Friday, 30 January 2015

Agitation needful again...

Today is the death anniversary of Pujya Bapu, Mahatma Gandhi who sacrificed his life for all of us. The Mahatma would have certainly accomplished his dream of "unto the last" and "village self-governance” if he would have got some more span of life. I pay my sincere homage to Bapu.

Last few months I was suffering from severe backache and hence was unable to go to the people regularly. Now I am perfectly fit and fine. I have once again started serving the people as usual. Many of the fellow countrymen have expressed their concern towards my health and have extended their wishes to me. I am thankful to all for their love and affection.

Post 1947, the corruption in India raised by leaps and bounds. Life of the common people got difficult more and more. Therefore the entire India stood united in the Lokpal andolan. Lokpal Act got the final nod from Hon'ble President of India on 1st January 2014. The law itself makes it mandatory for central government to appoint the lokpal within a time limit of one year. However, the government formed by constitution has breached the law of the parliament which too is formed by constitution. Neither the Lokpal is visible in the Center, nor the Lokayuktas in the states.

In the past, even after its written assurance to me while ending my fast on Ram Leela maidan in 2011, the previous government evaded passing the lokpal bill. Therefore, I was compelled to have another fast in Ralegansiddhi in the month of December, 2013. The people stood by it and government was compelled to pass the Lokpal Bill. The people who came into power later have been staunch supporters of Lokpal in the past history. The then Leader of the Opposition in Rajya Sabha; Shri Arun Jetleyji has written me a letter endorsing his party's full support to early appointment of Lokpal. The then Leader of the Opposition in Lok sabha, Shrimati Sushama Swarajji has also preferred for early appointment of Lokpal. I am surprised that after the Prime Minister Shri Narendra Modiji's taking over the command, BJP has taken a complete 'U' turn on the issue of Lokpal and even after having stabilized the at Center, the government failed to appoint the Lokpal. Meanwhile the Supreme Court of India has also issued the directions in this regard, but Lokpal is not appointed yet. The government should come transparent before the people and should explain why it is afraid of appointing the Lokpal and if not so what is the reason behind not appointing the Lokpal? They promised during elections that their government will priorities the issue of tackling the corruption; however no action is visible.

In the meanwhile, irrespective of my ailment, I wrote three letters to the Prime Minister. The first letter I wrote on 27th August 2014, second on 18 October 2014 & third letter on 1 January 2015. Unfortunately, the Prime Minister's office remained


inactive. I am enclosing all three letters with this release to make the fellow countrymen aware of the facts.

The new government has time and again promised the people of bringing the "achchhe din" or good days ahead, however; barring to a few capitalists, none of the common men are experiencing it. On one hand the statements provoking communalism are coming up frequently while on the other hand labor laws are being changed against the interests of hard working laborers. The farmer’s organizations across the country are meeting me and insisting to initiate agitation against the new ordinance in the Land Acquisition Act 2013 which is brought hastily to uproot the farmers. The new government is bypassing the parliament to bring a new 'Ordinance Raj' which is not acceptable and Hon'ble President of India also recently has expressed his concerns towards it. The people who run government should not bring such dictatorship. This ordinance might be fair technically but it is not fair democratically. The farmers cannot be suppressed only because so called development is desired by a few select capitalists. This is Bapuji's country and the true development can be achieved only through gram swaraj and not at the cost of farmer’s livelihood. The new government should understand this as early as possible. I assure the farmers across the country that i will fight for this cause also along with Lokpal. We will unite all farmers associations and take the fight ahead. I will fight for farmers, I am also a son of a farmer.

Preparations are on and soon we will constitute a new team to take on the andolan ahead. We will see to it that only dedicated selfless people join us and not the opportunists. Youth across the country is willing to join us in order to save this country from corruption and crony capitalism. I welcome them all. Training of activists is a routine practice at my village, Ralegan Siddhi. All those activists also shall be joining us. The advanced media center at Ralegan Siddhi is also ready where from I can reach to the people through video conferencing.

I have decided since my early age that I will live and die also for my nation. While reiterating my commitment towards eradication of corruption I appeal the fellow countrymen to get ready for a new struggle to make India corruption free.

Jay Hind!

Sincerely,

K. B. alias Anna Hazare


Address for communication:
Bhrashtachar Virodhi Jan Andolan Nyas
Ralegan Siddhi, TQ: Parner
Dist : Ahemadnagar
Maharashtra - 414302
Phone: 02488-240401
Email: annahazareoffice@gmail.com

Website : www.annahazare.org www.joinannahazare.org.in

लोकपाल के लिए फिर से आंदोलन...

आज गांधीजी का पुण्यस्मरण दिन एवं हुतात्मा दिन है। हम सबके लिये गांधीजीने शहादत दी। उस महात्मा को ज्यादा आयु मिलती तो शायद अंत्योदय और पुरे भारत में  ग्राम स्वराज का अपना सपना वो पुरा कर लेते। गांधीजी की स्मृती को मै विनम्र वंदन करता हूं।

विगत कुछ महिनोंसे मै पीठ की दर्द की वजह से लोगों में नियमित रूप से नही जा सका। अब मेरा स्वास्थ्य बिलकूल ठीक है। जनसेवा के लिए मै फिर पहले जैसा काम करूंगा ।मेरे स्वास्थ्य कें बारे में बहोत सारे देशवासीयों ने आस्था के साथ पुछताछ की एवं अपनी सद्भावनाएं प्रकट की, मै उनके प्रति मन सें आभार प्रकट करता हूं।

देश में दिन ब दिन भ्रष्टाचार बढते गया। सामान्य लोगोंका जीना मुष्कील हो गया था। इस लिए देश की जनता ने लोकपाल, लोकायुक्त के लिए आंदोलन किया। लोकपाल कानून पर 1 जनवरी 2013 को राष्ट्रपतीजी की मुहर लगी थी। खुद कानून में ही प्रावधान था की एक वर्ष के अंदर लोकपाल की नियुक्ती होना अनिवार्य है। लेकिन संविधान के आधार पर बनी संसद की संविधान से ही बनी सरकार ने पूरी तरह अवमानना की। ना ही केंद्र में लोकपाल का गठन हुवा, ना राज्यो में लोकायुक्त आये । मेरे रामलीला मैदान के 2011 के अनशन के बाद लिखीत आश्वासन देने के बावजूद भी पुरानी सरकारने लोकपाल बिल पास नही करवाया। रालेगन सिद्धी मे मैने फिर एकबार दिसंबर 2013 में अनशन किया। उसमें देश की जनता शामिल हुई। मजबूरन सरकार को लोकपाल कानून लाना पडा। आज सत्ता में आये हुवे लोगों नें उस वक्त तो बडे जोर शोर के साथ लोकपाल का समर्थन किया था। उस वक्त राज्यसभा में नेता विपक्ष रहें अरुण जेटलीजी ने मुझे पत्र लिख कर समर्थन दिया था। नेता विपक्ष श्रीमती सुषमा स्वराजजी ने लोकसभा में मेरी सराहना करते हुअे लोकपाल को जल्दी लाने की वकालत भी की थी। मुझे आश्चर्य है की जैसे ही प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी ने कमान संभाली, सरकार ने लोकपाल के प्रति अपने रवैय्ये में  बडा "यू टर्न" लिया और सरकार के कामकाज संभालने आठ महिने बित जाने पर भी लोकपाल का गठन नही हुवा। इस बीच उच्चतम न्यायालय ने भी सरकार को लोकपाल के बारे में कुछ निर्देश दिये; फिर भी लोकपाल नही बना। सरकार को खुलकर लोगों के सामने आना चाहिये और बताना चाहिये की लोकपाल से वह इतना डरती क्यों है और अगर डरती नही है तो फिर क्या कारन है की लोकपाल गठीत नही हो रहा है? सरकार सत्ता में आने से पहले बार बार देश की जनता को आश्वासन देती रही की, हमारी सरकार सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार के विरोध की लढाई को प्राथमिकता देंगी।

इस बीच बीमार होने के बावजूद मैने प्रधानमंत्रीजी को तिन पत्र लिखे। पहला पत्र 27 अगस्त 2014  को लिखा और स्मरण हेतु दुसरा पत्र 18 अक्तूबर 2014  को लिखा। तिसरा पत्र 1 जनवरी 2015 को लिखा। दुर्भाग्य से प्रधान मंत्री जी ने कोई कार्रवाई नही की। तिनों पत्रोंकी प्रतिया मै इस विज्ञप्ती के साथ जोड रहा हूं, ताकि देशवासियोंको पुरी जानकारी हो।
नई सरकार ने अच्छे दिन लाने के वायदे तो खूब किये लेकिन चंद पुंजीपतीओं को छोड किसी भी वर्ग को अच्छे दिन दिखाई नही दें रहे है। एक तरफ जहां सांप्रदायिकता को बढावा देते वक्तव्य आ रहे है। वहीं दुसरी तरफ कामगार कानून में बदलाव कर मेहनत करने वालो के बुरे दिन लाये जा रहे है । देश के किसान संगठन मुझे मिलकर कह रहे है की भूमी अधिग्रहण कानून में संशोधन वाला जो ऑर्डिनन्स हडबडी में लाया गया है उससे किसान ध्वस्त हो जायेंगे इस कानून के विरोध में आंदोलन करना जरुरी है। सरकार  संसद को नजरअंदाज कर ज्यो ऑर्डीनन्स राज लाया  जा रहा है उसपर तो स्वयं राष्ट्रपतीजी ने चिंता जताई। सरकार चलानेवाले लोगोंने  इस तरह तानाशाही की ओर नही जाना चाहिये। यह ऑर्डीनन्स वाला मामला तांत्रीक रुप सें भले ही ठीक हो, लेकिन लोकतांत्रिक दृष्टी से कतई ठीक नही। इस देश के चंद पुंजीपती जो कथित रूपसे  विकास करना चाहते है वह विकास किसानों के दमन से नही होना चाहिये। यह पूज्य बापूजी का देश है और यहां विकास का मार्ग ग्रामविकास सें ही हो कर गुजरता है, किसानों के कफन सें नही।  यह बात इस सरकार को वक्त रहते समझ लेनी चाहिये। मै देश के किसानोंको आश्वस्त करता हूं की लोकपाल के साथ साथ इस प्रश्न पर भी आंदोलन करेंगे। सभी किसान संगठनों के साथ मिलकर हम आंदोलन करेंगे और किसानों के हक के साथ किसी को खिलवाड नहीं करने देंगे। मै किसानों के लिये आंदोलन जरूर करूंगा। क्योंकी मै भी एक किसान का बेटा हूँ।

नये आंदोलन की योजनाएं बन रही है। शीघ्रही हम नये टीम का गठन करेंगे। संगठन की आवश्यकता को लेकर विचारविमर्श चल रहा है। संगठन में अवसरवादी लोगों की नही, प्रामाणिकता से काम करने वालों  की जरूरत है। देश के बहुत सारे युवा अब फिर सें राष्ट्र को भ्रष्टाचार एवं अमानवीय  पुंजीवाद सें बचाने के लिये आंदोलन मे शरीक होना चाहते है, उनका स्वागत है । रालेगन सिद्धी में कार्यकर्ता प्रशिक्षण निरंतर चलता है, उन सभी कार्यकर्ताओं को भी राष्ट्र कार्य में जोडा जायेगा।  रालेगन में मीडीया सेंटर (Rural Development Information Centrer) अब पूर्ण रूप से तैय्यार हो रहा है जहां से मै व्हीडीओ कॉन्फरन्स के जरिये देश के लोगों तक पहूंच सकता हूं।

मेरी हर सांस देश को समर्पित है। मैने  मेरी  युवा उम्र में ही प्रतिज्ञा की थी की जिऊंगा तो देश के लिये और मरूंगा तो भी देश के लिये। भ्रष्टाचार के खिलाफ लडने की प्रतिबद्धता को दोहराने के साथ साथ मै देशवासियों को फिर एक बार आंदोलन के लिये तैयार रहने की अपील करता हूं। जो कार्यकर्ता इस आंदोलन से जुडना चाहते है, उन्होने निचे दिए हुए पतेपर फोनद्वारा, इमेलद्वारा या वेबसाईटपर रजिस्ट्रेशन करके संपर्क करे।

जयहिंद।

भवदीय,
कि. बा. तथा अण्णा हजारे 


संपर्क के लिए पताः
भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन न्यास
रालेगणसिद्धी, ता. पारनेर, जि. अहमदनगर
महाराष्ट्र 414302, फोनः (02488) 240401
ईमेल- annahazareoffice@gmail.com

वेबसाईट- www.annahazare.org, www.joinannahazare.org.in