सदनों द्वारा अपना अहवाल पेश किया जा चुका है,तब कोई बाधाएं नहीं
रही है।
मैं अनुरोध करता हूं कि आपने लिखित
स्वरूप मेंजो वादा किया था,उसे अब पूरा करना है।लोकसभा में सर्व सम्मति से यह
पारित हो चुका है।अब अधिक समय गँवाना उचित बात नहीं होगी।
इस
लिए नहीं की ये मेरी माँग है बल्कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण के लिए और देश
के एक सौ बिस करोड जनता कि भी मांग है इसलिए सरकार का यह कर्तव्य बनता है। इसी
कर्तव्य भावना से सरकार इसी अधिवेशन में इस बिल को पास कराएं, यही मेरी मनोकामना
है। अपेक्षा है।
भवदीय,
(कि.बा
उपनाम अण्णा हजारे)
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