Thursday 28 November 2013

10 दिसंबर से जन लोकपाल के लिए रालेगणसिद्धी में से अनशन...

भ्र.वि.. 36/2013-14
दिः 28 नवम्बर 2013

प्रति,
मा. मनमोहन सिंह जी,
प्रधानमंत्री, भारत सरकार.
        
विषयः जनलोकपाल कानून बनवाने का आप ने आश्वासन दे कर पालन ना करने का निषेध करने के लिए मै मेरे गांव रालेगणसिद्धी मे श्री. संत यादवबाबा मंदीर मे 10 दिसंबर 2013 से अनशन करने हेतु..

महोदय,  
जनलोकपाल बिल लाने के लिए मैने रामलीला मैदान मे 16 अगस्त से 13 दिन का अनशन किया था और देश विदेश की जनता भी इस आंदोलन मे रास्ते पर उतर गई थी। आप ने मुझे 23 अगस्त 2011 को अनशन छोडने के लिए एक पत्र लिखा था। वह पत्र आपकी जानकारी के लिए साथ मे जोड कर भेज रहा हूँ। उसी तरह स्व. विलासराव देशमुख के हाथ आप ने 27/8/2011 को मेरा अनशन छोडने के लिए एक पत्र मुझे भेजा था। उसमे नागरिक संहिता, निचले स्तर के अधिकारी को लोकपाल के दायरे मे लाना और हर राज्य मे लोकायुक्त लाना यह आपने मान लिया था। मैने आपके पत्र पर विश्वास कर के अपना अनशन समाप्त किया था। दो साल के बाद आज मुझे अनुभव हो रहा है कि, आपने देश की जनता के साथ और मेरे साथ धोकाधडी की है।
       दो साल लगातार, जनलोकपाल बिल आ जाए इसलिए मै प्रयास करता रहा हूँ, और आप बार बार झुठे आश्वासन देते रहे है, लेकिन आप की सरकार ने दो साल मे बार बार आश्वासन दे कर भी जनलोकपाल बिल नही लाया है। आपने जनलोकपाल के साथ अपने लिखित तीन मुद्दोंपर मुझे आश्वासन दिया उसमे से एक भी मुद्दोंपर दो साल मे निर्णय नही हुआ। आज मुझे अनुभव हो रहा है कि, देश मे जो आंदोलन हुआ था, वह आंदोलन मे शामिल जनता और मुझे चुप करने के लिए आपने मेरे साथ और देश की जनता के साथ झुठे आश्वासन दे कर धोकाधडी की है। मेरे मन मे आप एक अच्छे आदमी है, ऐसी आपकी प्रतिमा थी। मैनै कई बार कहा है कि, प्रधानमंत्रीजी एक अच्छे आदमी है। लेकिन सत्ता के लिए इतने झुठ बोल सकते है, इसपर मेरा विश्वास नही था। अगर पहले मुझे यह पता चलता की देश की जनता के और मेरे साथ धोकाधडी हो रही है, तो मै रामलीला का अनशन नही छोडता। 27 अगस्त 2011 को आपने तीन बातोंपर लिखित आश्वासन दिया था। संसद मे सर्वसम्मती से तीन मुद्दोंपर एकमत हुआ था। दो साल मे आपकी सरकार ने उस आश्वासन को पूरा नही किया।
     23 अगस्त 2011 और 27 अगस्त 2011 के पत्र मे आपने क्या लिखा था। वह अब आपको याद नही होंगा। आप भुल गए होंगे, इसलिए आपके पत्र की प्रति मै आपको याद दिलाने के लिए भेज रहा हूँ। वह पत्र पढकर आपको लगेगा कि, आप ने कुछ गलती की है। लेकिन सत्ता के नशे मे इतनी बेहोशी होती है, कि उसका याद आना भी मुश्किल होता है। श्रीमती. सोनिया गांधीजी ने भी मुझे 24 जनवरी 2013 को जनलोकपाल बिल लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है ऐसा पत्र मे लिखा है।
     इसी तरह आपके कार्यालय से श्री. नारायण सामी जी के कई पत्र आए है। हर वक्त आपकी तरफ से आश्वासन देते रहे। उनका 03/09/2013 का एक पत्र जानकारी के लिए मै भेज रहा हूँ। आपकी सरकार मे ऐसे झुठ बोलनेवाले लोग शामिल होने के कारण इस देश का क्या होगा ऐसी चिंता निर्माण होती है। क्यों कि झुठ बोलनेवाले, देश को चलानेवालो से देश कभी तरक्की नही करेगा।सत्यमेव जयतेहमारे देश का आदर्श वाक्य है। सत्य के मार्ग से ही देश की सही भलाई हो सकती है।
       इन्सान कितनी भी बडी सत्ता मे रहे लेकिन उसमे बेईमानी निर्माण हुई तो एअर कंडिशन बंगले मे भी नींद की गोली ले कर सोना पडता है। यह आप अनुभव करते होंगे। फिर भी आप ऐसी गलती क्यो करते हैं? ऐसा मेरे सामने प्रश्न है । मेरे जीवन मे मैने करोडो रूपयों की योजना अपनाई लेकिन ईमान नही छोडा। कही पर भी बँक बँलन्स नही रखा है, ना कभी झुठ बोला। कही सत्ता हाथ मे नही है। लेकिन मै अनुभव करता हूँ लखपती, करोडपती को जो आनंद नही मिलता है वह आनंद मै जनता और देश की सेवां मे अनुभव करता हूँ। कारण झुठ का छोटासा भी दाग जीवन मे मैने नही लगने दिया। मुुझे आश्चर्य लगता हैं कि, आपकी सरकार मे इतने झुठ बोलनेवाले लोग कैसे इकठ्ठा हो गए है। शुरू मे तो मेरे उपर भी झुठे आरोप लगाते रहे। पहले ज्वाईंट कमिटी बनाते समय झुठ, ज्वाईंट कमेटी की मिटींगे हो गई उसमे झुठ, अण्णा का जनलोकपाल लाने मे झुठ, आजतक इतने पत्र व्यवहार श्री. नारायण सामी जी ने किए लेकिन उन पत्रो में सच का अभाव रहा। जनलोकपाल बिल संसद मे एक दिन मे सर्व सम्मती से पास हुआ, स्थायी कमेटी ने पास किया, राज्यसभा मे जांच के लिए सिलेक्ट कमिटी बनाई गई उस कमेटी का अहवाल 23/11/2012 को आ गया था। अब सिर्फ राज्यसभा मे चर्चा करना बाकी था, लेकिन एक साल पुरा हो गया है, अब तक चर्चा नही हो रही है कारण आपके सरकार की नियत साफ नही है। आपकी तरफ से आपके पत्र मे कहा गया था कि, हमवित्तीय अधिवेशन मे बिल लाऐंगे लेकिन, बिल नही लाया। फिर कहां गया कि वर्षाकालिन अधिवेशन मे बिल लाऐंगे, लेकिन वर्षाकालिन अधिवेशन मे भी बिल नही आया। अब शीतकालीन अधिवेशन आ रहा है। और यह इस लोकसभा का अंतिमअधिवेशन है।
       एक साल राज्यसभा मे चर्चा के अभाव से जनलोकपाल बिल पडा हुआ है। इतना समय बीतने का कोई खास कारण नही था। लोकपाल बिल लाने की नियत साफ ना होने के कारण इतना समय गया। राज्यसभा मे सबसे ज्यादा सांसद 71 सदस्य, आपकी पार्टी के है, यह सबसे बडा गुट है। लेकिन झुुठी निती के कारण बिल नही आ रहा है। आपने कई पक्ष और पार्टीयोंका विरोध होते हुए फुड सिक्योरिटी बिल, भुमी अधिग्रहन बिल, पेन्शन बिल, जेल मे होते हुए चुनाव लडने वाला बिल, राष्ट्रपती पद का चुनाव इन सब मे विरोध होते हुए सफलता पायी है लेकिन आपकी सरकार जनलोकपाल बिल नही ला रही है। इसका कारण क्या है? दिन बदीन बढते हुए भ्रष्टाचार के कारण जनता का जीना मुश्किल हो गया है। महंगाई बढने के कारण हर व्यक्ती अजिज आ गया है।
    
      
      देश की जनता पर आपकी सरकार की तरफ से जनलोकपाल बिल नही ला कर अन्याय हो रहा है। इसलिए मै शीतकालीन अधिवेशन के शुरू के पहले दिन से रामलीला मैदान मे अनशन करूंगा, ऐसा मेरे पहले पत्र मे मैने लिखा था। लेकिन मेरा ऑपरेशन होने के कारण, तबीयत ठीक ना होने के कारण डॉक्टर ने सफर करना मना किया है। इसलिए मैने तय किया है कि, मेरे गांव रालेगणसिद्धी के यादव बाबा मंदीर मे मेरा अनशन 10 दिसंबर से शुरू कर रहा हुँ। जनलोकपाल बिल आने से अण्णा हजारे का क्या वैयक्तिक लाभ है? देश मे सशक्त जनलोकपाल आने से भ्रष्टाचार पर रोकथाम लगेगी। और देश के सामान्य लोगों को लाभ मिलेगा इसलिए इसका जीवन मे प्रयास कर रहा हुँ। दुसरी बात यह है कि, सरकार का कर्तव्य होने के कारण जिम्मेदारी होने के कारण सरकार ने ऐेसे कानुन बनाने जरूरी है। जीवन मे मैने हमेशा अहिंसा मार्ग अपनाया है। कभी हिंसा नही की लेकिन, इस पत्र मे मैने शाब्दिक हिेंसा की है। इसको मै जानता हूँ। इसके लिए सरकार की गलती है। एक तरफ गरीब लोगोंका भ्रष्टाचार ने जीना मुश्कील कर रखा है। और सरकार ने जनलोकपाल बिल कोई कारण ना होते हुए राज्यसभा मे अटका कर रखा है। यह सरकार की गलती है। मजबूर हो कर शाब्दिक हिंसा करनी पडी और ऐसी हिंसा समाज और देश कि भलाई के लिए करना मैं दोष नही मानता।

                                     
आपका भवदीय,



                                   कि. बा. तथा अण्णा हजारे

1 comment:

  1. मी ABP चॅनेलवर आपला एक जुना व्हिडिओ पाहिले. आपल्या विचार त्या वेळी आणि आता मधे फरक आहे. काय कारण असू शकते ? कोण गैरसमज करत आहे आपल्या मधे ?

    व्हिडिओ लिंक: http://youtu.be/CA7b6iUO0sM

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