Saturday, 25 August 2012

जन लोकपाल, राईट टू रिजेक्ट, ग्रामसभा को अधिकार , जनता की सनद ऐसे कानून लाने की चाबी जनता के हाथ में है। इसलिए चारित्र्यशील लोगोंको संसद में भेजना पड़ेगा।




16 अगस्त 2011 को रामलीला मैदान में जन लोकपाल की मांग को ले कर मेरा अनशन हुआ था। उस वक्त देश की जनता करोडों की तादाद में जन लोकपाल की मांग को ले कर रस्ते पर उतर आई थी। अनशन के 13दिन के दौरान दिल्ली के साथ साथ देश के कई राज्यों में बारह दिन तक यह आन्दोलन चलता रहा। विदेशों में भी जहाँ भारतीय नागरिक हैं ऐसे कई देशों में भी अपने देश और देश की जनता के भलाई के खातिर आन्दोलन चला। लेकिन इस निर्दयी सरकार ने 12दिन तक जनता के उस आन्दोलन के बारे में कुछ भी  नहीं सोचा। अंग्रेजों की तानाशाही और आज की सरकार की नीति में क्या फरक है?

वास्तव में जनता ने हर सांसद को अपने सेवक के नाते संसद में भेजा है। इस लिए भेजा है कि सरकारी तिजोरी का पैसा जनता का पैसा  है। आप हमारे सेवक बन कर जाइये और हमारी तिजोरी के पैसों का समाज और देश की उन्नति के लिए सही नियोजन कीजिये ता कि देश के विभिन्न क्षेत्रों का सही विकास हो ।

संविधान के मुताबिक यह देश कानून के आधार पर चलने वाल़ा देश है ।  समाज और देश की उन्नति के लिए अच्छे अच्छे सशक्त कानून बनवाइए। संविधान के मुताबिक कानून बनाना सरकार का कर्त्तव्य है।कानून संसद में ही बनते हैं, इसमें दो राय होनेका कारण नहीं है, लेकिन लोकशाही में कानून बनाते समय जनता का सहभाग ले कर उस कानून का मसौदा बना कर वह मसौदा संसद में रखना जरूरी  है । जन लोकपाल कानून बनवाने  के लिए सरकार अपने इस कर्त्तव्य को भूल गई। कानून का मसौदा सरकारने बनवाया , जन सहभाग नहीं लिया इस कारन सरकारी लोकपाल कमजोर हुआ है।देश की जनता ने आन्दोलन के माध्यम से सरकार को  जन लोकपाल कानून बनाने के लिए बार बार  याद दिलाने का प्रयास किया लेकिन सत्ता और पैसे की नशा  कैसी होती हैं उसका उदाहरण इस सरकार ने न सिर्फ देश के सामने बल्कि दुनिया के सामने रखा है। दुनिया के कई लोगों ने  इस आन्दोलन को देखा है।  देश की जनता रस्ते पर उतर कर बार बार जन लोकपाल की मांग कर रही थी लेकिन सरकार ने जनता की मांग को ठुकरा दिया। लोकशाही वादी देश के लिए यह दुर्भाग्य की बात है।

भारत में हुए इस अहिंसावादी आन्दोलन की चर्चा दुनिया के कई देशों में चलती रही, आज भी चल रही है, कि देश के करोडॉ लोग जन लोकपाल की मांग को ले कर रास्ते पर उतर गए और 13 दिन आन्दोलन चलता रहा लेकिन किसी नागरिक ने  एक पत्थर तक नहीं उठाया, कई देशों को  भारत  के इस अहिंसा वादी आन्दोलन का आश्चर्य लगा, हमारे सरकार ने जनता के उस करोडो लोगों ने किये  हुए आन्दोलन की कदर नहीं की। इससे स्पष्ट होता है कि सत्ता और पैसे की नशा सरकार चलाने वाले लोगों को कितना बेहोश करती है इसका एक उत्तम उदाहरण इस सरकार ने देश के जनता के प्रति दिखाया गया अनादर, अनास्था के रूप में हमारे देश के और दुनिया के  सामने रखा है।

भारत की जनता के संयम की इतिहास में नोंद  हो सकती है। आन्दोलन करने वाले  लोग दो दिन, चार दिन  संयम रख सकते हैं, लेकिन 13 दिन सरकार द्वारा जनता पर अन्याय करने पर भी एक भी नागरिक के दिल में गुस्सा पैदा नहीं हुआ। अगर गुस्सा आया भी होगा लेकिन उन्होंने गुस्से  में प्रकट नहीं किया।  विशेष तौर पर 20 से 30 साल की उम्र वाले युवकों का खून अन्याय, अत्याचार से गरम हो जाता है। ऐसी स्थिति में  आन्दोलन में क्या क्या नहीं होता? हम कई बार कई  देशों में मार पीट, राष्ट्रीय और निजी संपत्ति की तोड़फोड़ -जला कर हानि करना  आदि उदाहरण  टी वी पर देखते हैं। महात्मा गांधीजी को चल बसे  64 साल बीत गए लेकिन अभी उनके अहिंसा वादी विचारों का प्रभाव हमारे देश के जवान कार्यकर्ताओंके जीवन पर बरकरार है। इस कारण अपना गुस्से को पीते हुए किसी ने एक पत्थर तक नहीं उठाया। ना ही कोई तोड़ फोड़  की। हो सकता है,  हमारे देश में चली आ रही ऋषि मुनियों की संस्कारात्मक संस्कृति का भी परिणाम  हुआ हो।

सरकार जन लोकपाल कानून बनाने के लिए खुद तैयार नहीं है,कारण भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण हो, यह  इस सरकार की मंशा नहीं है, इच्छाशक्ति नहीं है, और उनकी नीयत साफ नहीं है। अगर सरकार की नीयत साफ होती तो 44 साल में 8 बार लोकपाल का बिल संसद में आ कर भी 40 साल सत्ता में होते हुए लोकपाल बिल पास नहीं किया, अभी जनता डेढ़ साल से कह रही हैं जन लोकपाल का बिल संसद में लाओ। लेकिन सरकार लोगों की माँग की अनसुनी कर देश को अपने पक्ष और पार्टी की  सत्ता मान कर अंग्रेजों  की तानाशाही का रवैया अपना रही है। आज राष्ट्र से अधिक महत्व पक्ष को दिया जा रहा  है और पक्ष से भी बढ कर पक्ष की व्यक्ति को अधिक महत्व प्राप्त हो गया है यह लोकशाही के लिए बड़ा खतरा बना है, उसमें भी परिवार वाद - घराना शाही का खतरा बहुत बड़ा है। अगर जनता ने घराना शाही को देश में से समाप्त नहीं किया तो फिर से राजा,महाराजाओं जैसी हुकूमत आएगी। वह लोकशाही के लिए ज्यादा खतरनाक होगी । घराना शाही को समाप्त करना मतदाताओं के हाथ में है। मतदाताओं ने अगर तय किया तो मतदाता घराना शाही को रोक सकते हैं।

इस सरकार ने कई पक्ष और पार्टियों के विरोध के बावजूद राष्ट्रपति चुनाव के लिए बहुमत प्राप्त किया है। परमाणु शक्ति के लिए पक्ष और पार्टियों का इतना बड़ा विरोध होते हुए भी सरकार बहुमत प्राप्त कर सकती है, तो जन लोकपाल के लिए बहुमत प्राप्त क्यों नहीं कर सकती? लेकिन सरकार की मंशा नहीं है, इच्छाशक्ति नहीं है, नीयत साफ नहीं है । जन लोकपाल नहीं लाना पड़े इस लिए सरकार ने बार बार टीम अण्णा पर झूठे आरोप लगाये, मुझे कोई बिना किसी कारण से  तिहाड़ जेल में डाल दिया, बार बार झूट बाते रखकर, पलटी खा कर जनता से धोखा धडी की। जन लोकपाल बिल लाने के लिए सहयोगी पक्षों को मनाने का प्रयास करने के बजाय जन लोकपाल कानून ना बने इस बात को ले कर विविध पक्षों को संगठित किया और संसद में जन लोकपाल नहीं लाना  इसलिए प्रयास किये। मैं रामलीला मैदान के 13दिन के अनशन के बाद तबीयत ख़राब होने के कारण जब अस्पताल में भर्ती हुआ  था तब लालू प्रसाद जी  ने संसद में मेरी खिल्ली उड़ाने के लिए कहा कि  अण्णा के स्वास्थ्य के लिएखतरा है, हमें संसद में एक स्वास्थ्य कमिटी बनवानी चाहिए और लालू प्रसादजी के इस वक्तव्य पर कभी हास्यवदन नहीं दिखाई देने वाली श्रीमती  सोनिया गांधी बड़ी प्रसन्नता से हंस पड़ी। इस सरकार की नीयत साफ ना होने के कारण आज इनके कोयला घोटाला, 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला, कामनवेल्थ खेल घोटाला जैसे बड़े बड़े घोटाले बाहर आ रहे हैं, कई मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा, 15 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं।ऐसे घोटालो को रोक  थाम लग जाती तो घोटालों का करोडों रूपया विकास कार्य पर लगता और  हमारा देश तरक्की करता, गरीब अमीर का फासला नहीं बढ़ता। देश का सर्वांगीण विकास होता।

संसद में अपनी तनखा बढ़ाना और अपनी सुविधावों को बढ़ाना  और जन लोकपाल नहीं लाना इन बातों पर संसद में अधिकांश सांसदों की सम्मति बन सकती है। लेकिन जन लोकपाल पर सर्वसम्मति नहीं बनती यह बात देश के लिए दुर्भाग्य की है। अब एक बात स्पष्ट हो गई है कि आज संसद में बैठे हुए सांसद जन लोकपाल बिल नहीं लायेंगे। अब सिर्फ जन लोकपाल  कानून नहीं तो देश में संपूर्ण परिवर्तन लाने के लिए जनता ने सोचना है, संपूर्ण परिवर्तन की चाभी मतदारों के हाथ में है। सन 2014 में मतदान करते समय हर मतदाताओं ने  पक्ष-पार्टी को ना देखते हुए,चारित्र्यशील उम्मीदवारों को वोट दो। ऐसे चारित्र्य शील उम्मीदवार अगर संसद में गए तो जन लोकपाल तो आ ही जायेगा लेकिन साथ साथ गुंडा, भ्रष्टाचारी, व्यभिचारी, दहशत गर्द उम्मीदवार भविष्य में संसद में न जा पाएं  इस लिए राईट टू रिजेक्ट जैसा क्रान्तिकारी कानून भी बन सकता है। सत्ता का विकेंद्रीकरण होकर जनता के हाथ में सत्ता हो इस लिए ग्रामसभा जैसे कानून बन सकते हैं।

आज पूरी सत्ता सरकार ने अपने हाथ में रख रखी है। आजादी के 65 साल में भ्रष्टाचार को रोकने वाला एक भी कानून इस सरकारने नहीं बनाया। सूचना का अधिकार कानून के बनाने लिए जनता को 10 साल आन्दोलन करना पड़ा,तब सरकार ने  सूचना का अधिकार कानून बनाया। भ्रष्टाचार को रोकने वाला सख्त कानून ना  बनाने के  कारण भ्रष्टाचार बढ़ता ही गया है। लोकशाही अथवा जनतंत्र में सत्ता जनता के हाथ में होनी चाहिए क्यों कि जनता इस देश की मालिक है। 26 जनवरी 1950में देश प्रजासत्ताक हो गया है।  जनता ने अपने सेवक के नाते चुनकर भेजे हुए राजनेता जनता के सेवक हैं। राष्ट्रपतिजी ने जिन सनदी   अधिकारियों को गवर्नमेंट सर्वंट  (जनता के सेवक) के नाते नियुक्त  किया वे  भी जनता के सेवक हैं, जनता ने चुन कर दिए हुए राजकीय नेता गण और सभी अधिकारी हैं तो जनता के सेवक, लेकिन आज सेवक बन गए मालिक और जो जनता मालिक हैं उनको बनाया सेवक।  इस चित्र को बदल कर सत्ता का विकेंद्रीकरण करना होगा। जनता के हाथ में सत्ता होनी चाहिए, ग्रामसभा को पूरे अधिकार देने वाला कानून बनवाना जरूरी हैं।इसलिए अब जनता ने सन 2014 के चुनाव में जिन्होंने संसद में जन लोकपाल का विरोध किया है ऐसे सभी पक्ष और पार्टी के सांसदों को को दुबारा संसद में जाने से रोकना है, जनता के लिए यह  असंभव नहीं है । कारण  मतदार ही इस देश का असली राजा है और राजा ही यह कर सकता है। सिर्फ सोच समझ कर मतदान करना है। पक्ष और पार्टी को मतदान ना करते हुए चारित्र्यशील उम्मीदवार को ही मतदान करना है।

जय हिंद।

(कि. बा. उपनाम अण्णा हजारे )

79 comments:

  1. Can someone post an English translation also please?

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    1. ENGLISH TRANSLATION = COURTESY GOOGLE TRANSLATE
      PART 1

      Jan Lokpal, right to reject, the Gram Sabha rights, public key certificates of such legislation is in the hands of the public. Charitryshil people will have to send it to Parliament.



      On August 16, 2011 to demand the Jan Lokpal at the Ramlila ground was my fast. At that time, hundreds of millions of people of the country to demand the Jan Lokpal came out on the streets. During the 13-day hunger strike along with Delhi in several states of the country, the movement continued for twelve days.But the government 12 days to unkind people thought nothing about the movement. What the British Government's policy of dictatorship and today is the difference?

      Every member of the public, as your servant is sent to Parliament. The public money is sent to the government's money is safe.

      According to the law based on the Constitution of the country Walha country. Strong laws for the advancement of society and country Bnwaia good things.Jan Lokpal draft law, the government has forgotten his duty.His example not only to the country but the government is put in front of the world. This movement has seen many people of the world. Off at the people walking repeatedly demanding Jan Lokpal but the government rejected the demand of the people. Plaintiff democracy to the country, it's unfortunate.

      not be picked up, many countries began to wonder India's non-violence movement plaintiff, our government of the people by the millions of people would not care movement.

      Entry in the history of the people of India have restraint. The movement of the two-day, four-day abstinence may, however, be unjust to the public by the government on 13 days in the heart of a citizen not born angry. If you would be angry, but he did not appear angry. Especially the blood of youth 20 to 30 years old injustice, tyranny gets warmer. What happens in the movement in such a situation? We sometimes kills many countries, national and private property Demolition - burn damage etc. Examples see on TV. Mahatma Gandhi plaintiff died 64 years have passed but still influential non-violence on the lives of our nation's young Carykrtaonke intact. Sipping your anger because someone did not pick up a stone. Nor to break. Maybe, sage sages standing in our country have been the result of a sacramental culture.

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    2. part ii

      Prepare yourself for the Jan Lokpal legislation is not to create corruption-free India, it is not the intent of the government, there is no will, and their intentions are not clear.But the government rejected the demand of the people of the land to the British side and the party mode is dictatorship.If the people of the country did not finish the royal family, the king will rule as kings. It would be more dangerous for democracy. To eliminate the royal family is in the hands of voters. Voters will decide if voters can stop the royal family.

      Despite the Government party and opposition parties have won a majority for the presidential election. Nuclear power and the party's major opposition parties won a majority government can Notwithstanding, the Jan Lokpal Why can not the majority? The Government's intention is not, will not, is not the intention clear. This does not have to bring Jan Lokpal Team Anna, the government repeatedly made false accusations, I put in Tihar jail for no reason, repeatedly putting false things, stopwatch somersault to cheat the public.I Ramlila ground 13-day fast after feeling well due to the hospitalization was Laloo Prasad in Parliament fun of me for blowing the Anna's health Liaktra, we in Parliament Health Committee Bnwani and Prasadji Lalu's statement appears to be never Hasyvdn Sonia Gandhi gladly laughed. The government's intention is not clear because today their coal scam, 2G spectrum scam, Commonwealth Games scam big scam coming out, the resignation of several ministers, 15 ministers have been accused of corruption. Such scams to would seem to prevent the money from the millions of scams on the development and promotion of our country does not grow poor-rich gap. The overall development of the country.

      TANKHA increase in Parliament and not bring Jan Lokpal Suvidhavon amplify and most MPs in Parliament's opinion on these points may be created. But it makes no consensus on Jan Lokpal is unfortunate for the country. Now, one thing has become clear that the Jan Lokpal Bill in Parliament today will not have a sitting MP. Jan Lokpal law in the country just to get people to think about the change, the change is in the hands of key Mtdaron. While every electorate voted in favor of the year 2014 - the party is not given, please vote for candidates Charitryshil If the character Modesty candidate if the Jan Lokpal in Parliament, but it will come up with punk, corrupt, immoral, panic candidate drugs in the future will not get to Parliament the right to reject the revolutionary as it can become law. Decentralization of authority and power in the hands of the public have become the law of the Gram Sabha.

      Today, the power, the government has put in his hands. Preventing corruption in 65 years of independence, the Government did not make a single law. RTI movement 10 years the public had to make the law, the government created the RTI Act. The strict laws to prevent corruption or corruption is increasing. Democracy or democracy in power in the hands of the people, why should the people of this country owns. The country has Prjasattak January 26, 1950. As an elected public servant, sent his political public servant. President of the Institute of Chartered Srwnt Government officials (public servants), he was appointed as a public servant, the state has been chosen by the public authorities and the public servants union leader, made the owner and the servant of today created a public servant who is boss. Decentralisation of power will change the picture.to prevent, to the public, it is not impossible. Mtdar the real king of the country, and the king could do it. Just thought to vote. Party and the party by not voting Charitryshil only candidate to vote.

      Jai Hind.

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  2. Use http://translate.google.com

    than select hindi to English option.

    Thanks


    www.indiaagainstcorruption.org

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  3. अन्नाजी, हम सब बड़ी हसरतों के साथ आपके आन्दोलन से जुड़े हैं. परन्तु मेरे ख्याल से तीन बार सिर्फ अनशन करके आपने केवल पहले पायदान पर खड़े रहने का कार्य किया है. कृपया इस आन्दोलन को कुछ आगे बढ़ाईये. मेरे ख्याल से अगला कदम सविनय अवज्ञ का होना चाहिए था, जिसमे आप देश की जनता से एक हफ्ते के लिए सभी सरकारी दफ्तरों का बायकाट करने के लिए कहते. सिर्फ जिनको इमरजेंसी हो उनको छूट हो कि वो सरकारी दफ्तरों में जाएँ.

    सधन्यवाद
    विनय प्रताप
    लखनऊ.
    vinaybps@gmail.com

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    1. Vinay Ji, achhi baat kah rahe hain aap.
      Nitin Raut

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    2. not possible man...this is not the same india as we had in 1947...today we want to save our nation, we want to fight against corruption but we also don't want to loose our jobs...that's why u will find a large crowd in "Anshan" on Saturdays and Sundays...not during the mid week...

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    3. I am agree with u mr Ashish.Its not possible to close offices. If u realy want to close then closes "LOKSABHA", "RAJSABHA".

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  4. लूजर कही के ...अरविन्दवा तो भगा दिया अन्ना को ... लोल

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    1. This comment has been removed by the author.

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    2. ए चौपट चपाट अरविन्द्वा को क्यों दोष देतो हो वो तो अन्ना का जैसा भी हो एक सिपाही हैं , समझे नाही का ? बक-लोल

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    3. Wat r u disgusting man.. Arvind kejariwal is a great man he is not a simple man..If u don't know any think about Arvind then don't comment anythnig.

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  5. nothing has happened to their protest..it is same as it was...it's u who is changed...just because u r impacted by those congressian speeches again...if u r true by heart..think of the TEAM why they r doing this...i support anna and team...yesterday..today..tomorrow...just use ur brain and think what these politician do at the time of election ..they just give you captivating speeches..and as like many of us...we believe them and give our vote to them...this time go for the right not for captivating speeches
    Arvind ji doing all the things after discussion with anna..

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  6. अण्णांबरोबार संपूर्ण देशाने उभे राहिले पाहिजे! नुसते त्यांचा ब्लॉग किंवा फेसबूकवर पाठिंबा देऊन काही उपयोग होणार नाही! अण्णांच्या पुढच्या अंदोळणात संपूर्ण देश रस्त्यावरयायला हवा!
    अरविंद केजरीवाल ह्यांच्या खाण घोटाळ्यासंबंधी पंतप्रधान व विरोधीपक्षनेत्याच्या घराला घेराव घळण्याच्या भूमिकेशी आम्ही सहमत आहोत, मात्र Team-Anna ची सद्यपरिस्तितीतील ताकद लक्षात घेता सत्ताधारी व विरोधकांशी एकत्र लढणे शक्य नसल्याने, विरोधीपक्ष्यांच्या मदतीने सरकारवर कुरघोडी करून, देशाची सूत्र स्वतच्या ताब्यात घ्यावीत आणि नंतर त्यांचीहि सफाई-मोहीम हाती घ्यावी!
    येथून पुढे आंदोलन हाती घेण्यापूर्वी संपूर्ण देशभर कार्यकर्त्यांचे मजबूत जाले विणावे व नंतर स्थानिक स्वराज्य संस्थानपासून - संसदेपर्यंत सर्व ठिकाणी एकसाथ हल्ला चढवावा & सविनय कायदेभंग व थोड्या जहाल पद्धतीने आंदोलण करावे! उदा. रास्ता-रोको, रेल-रोको, संसद,विधानसभा,महानगरपालिका,नगरपालिका,ग्रामपंचायत व सर्व सरकारी कार्यालयांना घेराव घालून काम बंद पाडने इ॰

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  7. It's nothing about to be depress. The fight which Anna Hazare & whole team of IAC is doing that is not a small fight.

    And don't assume that in this fight govt. will support you because ultimately this fight is against the corruption of govt.

    And the people those are corrupt and are in power as well will not let the people to do any movement against them.

    This will be a big revaluation and each people who's really fighting against corruption, they have to feel theirselves as Soldier (like who fought in LOC to save our country without thinking that they'll be live to see that day and many of them loose their live)

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  8. they can play league matches separaely. but they have to play final jointly. anna team and ramdeo team. vandematram

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  9. Anna is you have given goal to our nation's youth . We will fight for corruption and we all know it will be a ongoing fight but we wont stop till we get our goal .....that is a corruption free Bharat .

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  10. Caste = Corruption
    Anti-corruption is a cheap tool/trick used by the forward caste to promote their hegemony over BC/SC/ST/Minority communities in India.
    Google "List of scandals in India".
    90% of corrupt money is with forward caste people in India. Their overall population in India is 5% to15%.
    Tell forward caste people to take their caste share of land as per 4th August 1932 Round Table Conference Resolution and go build their own nation.
    Google "Communal Award".
    (2012)
    * Black/corrupt Money in Swiss banks = $1.4 trillion(FC)
    * IGI Airport scam = $32 billion(FC)
    * Coal Mining Scam = $213 billion(FC)
    * Karnataka Wakf Board Land Scam = $39 billion(FC)
    * Andhra Pradesh land scam = $20 billion(FC)
    * Service Tax and Central Excise Duty fraud = $3.82 billion(FC)
    * Gujarat PSU financial irregularities = $3.39 billion(FC)
    * Maharashtra stamp duty scam = $126 million(FC)
    * Highway scam = $13.97 million(FC)
    * Ministry of External Affairs gift scam = $100,000(FC)
    * Himachal Pradesh pulse scam = $200,000/month(FC)
    * Flying Club fraud = $38 million(FC)
    * J&K Cricket Association scam = $10 million (MC)
    * Punjab paddy scam = $3.59 million(FC)
    * Arvind Joshi and Tinu Joshi = $50 million(FC)
    * Uttar Pradesh seed scam = $9.98 million(FC)
    (2011 - 1948)
    * Obsolete French Fighter Jets = $11 billion(FC)
    * NHRM = $2 billion(BC)
    * Goa mining scam = $700 million(FC)
    * Noida Corporation farm land scandal = $40 million(SC)
    * Bellary mines scandal = $3.2 billion(FC)
    * BL Kashyap EPFO Scam = $118 million(FC)
    * Hasan Ali Khan = $8 billion(MC)
    * ISRO-Devas = $300 million(FC)
    * Cash-for-votes = $715,000(FC)
    * 2G spectrum scam/Radia Tapes = $6.9 billion(BC)
    * Adarsh Housing Society(FC)
    * Commonwealth Games = $15.5 billion(FC)
    * LIC Housing Loan scam = $200 million(FC)
    * Belekeri port = $12 billion(FC)
    * Lavasa = $80 million(FC)
    * Uttar Pradesh Food Grain = $44 billion(BC)
    * APIIIC = $2 billion(FC)
    * IPL Cricket = $8 billion(FC)
    * Madhu Koda = $800 million(SC)
    * UIDAI = $1 billion(FC)
    * Vasundhara Raje land scam = $4.4 billion(FC)
    * Satyam = $1 billion(FC)
    * Scorpene Deal = $10 million(FC)
    * Oil-for-food programme (Natwar Singh) = $10 billion(FC)
    * Gegong Apang PDS = $200 million(ST)
    * Taj corridor = $44 million(SC)
    * Ketan Parekh = $200 million(FC)
    * Barak Missile = $200 million(FC)
    * Calcutta Stock Exchange = $2 million(FC)
    * Cobbler scam = $214 million(FC)
    * Sukh Ram = $5 million(FC)
    * SNC Lavalin = $10 million(FC)
    * Advani Hawala = $18 million(FC)
    * Bihar fodder = $211 million(BC)
    * C R Bhansali = $200 million(FC)
    * Pickle bribes = $20,000(FC)
    * Telgi scam = $4.46 billion(MC)
    * JMM bribes = $59,000(FC)
    * Sugar import = $130 miillion(MC)
    * Harshad Mehta = $800 million(FC)
    * Indian Bank = $260 million(FC)
    * Bofors = $400 million(FC)
    * HDW commissions = $4 million(FC)
    * Antulay = $6 million(FC)
    * Nagarwala = $1 million(FC)
    * Haridas Mundhra = $10 million(FC)
    * Kuo oil scandal = $440,000(FC)
    * Teja loans = $5 million(FC)
    * BHU = $100,000(FC)
    * Jeep scandal = $160,000(FC)

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  11. ANNA ji is not that much dump as media project him and says ARVIND hijacked his andolan, if anyone has this misconception kindly hear his speeches when he was quite young i am sure you will be shocked to see his energy level and presence of MIND; summary is ALL ARE UNITED as one TEAM.
    jai hind

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  12. Dear Annaji; I agree with your Jan Lokpal requirement but please let us know is Janlokpal the only requirement and will be the remedy for entire ills of our Motherland...Is Congree the only Party for this situation of our Country.....Why can't we as Indians be part of revolution of small things everyday..like red light jumping, not following trafic rules, using abusinve language, ill treatment of women and weaker sections of the society..so on and so forth...Lokpal will automatically come once we become GOOD INDIANS "HUMAN BEINGS FIRST"....

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  13. This goverment will not hear on the basis of fast.Enter into plitices is a gud step and all people welcome it.

    I think you shud first contest Delhi election and I am sure that your new party will win.Then your fight with corruption will automatically will more strong.

    I fully support Arvind kejriwaal and his movement.

    Regards,
    Rajesh sahu

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  14. ALL, look at what 4thAugust193226 August 2012 04:00 said above.

    Should not he be prosecuted for waging war against nation by spreading hate against forward caste. I wonder where are the Intelligence agencies not doing anything to stop hatred on web.
    He is telling forward caste persons to create their separate nation. Do not think that you are not traceable. I see you have spread hate content against forward caste at youtube also. I request you to join streamline of country and leave this terrorism.

    Please do not talk like British who divided and ruled.

    You " 4thAugust193226 August 2012 04:00" further listen, It is not all reservation because of which you are surviving but also because Average Indian has more tolerance than you. Do not forget that It was Nehru and VP Singh and Gaikwar King to Support Ambedkar and reservation. Do not be ahsaan-faramosh. Please keep quiet and do not utter any single word against persons of blue birth. I think enough said you know everything has limit. Do not test patience of Fair caste.

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  15. Right to reject and right to recall ke liye deshvyapi andolan hona chahiye . annaji , aap hamare logo ke liye prerna ke shrot ho . long live anna hazare .

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  16. After all turbulent years in India ,democracy still exists in unique forms.Common man,to gain power,position,respect,etc has worked hard and have improved his intelligent quotient and in the process has learned the importance of emotional expression for survival and adaptation.Though IQ and EQ looks at cognitive intelligence.Nevertheless,SQ on the other hand aims to encourage people to find ways of sensing channels of inspiration floating in the universe.If only a person improves his SQ then only he can sense the right or wrong of his actions and will become aware of the consequences.
    Democracy as in Oxford Dictionary has been stated as Noun and defined as a system of government by the whole population or all the eligible members of a state, typically through elected representatives.But should democracy be treated as a noun.Democracy is a verb, not a noun. It’s an active condition, not merely a state of existence. A journey, and not a destination. Yet,it has been the destination of many to gain position,power and money.A person takes oath of delivering his service fairly and in a transparent manner.But what makes him corrupt then.His ambition to live a king-size life or to secure his family socially and economically.Why He denies to follow the constitutional law set by our founding political leaders and the goals set in the preamble of the constitution.Why he treats Democracy as a noun ,as an entity ?

    Can this situation be resolved when the leaders who govern us are itself wrong.Will they accept their mistakes?A straight answer,"No,They won't".Then,what is the remedy to this situation.It is only possible if we come front at our own levels with available resources and fight against such evils which have restrain us from doing our duties and curbing our rights as a democratic citizen.Instead of analyzing hundred of issues concerning the welfare of the nation and accepting theories and making the situation worse by helping it to make a national issue,we should fight and make the corrupt officials realize that they lack spiritual quotient.Democracy was,is and will always in question in its theory but we should remember that is this Democracy which makes us confront a higher authority when they are wrong.So,it is the play of three quotient viz.,IQ,EQ and SQ which may help in long run to bring economic as well as political stabilisation.

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  17. Jai Hind. I Support anna! Anna aap party banaiye hum aapko vote karange.

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  18. Rajiv Ganghi ni 64 Crore ka Corruption kiya tha ,usme wo 2/3 majority ke government chli gye thi , us time to media ka coverage itna nhi tha tab unke Government chala gya ,but now Congress have only 205 MP and corruption more than 400000 Crore ,pta nhi Manmohan ko se wonderland me hi,jo 8 sal me apne liye 1 seat bhi nhi bna ske ..Is bar BJP ki sarkar nhi ayegi jo tum lojo ko bcha legi ,Election se phle khte hi ye Congress wale even till now NDA ki government bahut Corrupt thi par tum congress walo se in 8 year no case file agents NDA even BJP government in M.P. Uma Bharti aur Sivraj singh khte to hi aur hme pta hi ke Digvijay Singh ke Government ne bahut Corruption kiya yha sach hi but same story no arrest till date ,is bar Janta ke Government ayegi ,tum sab ko jai jana pdega..Jai Hind

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  19. aap kuchh bhi kar lo es sarkar ko koi fark nahi padne wala.sarkar to bideshi hai use kya fark padta aap ji rahe ho ya mar rahe ho.jis tarah angrejo ne bharat ko luta usi tarah sarkar lut rahi hai..ye mat socho ki aap ajad ho abhi bhi hamara desh gulam hai es sarkar se.
    wakaie ajad karna hai to es sarkar ko hamesha k liye khatam kar do aur jan lokpal bil pas karo aur dekho india ki tarkki..

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  20. mai aapse sehmat hu... anna ji aapko andolan ko ek nai rsh pr aage bhadana chiyea tha kyoki iss sarkar ko kuch nahi dikh rha.. ye log sansad ko ek business ki tarah le rhe h.. apne fayde k liye kanun banana or jaeb garam krna... isse hum sab bahot hatash h.. aisa lagta h ki sahido ne jo desh ko aajad kraya vo sab fijul gya.. aab desh me fir foot dalo or shashan kro ki neeti chal gai h.. jaati, dharm or aarakshan k naam pr rajneeti chal rhi h.. aap bataye aise me kya kiya jaye...

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  21. अब ना सत्तापक्ष, ना विरोधीपक्ष, अब जनता का हो 'आर्थिक पारदर्शी चरित्र के सांसद' चुननें का एकमात्र लक्ष्य। PLZ.ASK ME DETAILS.

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  22. Anna-ji,

    India is free but Not the Indians!!!!!

    India is a failed democracy. Constituion gave voting rights to every citizen without even thinking whether these people realize the value of their right.

    In US also voting was given for 200yrs only to white men (forward class) and early 1900s it was extended to white women and in 1950-60 extended to Black people. Similarly in India voting should be given based on education level/tax-payee assessment. You cannot give voting rights to uneducated people/backward people who are no different from cattle/dogs to cast their vote to a corrupt candidate for just Rs50-100.

    One more reason for corruption is India got freedom by begging (non-voilence) not by bloody revolution. Around the world countries which had a voilent freedom revolution, citizen are patriotic and realize the value as a citizen. India needs a long awaited revolution/civil war to become a clean nation

    Regards,
    Sandeep Jain

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  23. Jai Hind. hum apke sath hai anna ji

    I Support anna! Anna aap party banaiye hum aapko vote karange.

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  24. Jai Hind Annaji,
    Can you please make personal request to Hon. Supreme Court must address and restrict use of force against peaceful protestors. Is it bravery of Govt to use force against peaceful protestors? Govt must not make mockey of Democracy. Citizens believing in Democracy must appeal Hon. Supreme Court to step in and the Court also must do so suo moto to upheld Democratic Rights of citizens.

    I believe in gram sabha, Just to tell you ,my brother visited you 12 yrs back and listens your thoughts on Gram sabha ,and now after completing his MBA he is moved back to our Village and heading Gram Panchayat Chikhalgaon and indulge himself against corruption.I know how village suffer due this corrupt politician. Planning to meet you soon. I have already been their at your Karma Bhumi 2-3 time. But not got chance to share thoughts with you.


    Bharat Mata Ki Jai.
    Ajay Pimpalshende
    Chikhalgaon , Tq : Wani
    Dist : Yeotmal.
    Email : ajaypimpalshende@yahoo.com

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  25. प्रिय अन्ना जी , म एक अदना सा लेखक हूँ ,लेकिन म हमेशा सच्चाई लिखता हूँ , आप के साथ वास्तविक जिंदगी मे न सही , लेकिन खबरो की दुनिया से आप से जुड़ा हुआ हैं , मुझे बड़ा अफ़सोस हुआ था जिस दिन आपने , राजनैतिक पार्टी बनाने की घोषणा की थी , लेकिन अब आपको एहसास हो गया की ऐसा करने से , जनता आप से नही जुड़ी रहेगी , अब आपने बीच का रास्ता अपनाया है , जिस जज़्बे से आपने जनलोकपाल की आवाज़ उठाई थी , वो ज़ज़्बा आज भी कैसे कायम रह सकता है , आपने शायद कभी गौर नही किया ,
    आपकी सबसे बड़ी पहली भूल थी , अरविंद , मनीष और गोपाल राय को अन-शन पे बैठाना , आपकी दूसरी बड़ी भूल थी ,अन-शन तोड़ने का बे-तुका बहाना (मजबूरी)
    आपकी आँखे शायद अब खुल गई होंगी , आप अब सब को साथ ले कर ,बिना मतभेदों के सिर्फ़ जनलोकपाल के लिए लड़ें , जनता आपका साथ देगी , और देश का भी भला होगा
    आंदोलन को धार देने के लिए , एक दिशा हीं रण नीति की बज़ाए अछी रन नीति बनाएँ
    आपने देश को मझदार मे छोड़ दिया , देश आपकी तरफ आस लगाए बैठा है , एक ससक्त नेत्रत्व ओ देश को मिला था , वैसे नेत्रत्व को दोबारा मिलने मे वर्षों लग जाएँगे
    मेरी गुज़ारिश है की देश वासियों की ख्वाहिश देखते हुए , आप ज़ोर-शोर से मैदान मे उतरें , और आशातीत देश वासियों का बेड़ा पार लगाएँ
    आपका अपना , एक देश भकत सिपाही

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    1. hum log ithas padh padh kar aur usme panipat ki 3 ladaiyon me haar ke kaaran rat rat kar bade hue hai, bade ho gaye hai, lekin aadat nahi gai. abhi abhi bhi usi tarake se chipke huye hain.
      agar vichar kar sakte hain, to bataiye ki jis mod par kadhe hain, aur jo 3 prashn anna ji ne jantar mantar se aapke samne rakhe the, unka samadhan kya hai.

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  26. Vote if you know whom to vote, before voting ask your self what good your elected representative will do to country, if you find right ans Vote else DO NOT CAST YOUR VOTE

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  27. Jai Hind. hum apke sath hai anna ji

    I Support anna! Anna aap party banaiye hum aapko vote karange.

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  28. The movement has done great things to country, even till now. A lot of people have woke up during the period BUT the problem here is about entering to politics. Although I don't agree fully to philosophy of Gandhi which you follow, took almost 4 decades to do what is assumed the reason for Indian independence. So, there was a self control and great resilience which held the movement going on [before 1947]. I think, if you could have sustained for another year, it would have made a great difference.
    Anyways, Irony is that we, the Indian people have to fight against the Indians, who are leaders, who are corrupt and I totally agree to Kejriwal ji that ~50% of them are not at all suitable for where they are. At the same time, I doubt on the population of India who gave them chances to ride us on...and keep giving them chances to ride on us.
    I'm optimist and hope there'll be a way out..as I don't see the political game plan of Kejriwal ji working in 2014....also, I'm afraid that they will only favor Congress in elections of 2014 as only the BJP votes may go to them :-(
    God bless you, Sir !!

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  29. i agrree with you
    i and my teem sapoted form you any where and any time
    but you don't stoped thise mouvment....
    i tack for you plz give me a your contact nomber
    jay Hind

    (nagsensurwade.blogpost.com Mo:- 8975008429)

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  30. Please post the blog in English instead of Hindi, in order to get the message to broader audience. Somebody translated in the comments section, but it will not be useful.
    As lot of people after looking at the hindi post will go away.

    Consider the below points why i am recommending posting in English
    1. Majority of the people who visit blogs are urban/convent educated in English mediums.
    2. All southern states will not welcome any messages in Hindi
    3. Only few states like UP, Bihar MP, Delhi, Haryana and rajasthan speak hindi other states have their own language and prefer English after their mother tongue.

    Thanks
    Subhash

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  31. Anna

    I totally agree with all your efforts and fully support your decision on entering Politics. As all the list of items you pointed will be a reality only after it is heard loudly in the Parliament.

    I will definitely hope that after your party contest the elections first major victory i see is increase in the number of voteshare. There is a feeling(True not Not) that most of the people do not go to vote, because they do not see a proper candidate. So after your party enters that undecided voteshare will also vote.

    Subhash

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  32. Hello Annaji and fellow bloggers I really admire you Annaji and appreciate fellow bloggers endorsement for a noble cause of Anti-Corruption.
    But I want to question the stand on jan laokpal bill contents and implementation feasibility where political corruption is the root cause and is mother of all evils. If I am not wrong the genesis of corruption starts from Law makers election money. Nothing comes for free in India or anywhere, but where the money is coming for political parties to run Indian democracy? Simple answer is just none other than through corruption.
    I strongly believe we need a time bound frame work and concrete steps to implement anti-corruption focusing transparent political funding for parties to run democracy as first step. Ideally all political parties should form a consortium and embrace an apparent mechanism to collect funds for their political propaganda.
    Annaji I really admire you for creating awareness against corruption but concerned more of missing reality for implementing anti-corruption. I wish your team focus more on pragmatic solutions accounting ground reality.

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  33. Why should 'nt our Rupee higher than dollar - 1 Rupee = 50$. Even we have gr8 Architects , Doctors , Engineers , Sceintists , Army Men , Land , Production & Arms.

    Just Because of Corruption, people enters in polytics for money , for power, for career.They invest money for buying the party tickets thats why they promote corruption for the sake of their pockets. why party is selling tickets just because of demand and corruption. Right to Reject is a right way to handle this but if they pass this bill.

    May be if No Anna supporters will vote because "Sab Sab Ke Chor Hain" that will be awakened call.

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  34. Dear Annaji,
    If you want to succeed in this andolan, very first you have to unit your collegues specially Mr. Kejriwal and Mrs.Bedi. There have been a regular news about differences within your team members. If you and your members are not united and firm on the strategies and future plans, how will you fight with Government like congress? Now common man has started feeling demoralised with your andolan and on the other hand congress is feeling happy to see your andolan failed. Now Try to send positive message in society about your team members and your future victory so that people will join you again.

    Alim Manyar

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  35. this only start of fight,there is so length to get target success

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  36. we r going to fight for real freedom of our country

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  37. great i am with arvind and annaa,true soul

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  38. भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन जनता का आंदोलन है. आंदोलन का रूप बदल गया है. बदला रूप पिछले दो दिनों में दिल्ली में देखने को मिला. अब देखना यह है कि इस बदले रूप को जनता किस सीमा तक स्वीकार करती है. लोगों के मन में जितना आदर अन्ना के लिए हैं उतना केजरीवाल और उनके साथियों के लिए नहीं है.

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  39. Caste = Corruption
    Anti-corruption is a cheap tool/trick used by the forward caste to promote their hegemony over BC/SC/ST/Minority communities in India.
    Google "List of scandals in India".
    90% of corrupt money is with forward caste people in India. Their overall population in India is 5% to15%.
    Tell forward caste people to take their caste share of land as per 4th August 1932 Round Table Conference Resolution and go build their own nation.
    Google "Communal Award".
    (2012)
    * Black/corrupt Money in Swiss banks = $1.4 trillion(FC)
    * IGI Airport scam = $32 billion(FC)
    * Coal Mining Scam = $213 billion(FC)
    * Karnataka Wakf Board Land Scam = $39 billion(FC)
    * Andhra Pradesh land scam = $20 billion(FC)
    * Service Tax and Central Excise Duty fraud = $3.82 billion(FC)
    * Gujarat PSU financial irregularities = $3.39 billion(FC)
    * Maharashtra stamp duty scam = $126 million(FC)
    * Highway scam = $13.97 million(FC)
    * Ministry of External Affairs gift scam = $100,000(FC)
    * Himachal Pradesh pulse scam = $200,000/month(FC)
    * Flying Club fraud = $38 million(FC)
    * J&K Cricket Association scam = $10 million (MC)
    * Punjab paddy scam = $3.59 million(FC)
    * Arvind Joshi and Tinu Joshi = $50 million(FC)
    * Uttar Pradesh seed scam = $9.98 million(FC)
    (2011 - 1948)
    * Obsolete French Fighter Jets = $11 billion(FC)
    * NHRM = $2 billion(BC)
    * Goa mining scam = $700 million(FC)
    * Noida Corporation farm land scandal = $40 million(SC)
    * Bellary mines scandal = $3.2 billion(FC)
    * BL Kashyap EPFO Scam = $118 million(FC)
    * Hasan Ali Khan = $8 billion(MC)
    * ISRO-Devas = $300 million(FC)
    * Cash-for-votes = $715,000(FC)
    * 2G spectrum scam/Radia Tapes = $6.9 billion(BC)
    * Adarsh Housing Society(FC)
    * Commonwealth Games = $15.5 billion(FC)
    * LIC Housing Loan scam = $200 million(FC)
    * Belekeri port = $12 billion(FC)
    * Lavasa = $80 million(FC)
    * Uttar Pradesh Food Grain = $44 billion(BC)
    * APIIIC = $2 billion(FC)
    * IPL Cricket = $8 billion(FC)
    * Madhu Koda = $800 million(SC)
    * UIDAI = $1 billion(FC)
    * Vasundhara Raje land scam = $4.4 billion(FC)
    * Satyam = $1 billion(FC)
    * Scorpene Deal = $10 million(FC)
    * Oil-for-food programme (Natwar Singh) = $10 billion(FC)
    * Gegong Apang PDS = $200 million(ST)
    * Taj corridor = $44 million(SC)
    * Ketan Parekh = $200 million(FC)
    * Barak Missile = $200 million(FC)
    * Calcutta Stock Exchange = $2 million(FC)
    * Cobbler scam = $214 million(FC)
    * Sukh Ram = $5 million(FC)
    * SNC Lavalin = $10 million(FC)
    * Advani Hawala = $18 million(FC)
    * Bihar fodder = $211 million(BC)
    * C R Bhansali = $200 million(FC)
    * Pickle bribes = $20,000(FC)
    * Telgi scam = $4.46 billion(MC)
    * JMM bribes = $59,000(FC)
    * Sugar import = $130 miillion(MC)
    * Harshad Mehta = $800 million(FC)
    * Indian Bank = $260 million(FC)
    * Bofors = $400 million(FC)
    * HDW commissions = $4 million(FC)
    * Antulay = $6 million(FC)
    * Nagarwala = $1 million(FC)
    * Haridas Mundhra = $10 million(FC)
    * Kuo oil scandal = $440,000(FC)
    * Teja loans = $5 million(FC)
    * BHU = $100,000(FC)
    * Jeep scandal = $160,000(FC)
    I fully accept this.Forward caste play a crucial role in each every corruption of Our Mother India 97% People licking these 3% FC then where is the progress annaji.PlZ put your in heart then only u realize these facts

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  40. इतिहास में ऐसा कोई सक्स बताइए जिसने गलती न हुई हो , दुःख इस बात का होता है की जिन लोगो की इतनी औकात नहीं के अपनी गली में खड़े हो कर पार्षद का विरोध करे या समाज मोहल्ले के हित में कोई काम कर सके ऐसे लोग भी ज्ञान बाटते फिरते है . मेंरा अनुरोध है के हमें अन्ना केजरीवाल या किरण में नहीं उलज़ना है , जो भी प्रयास देश हित में या कोई नयी पहल देश हित में होती है तो छोटी मोटी गलतियों को माफ़ करते हुए समर्थन करे . इतने साल बात उम्मीद तो जागी इस उम्मीद को जिन्दा रखने के लिए अपनी और से हर संभव मदद करे कुछ नए सुझाव दे ...अन्ना अरविन्द किरण से महत्वपूर्ण देश है .... ये मात्र जरिया है और हमें इन्हें आगे बढ़ाना है .......

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  41. Anna jee aap ne ek nahut accha kaam kiya wo ye kee aapne in saare hi tech looteron ko nangaa kardiyaa lekin ye itne besharam hain kee in ko koi farak hee nahee padta, Bhaiyon hum sab ko anna jee kaa saath dena chahiiye poore tan man aur dhan say taakee hum apne watan ko in looteron se bacha sake.

    Jai Hin

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  42. मैं अन्ना और उनके सभी आन्दोलनों का सम्मान करता हूँ। हांलाकि टीम के सदस्यों में विचारो को ले के कुछ मतभेद थे लेकिन यह तो साधारण की बात है की जहाँ ४-५ लोग होंगे वह मतभेद होता ही है और यह हमारी भ्रष्ट मीडिया का काम है जो हमारा दयां भ्रमित करने के लिए मेन मुद्दे से हट के खबर दिखाती है। लेकिन हमे एक साथ इस लडाई में उतरना है और डेट रहना है। लेकिन मुझे एक चीज़ थोडा आशंकित लगती है की पहले तोह अरविन्द जी पूरे राजनीतिक समूह को अपने लपेटे में लेते थे लेकिन जबसे इन्होने अपनी पार्टी बनाने का ऐलान किया है तब से इनके निशाने पर सिर्फ देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टिया कांग्रेस और बीजेपी को ही क्यों टार्गेट कर रहे है क्योकि अब जब इन्हों ने राजनीती में कदम रख दिया है और इनको पता है की २०१४ में इनका सामना इन्ही दोनों पार्टियों से होना है तो अब सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी ही निशाने पर है और फिर इसकी क्या गारंटी है की अगर यह लोग सत्ता में आये तो यह भी पाक साफ़ रहेंगे क्युकी एक देश की राजनीती को संहालने में कुछ छोटे मोटे भ्रस्ताचार मुमकिन है तो ऐसे में यह कहना की बीजेपी और कांग्रेस को हटाना है और टीम अरविन्द को लाना है तोह मुझे अरविन्द के चरित्र पर शक होता है हाला की इसमें कोई शंका नहीं है की अरविन्द के अच्छे और बुद्धिजीवी व्यक्ति है लेकिन टीम अरविन्द को राजनीती का कोई अनुभव नहीं है और ऐसे में सीधे एक देश की सत्ता को सम्हालना मुझे नहीलगता की सही फैसला है न सिर्फ उनके लिए बल्कि देश के लिए भी. और यह बात हमे समझनी होगी न की सिर्फ जोश में आके किसी को भी अपने देश की सत्ता दे देना आखिर हम अपने ऑफिस में भी ऊचे पद पे एक ऐसे व्यक्ति को बैठते है जिसके पास अनुभव हो उस काम को करने का नाकि एक ऐसे व्यक्ति को जो नौसिखिया को क्युकी उससे अपना और अपने ऑफिस का ही नुक्सान होगा तोह फिर देश के लिए भी हमें ऐसा ही सोचना होगा...........
    तोह मेरा यही अनुरोध है सबसे की अपना वोट सोच समझ कर दे न की जोश में .......

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  43. Just one question to all the people who question the movement and Team Anna's strategy..can you suggest a better way forward.

    We tried peaceful protest, non-voilent protest but still there was no action. Corruption is a cancer that every indian wants to get rid off.

    If not a political alternative, then what ??

    The patience of Indian youth is running out, we need a concrete action now.. just protests will not do.

    That's my opinion.. and I want a solution.

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  44. Bhai jab sarkar kuchh sunane ko taiyar nahi hai to kuchh to karna hi padega...Arvind ne sahi kadam uthaye hai ..kam se kam logo ko to har chij malum chale..

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  45. I will definitely vote for BJP , the states where BJP is in power are in much better condition be it Narendra Modi or some Parker of Goa ( I don't remmember his name) or even BJP ministers of Bihar . I don't mind if anyone else becomes the PM or not , but BJP shud come into power .

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  46. I agree with Abhas Verma right now BJP should declare its Prime Ministerial candidate Narendra Modi keeping aside the alliance . I am sure the youth of this country has woken up now and vote for BJP in coming election . At the same time BJP and its leaders will not dare to indulge in corruption again I am sure . We should give a chance to BJP and see the result in coming 5 years . If the govt does not perform then we can change them in next election but make sure the govt should be of one single party and that we youth can do that .

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  47. anna je app mahaan hai or jo app ka sath nahi de raha vo baiman hai
    or baiman ka sath ap kena bhi nahi
    jai hind

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  48. "हम सब बड़ी हसरतों के साथ आपके आन्दोलन से जुड़े हैं. परन्तु मेरे ख्याल से तीन बार सिर्फ अनशन करके आपने केवल पहले पायदान पर खड़े रहने का कार्य किया है. कृपया इस आन्दोलन को कुछ आगे बढ़ाईये. मेरे ख्याल से अगला कदम सविनय अवज्ञ का होना चाहिए था, जिसमे आप देश की जनता से एक हफ्ते के लिए सभी सरकारी दफ्तरों का बायकाट करने के लिए कहते. सिर्फ जिनको इमरजेंसी हो उनको छूट हो कि वो सरकारी दफ्तरों में जाएँ."

    This request is being repeated many times here. IAC, please consider this. I am a final yr MBBS student in Delhi and I can,perhaps,imagine,most precisely that how rapidly and badly Civil Disobedience can cripple the govt.

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  49. Anna ji jindabad
    Gandhi family (Sonia,Rahul) are living in Delhi from a long time.But they didn,t contest elections from Delhi.They always want a area like Raebareily and Amethi whose natives are illiterate,poor and doesn,t know the democratic ideas as compared to people in New Delhi.This means that they(Gandhi family) don't have trust in the people of metros.This somehow it also means that Raebareily and Amethi should not convert in Metros for the well being of Gandhi family.
    These types of Politicians never want That India should prosper.Because if India is prosper they can,t fool the people.

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  50. @Ashish you are 101% correct.
    @vikram dear use your brain be aware of dogs and chatur lomdi

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  51. Blog Name should be

    Annahazarethoughts blogspot.in

    Instead of Thinks, use Thoughts as name.

    I hope this suggestion help you.

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  52. Why the Constitutional Authority CAG should not be disbanded, when it does not command/deserve the respect & mandate of MPs., Minister`s & Govt., to save the Unfruitful Annual Cumulative Expenditure & the dignity of the MPs, Ministers & Govt.

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  53. When are you coming with your party?? A 23 YEAR OLD still waiting to vote the right person...where voting does not become a compulsive task but a decision to vote a person whom you really want to....

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  54. Anna Hazare was a common man as millions of other Indians.
    He was enjoying a life-like everyone until 1962.India needed more people to join army during Indo-China war. Anna then joined army to serve the country.He was in 19th Maratha battalion as a truck driver. To know more about Anna Hazare click the link :

    http://www.inspirationlifequotes.com/anna-hazare-biography/

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  55. फिर से चुनाव आएगा / फिर से वोट देने की मजबूरी, व्यथित हूँ क्या करू ? वोट न दूं तो ऐसा लगता हैं जैसे अपने अधिकार का प्रयोग नहीं किया और वोट दू तो ऐसा लगता हैं अपने अधिकार का उपयोग नहीं किया / प्रयोग और उपयोग, अजीब कशमकश हैं / वोट किसको दे , सारे दल फेल हो चुके हैं / भारत की जनता ने सबको मौका दिया लेकिन कोई भी जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा / आजादी के बाद से हम एक ही तरह की बुनियादी समस्याओ से निजात नहीं पा सके हैं / जस की तस कड़ी हैं बेरोजगारी और भुखमरी- गरीबी / गिने चुने लोग अमीर और अमीर होते जा रहे हैं और कृषक मजदूर किसी तरह दो बेला चावल रोटी का जुगाड़ कर पाते हैं / रोटी कपडा और मकान सबसे बुनियादी जरुरत से भी भारत की अधिकतर जनता वंचित हैं / हमारे चुने ही जन प्रतिनिधि ही हम से विश्वासघात करते हैं , चुनाव के वक़्त भीख का कटोरा लिए घुमते हैं , दारु , नोटों की गड्डिया, टेलीविजन और मंगलसूत्र साडी बांटते हैं / साम दाम दंड भेद से हमसे हमारा वोट छिनते हैं और अगले पांच वर्ष तक देश का खजाना लूटते हैं / हमारे हक के साथ अन्याय करते हैं और जनता को गुलाम समझते हैं / व्यवस्था में परिवर्तन चाहिए , हमे स्वराज चाहिए /

    पर कैसे आएगा स्वराज, कैसे बदलेगी व्यवस्था ? पिछले दिनों अन्नाजी के नेत्रित्व में जनांदोलन अपने उत्कर्ष पर था / देश के हर वर्ग की जनता के मन में एक आशा जगी थी, अब कुछ होगा, अब कुछ हो सकता हैं / लेकिन सरकार ने जन भावनाओ को कोई तवजोह नहीं दी, अपने षडयन्त्रो से आन्दोलन को कमजोर करने का कार्यकर्म जारी रखा / हर तरीके के आरोप और आक्षेप लगाये गए आन्दोलन के नेत्रित्व पर / लेकिन अन्ना जी के लिए लोगो का प्यार बरक़रार रहा और अरविन्द केजरीवाल की सोच और दूरदर्शिता पर विश्वाश / क्या जनता के इस प्यार और भरोशे को भी ठोकर मिलेगी ? अगर इस बार भी यही हुआ तो जनता का मनोबल टूटेगा और जो लोग अब ये सोचने लगे हैं की अब बदलाव संभव हैं वो फिर से यही कहने लगेगे " इस देश का कुछ नहीं हो सकता " /

    अन्नाजी आपसे अनुरोध हैं देश की जनता को विकल्प दीजिये , आप राजनीती में न आये न आप पार्टी का गठन करे न ही पार्टी के अध्यक्ष बने , लेकिन कान मरोड़ने के लिए आपकी जरुरत हैं देश को / अरविन्द केजरीवाल के नेत्रित्व में राजनैतिक क्रांति होने दीजिये देश में / अगर वो गलत करे तो उन्हें भी रोकिये गलत करने से / अच्छे लोगो का चुनकर आना, अच्छे लोगो की सरकार बनना , संसद के शुद्धिकरण का महान कार्य बिना किसी निर्देशन के संभव नहीं / हो सकता हैं जन आन्दोलन के दबाब में सरकार आधा अधुरा और कमजोर लोकपाल कानून बना तो दे लेकिन उसके आगे के लक्ष्य राईट टू रिजेक्ट , राईट टू रिकाल और सम्पूर्ण स्वराज बिना संसदीय लोकतंत्र में भागीदारी के संभव नहीं /

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  56. annaji you are right aaj maine drink ki hai mai ek army officer hu main apne desh ke bare mai soch kar pareshan hota hu sabhi party corrupt hai sath mai janta bhi sochne sanzne ki samzta bhi kho chuki hai nahi tu in logo ki himmat nahi banti corruption karne ki mai ab sochta hu retirement kai baad mai foreign chala jao kyuki ish desk ka kuch nahi hone wala hai .aisa nahi hai ki maine kuch nahi kiya but maine kiya hai jagrook karne ka liye but mai faiul ho gaya hu

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  57. Can Anna Name a country emerged stronger thn India in first 65 years of independence?? How long Anna Can disgrace growing Bharat Mata . What is Anna's contribution in Indian GDP & Job creation?? .http://articles.economictimes.indiatimes.com/2011-07-24/news/29807511_1_market-economy-scooters-india-s-gdp#.UCthURfNOmg.email

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  58. अन्ना आपने हम सबको जागरूक किया इसके लिया आपको सादर प्रणाम! आज के राजनीतिक दलों में इमानदार उम्मीदवार तो हैं पर पार्टी आला कमान एवं ओछी राजनीति के चलते वे उम्मीदवार जनहित के फैसले नहीं ले पाते या लेते भी हैं तो उसे आला कमान द्वारा रोक दिया जाता है| इस असमंजस वाली स्थिति से निजात दिलाने के लिए हमें एक स्वच्छ उद्देश्य वाला इमानदार लोगों का राजनीतिक विकल्प दें और भारत को नवनिर्माण की एक राह प्रदान करें|

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  59. अन्ना जी, प्रणाम!
    पिछले कुछ दिन से समाचार में आपके और अरविन्द जी के बीच मतभेद की अनेक खबरें आई| सच कहूं तो ऐसी खबरें मुझे अन्दर तक तोड़ गयीं थी| अभी अभी आपका बयान पढ़ा जिसमे आपने अरविन्द जी से आपके मतभेद को कोरी अफवाह बताय है| ये समाचार मेरे लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है| आपके इस एक बयान ने मेरे और मुझ जैसे न जाने कितने भारतीयों के विश्वास की रक्षा कर ली| आपको हार्दिक धन्यवाद!

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  60. ANNA WAS ONLY FACE ALL THE THING MADE BY TEAM ANNA..... NOW ANNA THINK HIMSELF A BHARAT RATNA

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  61. Annaji,
    I respect your views, but we should understand that the corrupt are not an alien breed. They are all within or around us. The only way to eliminate corruption is to have laws which will discourage people from indulging in it and such laws cannot be created by the current lot of politicians. And the irony is that laws are made only in Parliament. The bitter reality is that the public has only one vote. So if they decide that they wont vote for the corrupt, then who will they vote. We have to have some option. And that can only be given by an honest group of people taking up politics willingly or unwillingly. Only they can bring such strong laws against corruption. Even if we think pessimisticly and assume that the current group of honest politicians wont remain so in the future, but by then we would already have strong anti corruption laws, which even they cant change later on.
    I only hope that even if you have take a separate course of revolution against corruption, your blessings will be with the honest and I believe Arvind Kejriwal is honest right now.

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  62. अन्ना जी, प्रणाम!

    बिना राजनेतिक दल बनाये एक रास्ता है जिस के माध्यम से देश को नया राजनेतिक विकल्प दिया जा सकता है | में चाहता हु की ये आपके माध्यम से देश के सामने आये इसलिये अभी इस के बारे में यहाँ कुछ नहीं लिख रहा हु |

    पिछले कुछ वर्ष से सभी देश और इससे जुडी समस्या की बात कर रहे है | परिणाम क्या निकला आप सभी जानते है | ऐसा क्यों हुआ इसके लिए सभी को देश के नजरिये से सोचना पड़ेगा ...........

    सबसे पहले अनशन के माध्यम से उद्देश्य को पाने की कोशिश करी यह सिद्धांत 1900 से 1950 का समय था या आजादी की पहली लड़ाई का |

    इसके बाद सभी राजनेतिक पार्टियों को एक कर के उद्देश्य को पाने की कोशिश करी यह सिद्धांत 1965 से 1970 का था या दो युद्ध का समय |

    इसके बाद सभी विपक्ष के डालो को एक करके उद्देश्य को पाने की कोशिश करी यह सिद्धांत 1975 का था या जेपी और लोहिया का आन्दोलन |

    इसके बाद सभी विपक्षी सांसदों का एक साथ इस्तिफा देकर उद्देश्य को पाने की कोशिश करी यह सिद्धांत 1989 का था या बोफोर्स गोतालो का |

    इसके बाद मीडिया और सामाजिक मिडिया के माध्यम से उद्देश्य को पाने की कोशिश करी यह सिद्धांत 2005 से 2010 का था या दुनिया के लोगो को आपस में जोड़ने का |

    अभी हम सभी सवाल पूछ कर कोशिश कर रहे है | यह वर्तमान है जो भूतकाल के आधार पर पिछला सही और गलत को बताता है |

    .............नया रास्ता या माध्यम कुछ भी......परन्तु समय के अनुकूल होना चाहिए.....

    धन्यवाद

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  63. लोकशाही के बेशर्म लूटेरों को चुनाव में हराओ व भगावो

    महात्मा गांधी ने ठीक ही कहा था कि यह पृथ्वी सभी प्राणियों का पालन पोषण तो कर सकती है परन्तु एक भी आदमी की दौलत की अंधी भूख को नहीं मिटा सकती। धिक्कार हे देश के इन बेशर्म लुटेरे बने हुक्मरानों को जिनको देश इतना सम्मान, इतने महान संवैधानिक पदों पर आसीन करता है। परन्तु फिर भी देशहित में कार्य करने के बजाय ये देश को लूटने से बाज नहीं आ रहे है। यहीं नहीं इन्होंने अपनी इस लूट प्रवृति से प्रदेश,देश ही नहीं अपने नामी पूर्वजों का नाम भी कलंकित कर दिया है। ये धन व सत्ता में इतने अंधे हो गये हैं कि इनको न तो न्याय ही दिखाई देता न धर्म व नहीं इंसानियत। इनके नाम व दल भले ही अलग अलग हो सकते हैं परन्तु इनके काम एक है वह है देश को लूटने का। आओ इन अभागों को इतना दुत्कारते हुए इनको चुनाव में हराये। यही देश,प्रदेश व मानव की सबसे बड़ी सेवा तथा यही प्रथम नागरिक धर्म है।-देवसिंह रावत www.rawatdevsingh.blogspot.com

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  64. I am with you The Great Anna

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  65. Nice information.......
    http://result-dekho.blogspot.in/

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