देश गंभीर संक्रमण काल से गुजर रहा है। कभी सोने की चिड़िया कहने वाला भारत आज हिमालय जैसे कर्ज के नीचे दब गया है। इस स्थिति की जिम्मेदारी उठाने के लिए कोई पक्ष पार्टी तैयार नहीं है। कई पक्ष कह रहे हैं कि इस स्थिति के लिए सत्ताधारी पक्ष जिम्मेदार है। सत्ताधारी कह रहे हैं विपक्ष जिम्मेदार है। लेकिन इन सब को यह पता नहीं है कि मैं और मेरी पार्टी जब दूसरे पक्ष की तरफ एक उंगली उठाकर वह जिम्मेदार है यह कहते हैं तब तीन उंगलियां मुझे पूछ रही हैं कि अगर वह दोषी है तो तुम क्या हो?
आज देश की जो हालत बनी है उसके लिए संसद में बैठे हुए ज्यादातर पक्ष और पार्टियां जिम्मेदार हैं। इन बातों को वो भूल गए हैं, यूं कहना गलत नहीं होगा ऐसा लगता है। सत्ताधारी जब कमजोर होता है तब विपक्ष की जिम्मेदारी बड़ी होती है। आज सत्ताधारी भी कमजोर हुआ है और विपक्ष भी। आज भ्रष्टाचार इस देश की महत्वपूर्ण समस्या बन गई है। देश के सामान्य लोगों को जीवन जीना मुश्किल हो गया है। भ्रष्टाचार के कारण महंगाई बढ़ती जा रही है। विकास कार्य पर खर्च होने वाले एक रूपये में से 10 पैसा भी विकास कार्य पर नहीं लग रहा है। सरकारी तिजोरी में जमा होने वाले पैसे में से 70 % से 75 % पैसा व्यवस्थापन, गाड़ी, बंगला, एयर कंडीशनिंग, तनखा, और कई सुख-सुविधाओं पर खर्च हो रहा है। बचे 25% पैसों में से 15 % का भ्रष्टाचार हो रहा है। सिर्फ 10% में देश का कैसा विकास होगा। ये तो सत्ताधारियों को भी पता है और विपक्ष को भी पता है। ऐसी स्थिति में देश के उज्जवल भविष्य के लिए देश में बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को रोकना यही एक मात्र पर्याय (विकल्प) है। लेकिन सत्ताधारी हो अथवा विरोधी हों भ्रष्टाचार रोकने के मुद्दे पर गंभीर नहीं हैं।
जन लोकपाल बनने से देश का 60% से 65 % भ्रष्टाचार रुक सकता है। यह इन सबको पता है। लेकिन संसद में जन लोकपाल कानून नहीं बनाना है इस मुद्दे पर संसद में अधिकांश सांसदों का मानो एकमत हो गया था। साथ ही साथ अपनी तनखा बढ़ाना और कई अन्य सुविधाएँ बढाने के लिए अधिकांश सांसदों का एकमत हो गया था। जन लोकपाल के लिए आन्दोलन करने वाले लोगों को संसद में बैठे हुए कई सांसद कहते थे कि चुनाव लड़ कर संसद में आओ और कानून बनाओ। कानून संसद में बनते हैं, सड़क पर नहीं बनते। और आज कोयला घोटाला, एफ डी आई के प्रश्न पर अब कई पक्ष और पार्टी - सबको यह पता चला कि दिल्ली की संसद से जन संसद बड़ी है। इसलिए अब ये लोग संसद से निकल कर जन संसद के सामने आ कर कह रहे हैं कि हम दोषी नहीं, सामने वाले दोषी हैं। संसद से उतर कर रस्ते पर आ कर संघर्ष करना है। इससे इनका असली मुखड़ा दिखाई देता है।
संविधान के मुताबिक सामाजिक और आर्थिक विषमता का फासला कम करना होगा। संसद में बैठे हुए सांसदों की यह जिम्मेदारी होती है। लेकिन अपनी इस जिम्मेदारी को बहुत से सांसद भूल गए हैं। इस कारण देश और देश की जनता की यह हालत बन गई है। विषमता बढ़ती ही जा रही है। अगर देश में जन लोकपाल, राईट टू रिकाल, दफ्तर दिरंगाई जैसे कानून बनाते तो भ्रष्टाचार को किसी हद तक रोकने का काम होता। विकास कार्य को गति मिलती और देश की अर्थनीति बदलने का काम होता। एफ डी आई से सही मायने में अर्थनीति नहीं बदलेगी। जब तक भ्रष्टाचार को रोकने के सख्त कानून नहीं बनते तब तक देश की अर्थनीति नहीं बदलेगी। साथ ही साथ महात्मा गांधीजी का कहा भी याद करना होगा कि देश की अर्थनीति बदलना है तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदलनी होगी।
एफ डी आई आ गया तो देश की अर्थनीति बदलेगी ऐसे सत्ताधारी और कई पक्ष कह रहे हैं। विरोधी कह रहे हैं कि देश के लिए खतरा है। सभी 2014 का चुनाव को सामने रख कर एक दूसरों के मत काटने की कोशिश कर रहे हैं। मेरे जैसे पक्ष और पार्टी से बाहर रहने वाले लोगों को लगता है कि एफ डी आई के बहाने विदेश से आने वाला पैसा हमारे ही देश का (काला) पैसा नहीं होगा ऐसे कैसे कह सकते हैं। हमारे देश का पैसा घूम फिर कर रूप बदल कर हमारे ही देश में फिर से आता होगा ऐसे अगर जनता में संदेह हो तो क्या गलत है?
ऐसे लगता है कि कोई पक्ष और पार्टी जो सत्ता से पैसा और पैसे से सत्ता इसी संकुचित विचार से एक दूसरों पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं। जिन के सामने देश और देश की जनता का उज्जवल भविष्य नहीं है ऐसे लोग इस देश को नहीं संवार सकते हैं। कई प्रादेशिक पक्ष हैं उनके सिर्फ 8 से ले कर 20-25 सांसद संसद में हैं। सरकार पर दबाव निर्माण कर के पैकेज की मांग कर रहे हैं। ऐसे लोग समाज और देश को कैसे सुधार सकते हैं। कई पक्ष और पार्टियों ने संघटित हो कर एक कानून बनवाया है कि पार्टी को जो डोनेशन मिलाता है उस में से 20 हजार रुपये तक के डोनेशन का हिसाब जनता को देना जरूरी नहीं, सिर्फ उसके उपर का ही हिसाब देना है। आज कई उद्योगपति करोडों रुपयों का डोनेशन पक्ष और पार्टी को देते हैं। ऐसे डोनेशन देनेवालों के नाम भी समाज के सामने आये हैं। ऐसे करोडों रुपयों के डोनेशन के कई पक्ष और पार्टियां 20 हजार रुपयों के टुकडे कर के बोगस नाम से जमा कराते हैं और काला धन सफ़ेद करने की यही से कई पक्ष और पार्टी की शुरुआत होती है। काला पैसा इस रास्ते से सफ़ेद करते हैं। राजनीति में कई लोगों का भ्रष्टाचार यहीं से शुरू होता है। ऐसे लोग देश का भ्रष्टाचार कैसे मिटा सकते हैं।
अगर पक्ष और पार्टियां ईमानदार हैं तो एक रूपये से ले कर जो भी डोनेशन मिलता है उनका हिसाब जनता को देने में क्या गलत है? क्यों नहीं ऐसा कानून बनता? हम अपनी संस्था का पूरा हिसाब नेट पर रखते हैं। संस्था का जमा और खर्च का हिसाब चेक या ड्राफ्ट से ही होता है। पक्ष और पार्टियों में पारदर्शिता ना रखने का कारण क्या है?
सभी पक्ष और पार्टियां यह मानती हैं कि युवाशक्ति एक राष्ट्रशक्ति है। बहुत से उम्मीदवार चुनाव प्रचार में ऐसे युवकों को शराब पिला पिला कर शराब पीने की आदत डालते हैं। क्या देश के लिए यह खतरा नहीं है? युवाशक्ति इस देश का आधार है, लेकिन उन्हीं को व्यसनाधीन बनाना कहाँ तक ठीक है?
इन सब बातों को देखते हुए ऐसे लगता है कि अब देश को राजनीति से उज्वल भविष्य नहीं दिखाई दे रहा है। अब देश जाग गया है। जन लोकपाल के लिए देश की जनता ने रास्ते पर उतर कर आज तक करोडों लोगों ने आन्दोलन किया। अब देशवासियों को, युवकों को आन्दोलन की दिशा बदलनी होगी। भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए आज तक सरकार के विरोध में आन्दोलन चला था, अब सरकार के विरोध में आन्दोलन ना चलाते हुए संसद में जो सांसद बैठे हैं उनको बदलने का जनआन्दोलन चलाना होगा। जिन लोगों ने जन लोकपाल को विरोध किया था ऐसे लोगों को 2014 के चुनाव में अपना मत नहीं देना है। जनता उनको अपना मत नहीं दे इसलिए जनता को जगाना है। जनता ने ही अपना उम्मीदवार चुनना है। उनकी जानकारी आन्दोलन को देनी है फिर आन्दोलन की तरफ से उनकी जांच होगी, उनका चारित्र्य, सेवाभाव, राष्ट्रप्रेम इन सब बातों को देख कर चयन होगा। ऐसे उम्मीदवारों को ही मतदान करना है। अगर चुन कर आने के बाद जनता का विश्वास खो दिया तो उनको जनता कैसे रिकाल कर सकत़ी है, इसका निर्णय संविधान, कानून सब देख कर लिया जायेगा। मैं ना चुनाव लडूंगा, ना पक्ष या पार्टी निकालूँगा, लेकिन जनता को विकल्प देने का प्रयास करूँगा।
देश के हर राज्य से हर दिन जो मेरे पास रालेगनसिद्धि में बड़े पैमाने पर जनता आ रही है, कह रही है कि देश वासियों को विकल्प दो, उस पर से मुझे विश्वास होने लगा है कि आजादी के 65 साल के बाद अब परिवर्तन का समय आ चुका है। जरूरत है तो सिर्फ लोकशिक्षा और लोकजागृति की। उसके लिए आन्दोलन में जुड़ कर गाँव गाँव में जा कर युवकों ने जनता को जगाना है।
हमें कई सांसद कह रहे थे कि चुनाव लड़ कर संसद में आओ अब उनका सपना भी तो जनता ने पूरा करना है। देश के चारित्र्यशील उम्मीदवारों को जनता ने संसद में भेजना है और दिखाना है कि जन लोकपाल, राईट टू रिजेक्ट, जनता की सनद, ग्रामसभा जैसे कानून कैसे बनाते हैं और भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण कैसे हो सकता है।
( कि. बा. तथा अन्ना हजारे )
आन्दोलन से जुड़ने के लिए नीचे दिए पते पर संपर्क करें।
भ्रष्टाचार विरोधी जन आन्दोलन,
रालेगनसिद्धि, तहसील: पारनेर, जिल्हा: अहमदनगर
महाराष्ट्र - पिन 414302
फोन नं 02488-240401, 240010
email: joinbvja@gmail.com
small effort to practice honesty in life http://cruelcheats.blogspot.in/
ReplyDeletePlease read http://www.imedium.in/questions/189/should-anna-give-a-political-option to know why Anna Ji should give a political option.
Deletekeep it up Annaji v r with u
ReplyDeleteanna ji hame rajnitik party ke roop mein achha vikalp do jise hum vote kar sake,hamara vote barbad ho raha hai.hame vikal do .aap chahe party na banao par arvind kejriwal ko party banane do taki wo achhe ummidwar khoj sake aur hum usse vote kar sake.
ReplyDeleteAnna ji, you are reiterating same things again and again. Now, we got to implement the solution. Solution is a new honest party under your and arvind ji's leadership.
Deleteअन्नाजी आप हमारे और आम आदमी के दिल की बात कह रहे है, आप जैसे पथप्रदर्शक के होते एक दिन हम जरुर अपना मनचाहा मजबूत जनलोकपाल बनाने में कामयाब होंगें .
ReplyDeleteanna ji kejriwal ko party banane do hum unke sath hein.
ReplyDeleteannaji pary mat banao...aandolan hamesha ke liye khatam ho jayega...hum jaante hain ki kejriwal ka aap par dabav hai...par use mat mano..kejriwal ghamandi aur mahatvakankshi kisim ka neta banna chahta hai
ReplyDeleteHi Shivchakra,
DeletePlease this http://www.imedium.in/questions/187/why-we-vote-should-vote-and-dont-vote-in-elections and do let us know to whom we should vote?
@shivchakra
DeleteCan u tell us how are we goin to change India without forming a party, Its easy to blame people but difficult to take responsibility and be the change.
On what basis are you accusing arvindji, We respect Annaji but we wont be blind in our following now, public is demanding answers as to why is he backing out on his promise and not supporting Arvindji
Exactly and if you say BJP or CONG then pls read http://www.imedium.in/questions/189/should-anna-give-a-political-option and answer my questions.
Delete@shivchakra aap kaise kah sakte ho arvind kejriwal ghamandi/mahatwakanchi hai. Kya use pagal kutte ne kata tha ki IRS ka naukri chhorkar sarko ka dhul kha rahe hai. Agar wo mahatwakanchi hote to apni jindgi araam se ji rahe hote jis des mein bhrast tantra ki wajah se ek mamuli kirani bhi carorepati hai.meri aap se vinati hai agar aap acche kam/log ka samman nahi kar sakte to kripya ninda na kare. Jai hind.@pchoudhary64
DeleteThe question to from a political party doesn't arise,this was not what Anna's movement asked for.We were together to get a Lokpal bill not to form a political party.
DeleteEven if Arvind kejeriwal wins the election ,would he be in position to get the support of all the opposition parties and get them to a consensus to pass the Jan lokpal bill. The answer is No. Then where does forming a political party help us,as people we can put pressure on the polity but getting into the arena is getting the attention diverted.
I don't question the integrity of Arvind but he needs to be more focused and persistent in his approach to build public pressure.Had he not called of the fast the Government would have either passed the bill or fallen down but at the peak of the pressure they took this disappointing decision.
Success = Decision + Focus + Action
Somewhere we lost the focus and got into the trap of the eminent people suggestions. I could have been a part of a controversy to the movement diverted and buy time for the government.
I don't know why Anna couldn't understand this and this what's make me feel sad and disappointed.
Annaji we want a an alterntive in the form of a new party in the leadership of Arvind Kejriwal. U must realize that people will not vote for independent candidates. Let Arvind Kejriwal form a party and if he manages to give honest and non-corrupt candidates, u must support it.
ReplyDeleteyes i agree we want party under arvind kejriwal ..he is our future
Deleteme to agree anna team should give alternative as a new party and make india prosperous and corruption free.
DeleteYes Annaji, You have look beyond yourself and inherit your legacy to Arvind Kejriwal and team to continue so that it lives for generations. You talked of Jayprakash(JP) movement and was great leader. None of next two generations know about him or values he stood for. Because he did not institutionalize this thoughts to next generations. You should not do same mistake. There is absolutely of no use of any movement without any results. People want results on ground and in Indian context, it is difficult to sustain movements. Also, please note some your close associates either there supporters of BJP or Congress. These two parties together are responsible for todays situation.
DeletePlease allow and support Arvind Kejriwal to form political party. He should be PM of this country and only than he can translate all your ideas into results. Please note Arvind Kejriwal has lots of support from people.
right.....निर्दलीय उम्मीदवारों को सपोर्ट करने से कोई फायदा नहीं होगा, जब तक उन पर नियंत्रण के लिए एक अच्छा तंत्र गठित नहीं किया जायेगा तब तक उनकी ईमानदारी का कोई विश्वास नहीं है, एक पार्टी के रूप में ही सही उम्मीदवारों का चयन किया जा सकता है और उन पर नियंत्रण रखा जा सकता है ।
Deleteplease Anna Ji we need a political alternative... we cant progress without this,
ReplyDeletei think Right Decision At right time
Palwinder United Kingdom
annaji agar desh ki 90% janta chahti hai ki aap ya kejriwalji party bnay to aap kyun desh ke virudh ja rhe hai...plz aap party bnayiye,hm sb aap ke sath hai...
ReplyDeletepure desh aap ki party ka intzar kr rha hai aur pure desh ki ummeeden usi pe tiki hain!!!
Anna ji I support You but this is not right because aaj wo time aa gaya hai jab hame uth kar kandhe se kandha milakar congress ko ye kahna hoga ki main power (VOTE) hamare pass hai aap party banaye hum aapka sath dene ko taiyaar hai
ReplyDeleteIts a waste of time without forming s political party & sending good people in. In today`s fast pacing life common man doesn`t stand by or has time to support these Andolans again & again for long time until people don`t see any clear agenda that will produce a result. The need of the time is to form a political party otherwise jo common PPL saath aye the unka bhi dil toot jayega & they won`t come forward again. I support the in initiative taken by Arvind Kejriwal. Kabhi na kabhi kisi na kisi ko to yeh karna hi hoga. Abhi moka bhi hai aur logo ka saath bhi. Its now or never. So, its my request to Anna G to support Arvind Kejriwal & give India a clean political party. - A common Man
ReplyDelete90 % people wants political party then y anna not supporting arvind kejriwal.....we r with arvind kejriwal.....plzz form a party ur definatly gone win.
ReplyDeleteanna ji & all andolankari team,ye to logo ko baad me pata chal hi jayega k kaun sahi he kaun galat,pr hmare vote dene se hi baat khtam nhi ho jayegi,hme ye ladai aur aage tk lejani padegi,hme apne khud k andr netratva chamta paida krni hogi ,isliye me apko support krta hu aur me bhi us party se election ldna chahta hu...............
ReplyDelete100% agree wit you Anna Ji. All the parties have some blackheads which they wants to hide through such Laws & FDI
ReplyDeleteAnna ji whether you stand in elections or not but please provide us alternative.I would like to see India is called 1st World Nation.If these political parties keep ruling us then your Andolan and our hopes are of no use.Whenever I speak to my friend they all say "Jisko marji vote dalo chor to sare hai ". Now please you tell us who should we vote if there is no alternative.Nahi to aaap ko bhi kehna padega"Aman Bjp vale kam chori karte hai unko vole dalo iss baar"
ReplyDeleteJai hind and God bless India
pls allow Arwind to form & lead party with Bhushan, Manish, etc same time keep apolitical option open under your leadership with, Medhaji, Hegadeji & Kiranji. Arwind may not get success in first attempt but will create pressure on other parties to match his standards of serving for the people. Also request Arwind to focus on hindi belt and all over India major cities.
ReplyDeleteAnna ji please we love our country and cannot see it in this state. PLEASE SUPPORT ARVIND JI TO FORM A PARTY, we cannot trust independent candidate, But This country really needs a political alternative which Arvind Ji is trying to give. So the entire country is requesting you the same thing. PLs listen to your true audience
ReplyDelete.
please give the political alternative you promised the people of india.
ReplyDeleteso, who will those honest people will be, independent or an honest guy from congress of BJP ? many that person is honest but can't he be turned into dishonest from his supiriors. what is wrong with supporting arvind ji and let him make a party ? how are you going to proceed with aandolan ? more rallies, more fasts ? i've spent 2 hours per day for 2 months june/july for 25th july event, and i've seen how many people came to azad maidan & how gov & media reacted. so do u still think we can procced with such aandolan ? well, i don't. u'll always be respected but not the decision
ReplyDeletePlease Support Arvind ji and, deliver your promise, We beg of you, You can unite this country and these decisions are divind our country.
ReplyDeletePlease do read http://systemcleanup.blogspot.in/2012/09/dear-anna-ji-pls-let-us-know-answer-of.html blog and take decision ...
ReplyDeleteWell said today around 200 odd people from Mumbai went to meet him at ralegan Siddhi, with same questions in mind.. But they were not given answers to any of the questions.. They just ignored our views and doubts.. if their andolan is doin tht rght now how can we assume they will take in peoples view later on..
DeleteWake up Anna ji, we want you to support all Indians and give them what they are asking, PLEASE SUPPORT ARVIND JI IN FORMING THEIR PARTY
there is no harm in forming political party, provided it is done on sound organisational footing and rural presence. Without this it will only amount to division of vote and will be advantage Congress. This will be a biggest blunder.
ReplyDeleteExactly, Hence we are requesting Anna ji to support Arvind ji in forming the party.
DeleteArvindji can ensure its transparent,clean, and each step peoples view are taken into consideration..which will definitely give us good candiates..
While Anna ji can help us getting rural support.
India is on the brink of collapse. We really need to decide quickly.
Anna ji pranam, Apke post kai baar se padh raha hoon. isme jo bhi likha hai sab sach hai, par ye post padh ke koi bhi disha nahi milti. apne hamesha desh ko disha dikhane ka kaam kiya hai. aaj apke sath chalta hua desh doraahe par aa ke khada ho gaya hai aur apki taraf wapas dekh raha hai. aise me apke blod ko padh ke aur bhi jyada confusion ho jata hai. apke 2 saal ke andolan ke andar hi desh bhar me achhe log ek samuh me a gaye.. desh ko arvind kejriwal jaisa saksham vyakti mila, par aage kya.. ye ek bada sawal hai apse. Aap bar bar ye keh kar jor kyon de rahe hain ki aap party nahi banayenge aur chunav nahi ladenge. aisa keh kar desh par koi achha prabhav pad raha ho, apki prasiddhi badh rahi ho aisa to nahi.. janta ko isse matlab nahi ki aap swayam chunav ladte hain ya nahi.. janta ko vikalp chahiye. akhir aapne hi vikalp ki ye chah aur jarurat sabke man me paida ki hai fir isse peechhe kadam kyon uthana.. Arvind kejriwal ke sath lakhon yuvaon ki fouj apke ashirvad ke sath desh me badlaav laane ko tayyar hai. ap apna ashirvaad unke sath khul kar rakhiye.. hum harenge to kya hua.. hum lad kar haarenge.. hum ladna sikhayenge.. hum khel ke niyam badal denge. Anna.. Desh ko Spasht Disha deejiye. apke is blog se koi disha dikhai nahi deti.
ReplyDeleteApka
Vaibhav
Lucknow
Politics has the power that no other form has, we need this power to b with the ones we trust, with someone with whom we can hope the change... please form the party, win the election, and change India...
ReplyDeleteanna ji hai to gustakhi magar desh ki samasyayo ka sahi mein purna nivarn chunav aur prashashnik sudharo se hoga .chunav sudharo ke baad aane wale neta hi majboot lokpal la sakte hai .aaj ke neta lokpal lakar apne pairo par khud kulhadi nahi marenge.dhanyawad.
ReplyDeleteAnna ji please we love our country and cannot see it in this state. PLEASE SUPPORT ARVIND JI TO FORM A PARTY, we cannot trust independent candidate, But This country really needs a political alternative which Arvind Ji is trying to give. So the entire country is requesting you the same thing. PLs listen to your true audience
ReplyDelete.
Respected Annajee,
ReplyDeleteWe are proud of you and your intuitions by discarding the treacherous Arvind Who is playing dirty game of politics in your name and fame.Now Kiran Bedi also left him for his absurdities.He is a crook who wants power to satiate himself.
We know you have supported him and his groups for sake of Country and its people not to give political powers but to show the people in powesr that they are servants of voters not masters.
Congress has lost all goodwill and support of voters but as the election is due in 2014 and all its coalition parties are under duress of CBI blackmail it is in power.But it is fact that if any day election is held congress would be removed by people as they sweep their floors by Jhadu.
We hope that you would support Baba Ramdev in his movement against the crooked cruel corrupt conniving converted dictator who is taking revengeful action on him by employing all the powers it has to make him submissive to Sonia.You also knows that how the congress has went vindictive on you and all congress abused you.Indian want to totally finish off congress and it is need for betterment of people and country.We jope you would continue your fight relentlessly agaisnt congress and its chandal chowkdi.
Totally biased comments. As of now whatever I have learnt from Ann's movement it is not in support or against any party. The movement demands corruption free India. So if congress is chandal chaukri then BJP is not different. Moreover Baba Ramdeo for his wrong doing has lost ppl's faith.
DeleteDear Anna Ji & IAC
ReplyDeleteAfter 2 years of Andolan, we almost get nothing practically, Decision of contesting in elections was a ray of hope for citizens of India, when we sit on fasts politicians call us fools, this is the time when we have to fight and enter Parliament and send these corrupted politicians (95 % or more) to their home town (Tihar jail). Please please please please please please please please participate in elections, We will win and change the system, I am a software Engineer and I discussed this with almost 25 friends (very busy people) of mine and every one is eagerly waiting for 2014 to vote for you, it will be a lesson for corrupts.
U r ri8 Anna ji, CORRUPTION ! This word .. I hate this.. Now the time comes to do a bigger! We respect u.
ReplyDeleteKuch bhi karo, raajneeti mein ghuse bagair kuch nahi badalega...!!
ReplyDeleteaap bilkul sahi kah rahe hai. bina rajniti mei samil huye kuchh nahi hoga. coalgate ghotala se bhi yah saaf ho chuka hai bhrastchar mein sabhi party barabar jimmedar hai. kadachit hum do saal ke aandolan mein jaha the aaj bhi wahi hai..
DeleteAnna ji Pol party banao..if we have some good guys in other parties they will join you in future.Otherwise our country will be finished by congress and bjp dogs
ReplyDeleteअण्णा जी ,
ReplyDeleteआप का ब्लॉग पढ़ कर बहुत खुशी हुई. आपने हम जैसे लोगों की आशाँये फिर से जगा दी जो अरविंद, मनीष,राय जैसे लोगों ने 25 सालों के लिए लटका दी थी.
अगर आप फिर से आंदोलन करते है तो हम आप के साथ है. कोई फर्क नही पड़ता के कौन आता है. कौन नही. मीडिया और टीम दोनों नही आए, भीड़ भी नही आए तो भी आप जीतेंगे, जैस कि पहैले आप जीते है. हम आप के साथ है. कृपया राजनीति करने वालों को जो करना है करने दीजिये, आप फिर से आंदोलन कीजिये, वरना हर पार्टी कहैगी कि जन लोकपल चाहिए तो अरविंद कि party जीते तब माँगना. हमे तो अभी लोकपल चाहिए. 2014 तक हम ये कर सकते है. विश्वाश कीजिये, ना टीम चाहिए, ना मीडिया, हम फिर भी जीत सकते है. आशा है आप हम जैसे समर्थको को मझ्धार में नही छोडेंगे. आप अकेले , कोई टीम नही, कोई मीडिया नही, कोई sms नही. कोई interview नही. बस सिर्फ़ लोकपाल. जैसे RTI कि लड़ाई कि थी. जिसको कवर् करना है करे, जिसे नही करना है नही करे. फिर भी जीतेंगे. बस फिर से लड़ाई करनी है. हम नये राजनीतिक दल के बनने और 25 साल बाद जीत कर लोकपाल लाने का इंतज़ार नही कर सकते.
और अरविंद कि हवा ये मीडिया ही निकलेगा. आप विश्वास कीजिये चुनाव से पहले इनको मीडिया आरक्षण ,कश्मीर , मुम्बइकर, बिहारी लोग, धारा 370, समान नागरिकता , खाप पंचायत, आदि पर सवाल पूछकर, इन मीडिया के हीरो की हवा निकाल देगा.
आप भी जानते है कि इन लोगो ने interview दे दे कर आंदोलन का कितना नुकसान किया है. इन लोगो मुम्बैइ में आंदोलन करवाया, फिर दिग्विजय के जाल में फस कर ख़ुद रामदेव से पहले अनशन किया. फिर जान् देने की बड़ी आई तो डर गए,
आप फिर से अनंदोलन कीजिये . हमको कोई भी पार्टी नही चाहिए. बस लोकपाल चाहिए. और आप अकेले ही बहुत है. हम सब आप के साथ है. कृपया आप अकेले फिर से आंदोलन कीजिये .200 लोग भी बहुत होंगे. बस जान देने से नही डरे. मीडिया कुछ भी कहे. अनशन , फिर सविनय अवज्ञा आंदोलन. फिर हर MP का घेराव, उन्के घर के बाहर धरना . चुनाव के पहले हम ये सब कर के जान लोकपाल ला सकते है. बिना किसी पार्टी के. बिना अरविंद ,मनीष, साजिया, राय . आप और कुछ आम लोग जो मरने से नही डरते. याद कीजिये आप कहते थे कि नाक दबाने से मुँह खुल जाता है. में आज भी मानता हूँ कि मीडिया के भरोसे कभी भी लड़ाई नही जीती जाती. जो ये समझते है कि मीडिया साथ है , वो नही जानते कि मीडिया सिर्फ़ उप्पर चढ़ा कर नीचे गिरना जनता है . एक बार लगता है मीडिया ही सब कुछ है . वरना इतने लोग नही आते. पर सोचिये इतने लोग आ कर भी क्या कर पाए जो आपने कुछ लोगों के साथ RTI के लिए किया था. भीड़ नही सिपाही चाहिए जीतने के लिए. चाहे 100 -200 ही हो. हम जीत सकते है.
इस विश्वास के साथ
इंजीनियर प्रशांत बोहरा
जालोर ( राज)
म-9414150932
प्रशांत भाई...आप सब कुछ देख चुके हैं और फिर भी इस सरकार से लोकपाल की उम्मीद कर रहे हैं??? पिछले एक साल में इतने लोग सड़कों पर आये जितने आज़ादी से पहले और बाद में आजतक कभी नहीं आये...फिर भी इस सरकार ने कितनी धूर्तता से आन्दोलन को कुचल दिया...आज अन्ना की पार्टी से लोगों में एक उम्मीद जगी है..लोगों को लगने लगा है की शायद देश सही हाथों में जाने वाला है, अस्सी से नब्बे प्रतिशत लोग पार्टी बनाने के पक्ष में हैं...फिर भी पार्टी क्यूँ न बने जाये? RTI और लोकपाल में फर्क है...RTI से नेताओं पर प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता है लेकिन लोकपाल के आते ही ये सब जेल चले जायेंगे...इस लिए ये दुष्ट नेता मर जायंगे लेकिन लोकपाल नहीं आएंगे....अब इंक संसद से भागना पड़ेगा और देश को एक राजनैतिक विकल्प देना ही होगा...
DeleteANNAJI,,,, WE NEED TO TRUST SOME ONE IN LIFE....OUR SOCITY MOVES WITH TRUST..ARVIND HAS WORKED UNDER YOU..LET HIM ENTER POLITICS AND TRUST HIM THAT HE WILL TRY BRING JANLOKPAL,RIGHT TO REJECT, ETC....IF FAILS TO DELIVER OR DOES NOT LISTEN TO YOU...YOU CAN LEAD ANDOLAN AGAINT HIM AND PPL WILL GIVE SUPPORT YOU.
ReplyDeleteABP News dikha raha hai ki anna ne blog maian likha hai ki ve party banane ke paksh main nahin hain team arvind ko bada jhatka. kirpya sarvkakjnik roop se arvind kezariwal ko party banane ke liye free hand de taki media is tarh ka bhram na faila sake.
ReplyDeleteEnglish Translation is available @ http://www.scribd.com/doc/106076408/Anna-Hazare-Says-Wake-Up
ReplyDeleteTEAM ANNA WE ALL ARE WITH YOU......BUT TODAY WE NEED POLITICAL ALTERNATIVE OF GOOD PEOPLE LIKE ARVIND SIR,KIRAN BEDI MAM ETC....
ReplyDeleteRemain apolitical. There is lot to be done. When national movements are not taking place, relatively smaller movements against corruption at state level should take place under the leadership of Annaji. I feel that state level activists & volunteers should take responsibility & when necessary Anshan should take place & to save Annaji's energy & health, Annaji should start Anshan for such movements after 7 days Anshan by others.
ReplyDeleteअन्ना जी अगर आप ने पार्टी न बनाई तो हम लोगो से वोट न देने की अपील करेंगे और अगर अपने बनाई तो म अपनी जॉब छोड़ के लोगो को जगाने का कम करूँगा वादा ह आप से.
ReplyDeleteAnna ji we all with you...
ReplyDeleteअन्ना जी नमस्कार ,
ReplyDeleteवैसे तो ९५% राजनेता भ्रष्टाचार में लिप्त है , जिसमे से ८०% बुद्दे हो चुके हैं /
और बुडापा बहुधा बचपन का पुनरागमन होता है / अब उनकी बुद्धि सठिया गयी है /
अब देश को युवा व शिक्छित जनप्रतिनिधियों की आवश्यकता है , जिसे चुनाव
लड़ने के जनता खुद अपने बिच से ढूंड निकाले / हमें पहले जैसे दिल्ली में बैठे
बददिमाग लोगों द्वारा चयनित नेता नहीं चाहिए / अतः देश के लिए देश के हित में
एक नयी राजनितिक पार्टी का विकल्प आवश्यक है / ताकि आगामी भविष्य में
आज के इन राजनेताओं को सलाखों के पीछे भेजा जा सके व ये पिड़ीवाद व भाई-
भतीजावाद का इस देश में अंत हो जाए /
भवदीय
राजेश कुमार साहू
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)
फोन न .- 09479059790
हमेशा आश्वासन देते लब अच्छे नहीं लगते ,
ReplyDeleteकहें किस्से की नेताओं के ढब अच्छे नहीं लगते //
लड़ाना धर्म , भाषा , छेत्र और जाति के नामों पर ,
सियासत के ये वही दाव सब अच्छे नहीं लगते //
जो अपने स्वार्थ आगे देश हित को ठेल देते हैं ,
हमें तो ऐसे बन्दे सब के सब अच्छे नहीं लगते /
अदब से उच्च श्रेणी तक पहुँचते हैं सभी मानव ,
ये सच है हर किसी को "बे अदब" अच्छे नहीं लगते //
जहां लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता ,
वहां के बाथरूमों में टब अच्छे नहीं लगते //
"जय हिंद"
ANNA AAP YEDA BAN KAR PEDA KHA RAHE HO
ReplyDeleteBeing a strong supporter of Anna Ji & IAC, I respectfully disagree with Anna Ji this time. Anna's flip & flop getting us confused. There is no other concrete option except Political alternative. Because people are fed up with going to Jantar Mantar everyday and spending their precious working time. People have already realized that Parliament is not going to listen their voices. I guess if Anna Ji is going to fast next time, even he wont gather thousand people at jantar mantar. It is easy to go at polling booth and vote but not easy to sit for 10 days at jantar mantar.
ReplyDeleteANNA KYA AAP AUR KEJRIWAL SALMAAN KHAN K SHOW BIG BOSS ME JAA KAR PAANCH 5 FIVE DIN KA ANSHAN KAR K DIKHAYEHGE KYUN K HAMARE SAB DOST KHETE HAI K YEH BUDDA PAGAL BANA RAHA HAI YANI K YEDA BAN KAR PEDA KHATA HAI YE SUNN KAR HAME BURA LAGTA HAI
ReplyDeleteअन्ना जी अब आप के फेसले भी बाबा रामदेव की तरह हो गए है पहले आप पार्टी बनाने के लिए जंतर मंतर पर समर्थन करते हो फिर कुछ लोगो के बहकावे में आ कर कहते हो पार्टी नहीं बनेगी ... क्यों आप लोगो की भावनाओ के साथ खेल रहे हो ? में बात साफ़ कर देता हूँ मैं अपनी भारत माँ का सेवक हूँ आपका नहीं और आप के बार बार फेसले बदलने से अब मेरे मन में आप के प्रति इज्ज़त कम होती जा रही है पहले में आप के फेसले के लिए जान भी देने को तैयार था लेकिन अब नहीं क्योकि पहले आप के फेसले देशहित में होते थे आजकल लोगो के बहकावे में होते है .... देश की जनता कह रही है पार्टी बनाओ तो पार्टी बननी चाहिए अगर देश की जनता कहे पार्टी न बनाओ तो नहीं बननी चाहिए लेकिन आज देश की जनता कह रही है पार्टी बनाओ चिल्ला चिल्ला कर कह रही है लेकिन आप सिर्फ कुछ लोगो की सुनते है जनता की नहीं .. जनता आप से एक पाक और पवित्र पार्टी और विकल्प की उम्मीद कर रही थी लेकिन आप के इरादे भी रामदेव जी जैसे हो गए है इसी कारण मेने बाबा रामदेव का साथ छोड़ा था और वो बी जे पी के चमचे भी निकले ...
ReplyDeleteमेरी भाषा से अगर आप को तकलीफ हो तो माफ़ी चाहता हूँ लेकिन यह मेरे दिल की बात है ............... अगर आप सच के साथ अकेले भी खड़े हो तो जीत सच की होगी और में सच के साथ हमेशा रहूँगा लेकिन इन्सान के तो कभी नहीं .....
माफ़ी चाहता हूँ अब में आप के किसी भी आन्दोलन में साथ नहीं दूंगा ........ क्योकि आप कुछ लोगो की सुनते है जनता की नहीं देश सिर्फ रालेगड़ सिद्धि नहीं है ना ही दिल्ली ... देश मेरा पूरा हिंदुस्तान है और हिंदुस्तान ने कहा था जंतर मंतर पर पार्टी बने और एक बार फिर कह रही है जनता पार्टी बने लेकिन आप अनसुना जैसा व्यवहार कर रहे है ... और .बीजेपी, कांग्रेस नहीं चाहती आप पार्टी बनाओ और उन्ही पार्टी के लोगो ने अपने एजेंट छोड़ रखे है आप का फेसला बदलने के लिए .... के आप पार्टी ना बनाओ
ना समझोगे तो मिट जाओगे हिंदुस्तान वालो तुम्हारी दस्ता तक ना होगी दस्तानो में - अलामा इकबाल
महान स्वामी विवेकानंद जी का सन्देश --
जो सबका दास होता है, वही उन्का सच्चा स्वामी होता है। जिसके प्रेम में ऊँच - नीच का विचार होता है, वह कभी नेता नहीं बन सकता। जिसके प्रेम का कोई अन्त नहीं है, जो ऊँच - नीच सोचने के लिए कभी नहीं रुकता, उसके चरणों में सारा संसार लोट जाता है। ॐ अल्लाह जय माँ भारती
खुदाराम हाफिज़
main apko salute karta hu sir ...main apki kahi har baat se agree hu......krapya apne sare dosto jo ki desh k liye kuch karne ki tamanna rakhtey hai unko b encourage kijiye ki wo b yaha apna comment darj karayen.....taaki ye baat ANNA ji tak pahuch.
Deleteपार्टी भले ही ना बनाये पर अरविन्द जी और अन्य साथियो का साथ् तो दे, अन्ना जी कहते है की साफ-सुथरी छवी वाले लोगो को वॉट दे पर साफ सुथरी छवि वाले कॅंडिडेट हैं ही कहा ? अगर विकल्प ही नही है तो...क्या मतलब है ऐसे आन्दोलन का? अरविन्द जी विकल्प दे रहे हैं तो उनका साथ दीजिये वो पार्टी संभालने व सॉफ छवि वाले लोगो को ढूंडकर विकल्प तैयार करने का काम करते रहेंगे आप साफ़ छवि वाले लोगो को वोट देने की अपील की जिम्मेदारी का काम करते रहिये.....ज़य हिन्द ...ज़य भारत..
anna ji aap bina party banaye vikalp kaise denge..? or app bar bar IAC se apne aap ko alag kyo likhte ho...?media is baat ka fayada utha kar janta ka vishwas aap logon par kam kar rahi....aap blog mein confusing baatein likhte ho jis ka matlab media kuch ka kuch nikal ti hai...aap bol rahe ho ki aap "koi party nai banaoge" to fir ye janta se sawal kyo poocha...?jab aapko party banana(bahle aap chunav na lade) he nai hai...for god sake pls stop confusing ppl....they r already confused with things happening..."kabhi ha kabhi na".
ReplyDeletebina party baneye aap kaise vikalp doge....
I have wriiten this on behalf of common ppl.
I am and will be with ur team watever the decsion ur team will take.
regards
Ankit
i agree wid u friend पार्टी भले ही ना बनाये पर अरविन्द जी और अन्य साथियो का साथ् तो दे, अन्ना जी कहते है की साफ-सुथरी छवी वाले लोगो को वॉट दे पर साफ सुथरी छवि वाले कॅंडिडेट हैं ही कहा ? अगर विकल्प ही नही है तो...क्या मतलब है ऐसे आन्दोलन का? अरविन्द जी विकल्प दे रहे हैं तो उनका साथ दीजिये वो पार्टी संभालने व सॉफ छवि वाले लोगो को ढूंडकर विकल्प तैयार करने का काम करते रहेंगे आप साफ़ छवि वाले लोगो को वोट देने की अपील की जिम्मेदारी का काम करते रहिये.....ज़य हिन्द ...ज़य भारत..
DeleteTo pass the Jan Lokpal bill, a parliamentary majority is needed. As you said, most of the parties are corrupt and susceptible to Greed. Therefore, we need to make a party of trustworthy individuals to get this Jan Lokpal bill passed.
ReplyDeleteजन लोकपाल बिल को पारित करने के लिए एक संसद बहुमत की जरूरत है। जैसा आप ने कहा, ज्यादातर पार्टियां भ्रष्ट और अतिसंवेदनशील हैं, लालच के लिए। इसलिए, जन लोकपाल बिल को पारित करने के लिए, हमें भरोसेमंद व्यक्तियों की एक पार्टी बनाने की जरूरत है।
We must form a party. If the new party gets 5-7% (approximately 2 crore votes) of total votes and zero seats, still we will be winner and next time we demonstrate, weightage of of our voice would 2 crore people of India and not 5000 sitting at Jantar Mantar.
ReplyDeleteपार्टी भले ही ना बनाये पर अरविन्द जी और अन्य साथियो का साथ् तो दे, अन्ना जी कहते है की साफ-सुथरी छवी वाले लोगो को वॉट दे पर साफ सुथरी छवि वाले कॅंडिडेट हैं ही कहा ? अगर विकल्प ही नही है तो...क्या मतलब है ऐसे आन्दोलन का? अरविन्द जी विकल्प दे रहे हैं तो उनका साथ दीजिये वो पार्टी संभालने व सॉफ छवि वाले लोगो को ढूंडकर विकल्प तैयार करने का काम करते रहेंगे आप साफ़ छवि वाले लोगो को वोट देने की अपील की जिम्मेदारी का काम करते रहिये.....ज़य हिन्द ...ज़य भारत..
Deleteआदरणीय अन्ना जी का निर्णय बेहद ही महत्वपूर्ण है, परन्तु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सांड को कंट्रोल में करने के लिए नाक में नकेल डालनी ही पड़ती है साथ ही भ्रष्ट राजनीतिक दल कभी भी अपने गले में घंटी नहीं बांधेंगे. जनता हमेशा उदाहरण चाहती है जो केजरीवाल जी देने कि कोशिश कर रहे हैं. यह देश महत्वपूर्ण हैं न कि तरीके. आज़ादी से पहले कांग्रेस अकेले ही नहीं लड़ रही थी--लड़ रही थी देश कि जनता-हर गली- में हर नुक्कड़ पर. हर तरीके से लड़ाई होनी चाहिए यही मेरा विचार है.
ReplyDeleteपहले तो लोगो को भष्टाचार के विरुध आन्दोलन से जोड़ा ..फिर झूठी आस दिलाई......अब कहते हैं की ना तो पार्टी बनायेगे और ना ही केजरीवाल को सपोर्ट करेंगे....अन्ना कृपया एह बताये फिर लोकपाल बिल कैसे पास होगा.....ना तो यू पी ए और ना ही बी जे पी सशकत लोकपाल चाहती है..
ReplyDeleteअन्ना जी आप पार्टी भले ही ना बनाये पर अरविन्द जी और अन्य साथियो का साथ् तो दे, अन्ना जी कहते है की साफ-सुथरी छवी वाले लोगो को वॉट दे पर साफ सुथरी छवि वाले कॅंडिडेट हैं ही कहा ? अगर विकल्प ही नही है तो...क्या मतलब है ऐसे आन्दोलन का? अरविन्द जी विकल्प दे रहे हैं तो उनका साथ दीजिये वो पार्टी संभालने व सॉफ छवि वाले लोगो को ढूंडकर विकल्प तैयार करने का काम करते रहेंगे आप साफ़ छवि वाले लोगो को वोट देने की अपील की जिम्मेदारी का काम करते रहिये.....ज़य हिन्द ...ज़य भारत..
ReplyDeleteAnna Ji , Please allow kejriwal ji to form a Party as we are quite confident that this Party would be setting an example to other Political Parties and "Janta" would get d option to vote Good candidates under your guidance.
ReplyDeleteजब केजरीवाल जी यह कहते हैं कि संसद मे १०० से अधिक भ्रष्ट और आरोपित व्यक्ति बैठे हैं तो वह यह क्यों नही देखते कि उसी संसद के अधिकांश सांसद ऐसे हैं जो निष्कलंक हैं, जिन पर कोई आरोप तक नही है, क्या हमे ऐसे लोगो को अपने पक्ष मे ले कर सत्ता पर दबाव नही बनाना चाहिये? बजाय इसके कि हम पहले एक पार्टी का गठन करें फिर उसको चुनाव लडायें, फिर उसके जीतने और पूर्ण बहुमत मे आने की प्रतीक्षा करें,उसके स्थान पर जो लोग पहले से ही संसद मे हैं उन पर दबाव डाल कर उनसे ही यह काम क्यों ना करायें.. आखिर आंदोलनकारियों ने सफलतापूर्वक यह बिल उत्तराखंड मे पास कराया है, तो फिर संसद मे क्यों नही करा पायेंगे..? यदि हम सभी साथ रहे तो यह राजनैतिक विकल्प खडा करने से अधिक आसान है.. राजनीति मे जिसे जाना ही है तो वो जाये, कल को यदि वह भी भ्रष्ट होता है तो आईएसी उसका भी वैसे ही विरोध करेगी जैसे कांग्रेस/भाजपा/सपा/बसपा इत्यादि का कर रही है.. विरोध का विकल्प तो हमे अपने पास रखना ही होगा.. ताकि कल को यदि केजरीवाल जी की पार्टी भ्रष्ट होती है तो कम से कम आईएसी उनका विरोध मुखर कर सके...और लोगो को अराजनैतिक विकल्प दे सके...
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Delete१०० नहीं १६२ पर आरोप है और जो बाकि बचते है उनके खिलाफ आरोप नहीं है तो इसका यह मतलब नहीं हुआ की वो पाक साफ़ है ... सांसद के खिलाफ आवाज़ उठाना आसान नहीं होता क्योकि यह आवाज़ को दबाने के लिए गुंडे पालते है जबकि मेरा मानना है कोई भी नेता आज के समय में ईमानदार नहीं है अगर आप के सामने कुछ गलत हो रहा है और आप चुप है तो आप भी उस गलत काम में शामिल है ... हर पार्टी में आज के समय भ्रष्टाचार है और संसद अगर अपनी पार्टी के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं रखते और अपने आप को पाक साफ़ कहते है तो वो भ्रम में जी रहे है ... चोर की चोरी छुपाने वाला भी चोर होता है लेकिन आज के नेता सारे के सारे भ्रष्टाचारी है यकीं न हो तो सारे नेताओ का नार्को टेस्ट करवा लो लाइव टेलेकास्ट के साथ ... जब दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा तो आप खुद कहेंगे अरविन्द जी से पार्टी बनाओ ..
Deleteरही बात आप की और आप के शिवेंदर की वो पैसो के लिए काम करते है और हम जैसे लोग देश के लिए ...
और आप लोगो ने INDIA AGAINST CORRUPTION के पेज पर कब्ज़ा कर लिया है सिर्फ अपनी मर्ज़ी से पोस्ट डालते हो .. INDIA AGAINST CORRUPTION का नाम बदल कर SHIVENDRA SINGH CHOUHAN KE VICHAR पेज रख दो ..........
तुम लोग बी जे पी, कांग्रेस की मदद कर रहे हो क्योकि यह पार्टी नहीं चाहती की अरविन्द अन्ना पार्टी बनाये वरना बी जे पी को बहुत बड़ा नुकसान होगा और कांग्रेस को भी .......
यह देश अगर राष्ट्र भक्तो को याद करता है तो गद्दारों को कभी नहीं भूलता ......... जय हिंद वन्दे मातरम
अन्ना अब में तुम्हारा कभी साथ नहीं दूंगा आप धोकेबाज़ हो ... अभी के समय में अरविन्द जी सही मार्ग पर है में उनके साथ हूँ लेकिन यह न समझना मेरे राजनीति से लगाव है मुझे राजनीति से बहुत नफरत है लेकिन आज देश को एक राजनितिक पार्टी की जरुरत है ... और हम राष्ट्र भक्त अच्छे लोगो को सत्ता में भेजेंगे लेकिन खुद नहीं जायेगे ........
किशोर जी अधिकांश सांसद निष्कलंक नहीं है बल्कि अधिकांश सांसदों के खिलाफ भ्रस्टाचार के सबूत नहीं है या फिर उन्हें कोई बड़ा घोटाला करने का मौका नहीं मिला है या फिर उनके खिलाफ रिपोर्ट लिखाने / लिखने की किसी ने हिम्मत नहीं की है ! वर्ना दस पन्द्रह करोड रुपये खर्च करके जो सांसद बना है , आप ही बताये क्या उसका इस बिजनेस से सौ डेढ़ सौ करोड बनाने का इरादा नहीं होगा क्या ! ईमानदार आदमी चुनाव में पैसे खर्च नहीं करता और कोई बेईमान क्यों ऐसा कानून बनवाएगा जिससे उसका बिजनेस ही चोपट हो जाये , आज तक की सारी कमाई सर्कार के खाते में चली जाये और बाकि जिंदगी जेल में कटनी पड़े !
Delete१). जिन अनेक सांसदों का ज़िक्र अरविन्द जी ने किया है, उन पर संगीन अपराधों के आरोप हैं| लेकिन इसका ये मतलब नहीं की जो बाकी लोग संसद में बैठे हैं, वे सभी ईमानदार हैं| इसका सबूत हमारी सरकार के वे १५ मंत्री हैं जिनके खिलाफ एस. आई. टी. से जांच की मांग की गयी थी| उन सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार के अनेक सबूत हैं लेकिन उनकी गिनती १६२ अपराधियों में नहीं की जाती| तो क्या ऐसे लोगों के हाथ में देश सुरक्षित है?
Delete२). जो मुट्ठी भर सांसद ईमानदार हैं भी, उन्होंने अपनी ईमानदारी का परिचय अपनी पार्टियों के गलत फैसलों के खिलाफ आवाज़ उठा कर नहीं दिया| आज सबसे ईमानदार राजनीतिज्ञ के रूप में जाने जाने वाले हमारे पन्त-प्रधान भी अपनी पार्टी के खिलाफ नहीं जा सकते| ऐसे ईमानदार नेता हों भी तो क्या फायदा?
किशोर जी,
ReplyDeleteआपकी बात सही है पर प्रयोगात्मक नहीं, जिन बाकि सांसद (जो किसी भी प्रकार से निष्कलंक हैं) की आप बात कर रहे हो वो सभी अपने अपने पार्टी हाई कमांड के गुलाम हैं, वो अपने जनता की बजाय अपने पार्टी और कॉर्पोरटर के पक्ष में सारे फैसले लेते हैं जिनसे उन्हें backdoor से रिश्वत आती है...आपको मालूम हो या न हो पर ये एक सिस्टम बन चूका है. अगर आप बाकि सांसद पर इतना भरोसा करते हो तब तो जन्लोक्पल बिल कब का बन जाना चाहिए था...ये वही सांसद हैं जो अपने हुक्मरानों के आगे सही बात बोलने से डर ही नहीं बल्कि सोचने की क्षमता भी नहीं रखते...हमारे प्रधान मंत्री खुद इसका एक जीताजागता उदाहरण हैं...ये वही सांसद हैं जिन्होंने लोकपाल बिल के नाम पर मजाक पास कर दिया था लोकसभा में....इन लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता अन्ना और आम जनता कितना भी अनशन या आन्दोलन करें...अगर सच में कुछ बदलाव लाना है तो जड़ से सफाई करनी होगी और वो राजनीती में घुसे बिना होना असंभव है......और अरविन्द जी पर भरोसा न करना अपना पांव कुल्हाड़ी पर रखने जैसा है...अरे कितना सबूत चाहिए? हाँ पर बहुत काम करना होगा जन-जन की चेतना जगानी होगी. अगार वो करने की हिम्मत और क्षमता है तो हम तैयार हैं. ये तो भूल ही जाओ की अनशन करने से जन्लोक्पल बिल पास होने वाला है...हाँ अगर आप समझोता करने के लिए तैयार हैं तो वो सांसद आपको बहलाने के लिए झुनझुना ज़रूर दे सकते हैं. इसलिए राजनीती में आना ज़रूरी है!
अपना लाभ हनी छोड़ कर उन भ्रस्त नेतावो के बारे में सोचना चाहिए जो लाखो करोड़ डकार जाते है और रोने भी नहीं देते. आपसी मन मुटाव से आन्दोलन को नुकसान होगा. और उससे भी ज्यादा इस देश को नुकशान होगा जो अग्रेजो से तो आजाद हुआ लेकिन इन काले अग्रेजो ने उससे भी ज्यादा नुकशान पहुचाया. हम सड़क पर नक् तो रगड़ सकते है लेकिन इन नेतवो का दिल को नहीं पिघला सकते है . यदि अरविन्द राजनितिक व्यवस्था परिवर्तन की बात करते है उसमे गलत क्या है. हमें सविधान संमत वोट करने का अधिकार मिला है हम सड़क पर आन्दोलन कर के लोगे को जागृत करंगे और राजनितिक क्रांति से देश की दिशा और दशा बदलेंगे.मेरे लिए इस देश बड़ा कुछ नहीं. इसलीए कृपया आपलोग भी आपसी मनमुटाव खत्म करे . इस आन्दोलन का एक छोटा सा साथी....
ReplyDeleteAnna je...
ReplyDelete"Aam Aadmi" ...ky hai . Wo ky kr skta hai ,usme power kitna hai.Ye humsb ko pta nhi tha...Jb maine Arvind kejriwal je ke book स्वराज padha tb pta chala ke usme(Aam Aadmi) ketna power hai...
humko nhi pata Arvind Kejriwal je kaise hai...pr jb ek IIT(Indian Institutes of Technology) me padha hua adme स्वराज ke baat krta hai tb jarur lgta hai ke ab is desh ka kuch bhala ho skta hai.
aaj kl Electronic Media kha raha hai ...Anna je ne Arvind kejriwal se dure bana leya hai...ky ye such hai ?
Anna je , Aap ne kha ache "Candidate" ko vote de...Ab aap he bataye ache Candidate kon hai..kis ko vote de...?
Jb "Lok Sabha elections and Vidhan Sabha elections" hota hai tb log khate hai sb party ek jaise hai ..Vote dene ka ky mtlb...
or log Rs le kr ,reservation ke naam pr ,धर्म ke naam pr... vote dete hai...!
Anna je ,Aap Aam Aadmi ko स्वराज de. 2014 ke Lok Sabha elections me Aam Aadmi aap ke tarf dhek raha hai.
RAJEEV
rajeev.lpu@gmail.com
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ReplyDeleteअन्ना जी,
ReplyDeleteहम सब लोग डेढ़ साल से आपके द्वारा चलाए जा रहे जन आंदोलन के साथ जी जान से जुड़े है! आपके आंदोलन ने हमारे जैसी आम जनता के दिल में भ्रस्टाचार को उखाड फेकने की हिम्मत पैदा की! जनता ने रामलीला मैदान में अपना समर्थन दिखाया भी मगर रोजी रोटी की चिंता में घुलती जनता बार बार अपना काम छोड कर अनशन में नहीं आ पाई ! फिर भी जनता में हमारा समर्थन कम नहीं हुआ है, लोग भले ही आंदोलन को अपना समय न दे पाए मगर दिल से सब आपके साथ है! हमने ये फिर से महसूस किया जब हम फिछले हफ्ते गाँवो में, बाजारों में, गलियों में, स्टेशनों पर और कंपनियों में गए राजनैतिक पार्टी के बारे में जनता की राय जानने के लिए! हमारे शहर नोएडा में हम हजारों लोगो से मिले, उनसे आंदोलन और राजनैतिक पार्टी के बारे में बात की! अस्सी प्रतिशत से ज्यादा लोगो ने हमसे कहा की राजनैतिक पार्टी बनाने के अलावा उनको कोई विकल्प नजर नहीं आता है! धरने प्रदर्शन की भाषा इन पार्टियों को समझ में नहीं आती है, आप् लोग राजनैतिक पार्टी बनाये हम सब लोग आपको वोट करेंगे! हाँ कुछ लोग ऐसे भी थे जो कहते थे की अनशन करते रहो, कभी ना कभी सफलता मिल ही जायेगी, कुछ कहते थे राजनीती में जाने से अन्ना की इमेज खराब हो जायेगी, कुछ कहते थे ये लोग भी राजनीती में जाकर भ्रष्ट हो जायेंगे! मगर ये सारे लोग मिला कर भी पांच छह प्रतिशत से ज्यादा नहीं है ! हाँ एक बात हमने और नोट की निम्न वर्ग व मध्यम वर्ग के ज्यादातर लोग राजनैतिक पार्टी के पक्ष में दिखे, जो पक्ष में नहीं है उनमे ज्यादा संख्या उच्च वर्ग की है जिन्हें शायद सुविधा शुल्क के साथ काम करने में ही सुविधा होती है और महंगाई जिन्हें परेशांन नहीं करती!
आप् भी हमेशा कहते हो की आप् अच्छे उम्मीदवारों का समर्थन / प्रचार करोगे! आपने ही जन्तर मन्तर के मंच से घोषणा की थी की अनशन करके अपनी जान देने से कोई फायदा नहीं है, अच्छे लोगो को संसद में भेजना ही अब एकमात्र विकल्प बचा है! फिर आप् क्यों बार बार ये कहते है की आप् कोई पक्ष या पार्टी नहीं निकालेंगे! आप् कोई पार्टी ना बनाये मगर आपके बाकी साथी ये प्रयास कर रहे है उनका समर्थन तो करे, आप् उनकी गतिविधियों में दखल रक्खे, ये सुनिश्चित करे की सिर्फ अच्छे लोग ही उम्मीदवारी पा सके, जितने के बाद अगर वो भ्रष्ट हो जाते है तो कैसे उनको बाहर किया जा सके! अगर आप् ये चाहते है की आपके साथी पार्टी तो बनाये मगर खुद चुनाव ना लड़े तो उन्हें ऐसा आदेश भी दे सकते है! मगर मै समझता हूँ की आपसे उम्मीद लगा बैठी जनता को और इस आंदोलन के कार्यकर्ताओ को आप् निराश नहीं कर सकते !
आपसे आश लगाये एक देशभक्त
यशपाल सिंह चौहान (नोएडा,यू.पी.)
sir muze lagta hi ki ab waqt aa gaya hi ki hume political party ke sath aana chiyea aur desh ko 3rd vikalp dena chiyea. kyounki desh main to jo halat hi usmain to kisi bhi MP par vishwash nehi kiya ja sakta wo kisi bhi party ke hath bik sakta hi. aur kisi ko bhi kharidne main congress ko maharat hansil hai. so is bat par dhyan dena chiyea anna ji aap ko.
ReplyDeleteAnna ji aur Arvind Kejriwal Brigad ka Desh Bhakt.
Jai hind Inqalab Zindabad
Sameer Gupta Indore (m.p.)
Final War Against Corruption ·
ReplyDeleteShould Team Anna form a political party?
Total Votes from all channels: 7,37,041
Total Yes 5,61,701
Total No 1,75,340
Total Yes %: 76
Total No %: 24
More details will be shared soon.
मीडिया मैं आ रहे रोज़ के भ्रामक बयानों से मैं बहुत विचलित हो रहा था कि अन्ना जी अरविन्द और उनकी पार्टी का विरोध कर रहे हैं | सच कहूँ तो एक बार तो मेरी आँख से आंसू भी निकल गए कि ये क्या हो रहा है | एक मौका मिल रहा था देश को बचाने का पर इनके आपस में ही मतभेद होने लगे | आज अन्ना जी का लेख पढ़ कर मैं थोडा संतुस्ट हुआ हूँ कि आप सब कोई ना कोई मजबूत विकल्प जनता को देंगे | मैं तो इन पार्टियों को अपना मत नहीं दूँगा पर अगर आपका कोई विकल्प नहीं आया तो इस देश के करोड़ों लोगों को एक बार फिर 5 साल कि गुलामी दे देगा | आज़ादी का सपना दिखाकर आप सब कि ज़िम्मेदारी बहुत बहुत बड़ी हो गयी है | मैं ये नहीं कह रहा कि हम सब निश्चल हो जायंगे और जो करोगे आप ही करोगे, वरन हमसे जितना हो सकेगा हम आपके लिए काम करंगे | आखिर ये देश हम सबका है |
ReplyDeleteमुझे पूरा विश्वास है आप सही समय पर सही निर्णय करेंगे |
मैं भी आपसे एक राजनीतिक विकल्प कि मांग करता हूँ | एक लोकतान्त्रिक देश को बिना राजनीती के बदला नहीं जा सकता | अच्छे लोग ही संसद में जाने चाहिए और मौजूदा कोई भी राजनीतिक पार्टी ये नहीं करने वाली | और 500 निर्दलीय उम्मीदवार जीतकर देश नहीं चला सकते |
-- एक चिंतित भारतीय
--- जय हिंद
ANNA KYA AAP AUR KEJRIWAL SALMAAN KHAN K SHOW BIG BOSS ME JAA KAR PAANCH 5 FIVE DIN KA ANSHAN KAR K DIKHAYEHGE KYUN K HAMARE SAB DOST KHETE HAI K YEH BUDDA PAGAL BANA RAHA HAI YANI K YEDA BAN KAR PEDA KHATA HAI YE SUNN KAR HAME BURA LAGTA HAI
ReplyDeleteANNA AGAR KEJRIWAL AAP KO BLACKMAIL KAR RAHA HAI TOH AAP HAME BATLANA DEKHO KYA HAAL KARTE HAI USKA
ReplyDeleteI think, Aandolan was good tool in front of Britishers, but its ineffective in front of black Britishers, ab unhe unke hi ghar me ghus kar jawaab denge...
ReplyDeleteAb bahut hua, nihatte lad lad ke dekh liye humne in paapiyo se, ab to hath me power leke hi lada jayega...
ReplyDeleteArvind tum aage bado hum tumhare sath hian,...
अन्ना जी जब खुद कहते हैं की युवाओं को राजनीति में उतरना चाहिए , और आज जब युवाओं को एक मंच मिल रहा है तो अन्ना जी नाराज़ क्यों हो रहें हैं ?
ReplyDeleteसुनने में आ रहा है की अन्ना की बातो को तेडा मेडा दिखाने वाले शिवेंद्र और गेंग अज कल बीजेपी से सम्बंधित सभाओं में देखे जा रहे , क्या इस बात से अन्ना जी को ऐतराज़ नहीं है ??
aap kehte ho party me ache log kaha se laoge aur baad me kehte ho ki ache independent ko support karuga....party banane k liye ache log nhi milte toh independent k liye ache log kaha se mil gaye aapko???
ReplyDeletePls form a party,its not about what u want,its what the country demands...yaad rakhna,ab aap bas apke gaon k nhi rahe,ab aap pure desh k ho gaye ho!!
निसंदेह राजनीती में आने से आपकी छवि को खतरा है अन्ना , ये युद्ध में उतरने जैसा है, लेकिन सिर्फ इसलिए की कोई हम पर कीचड़ उछालेगा हम उसे केसे नकार दें जो वक़्त की मांग है | जनता चीख चीख कर कह रही है अन्ना पार्टी बनाइये , अपने से ऊपर उठ के सोचना होगा..आप ही तो कहते हैं व्यक्ति में अपमान सहन करने की शक्ति होनी चाहिए |
ReplyDeleteमहाभारत के युद्ध में भगवन श्री कृष्ण ने प्रण किया था की वो हथियार नहीं उठाएंगे लेकिन अर्जुन के सारथि बनेंगे , आप भी कलयुग के इस धर्म युद्ध में हथियार न उठाएं (इलेक्शन न लड़ें) लेकिन अपने अर्जुन, अरविन्द केजरीवाल के सारथि तो बनाना होगा | धर्मं संस्थापना थायह संभवामि युगे युगे
ReplyDeleteफिर समय तुझको ना च्चल जाए कहीं
ReplyDeleteये सुअवसर ना निकल जाए कहीं
आग लगने का तमाशा देखना मत
कल तेरा घर भी ना जल जाए कहीं
जब परेशानी मे है ये ज़िंदगी
कल की चिंता मे है डूबा हर कोई
भ्रास्त सिस्टम की कड़ाही मे उबलता
क्रोध तेरा ना पिघल जाए कहीं
कब तलाक़ बैठेंगे अब खामोश हम
दूसरों को देंगे कब तक दोष हम
हाथ हाथों से मिलकर देख , शायद
तेरी किस्मत भी बदल जाए कहीं
वक़्त की आवाज़ को पहचान ले
कौन अच्च्छा या बुरा है जान ले
भ्रष्ट शासन की जड़ों को काटने का
फ़ैसला तेरा ना ताल जाए कहीं
ये सुअवसर ना निकल जाए कहीं
अन्ना जी, वक्त की यही मांग है की आप जनता को विकल्प दें | प्रश्न यह उठता है कि क्या अन्ना यह उनके सहयोगियों को पार्टी निकालनी चाहिए या नहीं? कुछ लोग कहते हैं पार्टी निकालनी की कोई ज़रुरत नहीं है, सिर्फ चरित्रशील लोगों को संसद में भेजना चाहिए पर मैं यह समझता हूँ कि अगर यह लोग एक पार्टी का हिस्सा नहीं होंगे तो इन लोगों पर नियंत्रण रखना मुश्किल हो सकता है | अगर पार्टी बनी तोह उसका एक खुद का लोकपाल होगा जो इन लोगो पर लगातार नियत्रण रखेगा अगर ना बनी तोह नियंत्रण रखना मुश्किल हो सकता है | अन्नाजी, आपके कहने पर देश के लोगों से फिर पूछा गया कि वे अन्ना सह्योग्यिओं की पार्टी चाहते अथवा नहीं और चाहे वेह इन्टरनेट हो, SMSs हो, मिसकॉल के ज़रिये हो ७६% लोगों ने कहा की वेह अन्ना सहयोगियों से चाहते हैं की वेह पार्टी बनाये, और मेरी इस देश के युवक होने के नाते भी येही इच्छा है |
ReplyDeleteआज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।
हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में,
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, सारी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए।
अन्ना जी से बस एक ही शिकायत है
ReplyDelete" वो राह दिखाई ही क्यो जिस राह तुम्हे
जाना ना था"
" बहुत दूर निकल आये मुसाफिर …
अब कहते हो इस राह पर आना ना था"
अन्ना,
ReplyDeleteतूम्ही राजनीतीच्या चिखलात उतरणार नाही आहे,हे आम्हाला मान्य आहे,पण तुम्ही अरविंद केजरीवाल ला समर्थन द्या अशी आमची मना पासून इच्छा आहे,आमची नाही तर ७५ प्रतिशत लोकांची इच्छा आहे,आज देशाला एक क्रांतिकारी बदलाव पाहिजे आणि ते फक्त राजनीतिक विकल्प नि मिडणार आहे ,आम्ही दिवस रात्र काम करणार,लोकांना समजून देणार.आंदोलन तर फक्त संवेदनशील सरकारच्या पुढे करून फयदा आहे,इकडे आपला कोणी नाही ऐकणार,चांगले लोकांना संसद मध्ये जावा लागणार.या चिखलात उतरावा लागणार दुसरा काही पर्याय नाही. शेवटी तुम्हाला नम्र विनंती अरविंदचा साथ द्या.
The question to from a political party doesn't arise,this was not what Anna's movement asked for.We were together to get a Lokpal bill not to form a political party.
ReplyDeleteI would ask certain questions and would like you to answer in Yes or No !
1. By forming a political party are we getting closer to getting the Janlokpal bill passed in the winter session 2012. - Yes / No
2. Had the movement continued would the government have not come under pressure ? Yes / No
3. Is not getting into politics diverting the focus ? Yes/ No
4. What was our main agenda. 1. Janlokpal or 2. Politics.Are we going to get all the seats in the lok sabha or even close to 50% to get the majority in 2014. Yes / No
5. Which path takes longer time to get the Jan loklpal bill passed 1. Public pressure or 2. Getting into politics.
6. And i hate the argument when people say that we are going to change the system.Are the people working in the system aliens don't they understand what's wrong and right.
Our focus was to get the Lokpal bill passed not to buy time or give another 10 years till Arvind party starts getting some percentage or representation.
By doing so we a ourselves delaying the lokpal bill and we cannot change the India by throwing all the people who are corrupt. They are our parents our relatives and our siblings.
Our country is too big for issues but the main thing is focus on a particular issue solve it first and them move to the next.
Even if Arvind kejeriwal wins the election ,would he be in position to get the support of all the opposition parties and get them to a consensus to pass the Jan lokpal bill. The answer is No. Then where does forming a political party help us,as people we can put pressure on the polity but getting into the arena is getting the attention diverted.
I don't question the integrity of Arvind but he needs to be more focused and persistent in his approach to build public pressure.Had he not called of the fast the Government would have either passed the bill or fallen down but at the peak of the pressure they took this disappointing decision.
Success = Decision + Focus + Action
Somewhere we lost the focus and got into the trap of the eminent people suggestions. It could have been a part of a conspiracy to get the movement diverted and buy time for the government.
I don't know why Anna couldn't understand this and this is what makes me feel sad and disappointed.
1. maybe
Delete2. Since the beginning of IAC movement, UPA government has been playing tag and mocking it.
3. No, there can be different means to the same end.
4. Jan Lokpal
Getting even 1% of the seats will make other parties take us seriously. Right now IAC is like a toy for the UPA to kick around, while other parties watch the show from the sidelines.
5. been trying "Public pressure" for over a year with ZERO result. What makes you think anything will change now?
6. Most "people working in the system" are corrupt and susceptible to Greed; which is why they will do anything to avoid passing the Jan Lokpal bill. IF YOU THINK THERE ARE HONEST POLITICIANS IN THE SYSTEM, DO TELL ME !
आदरणीय अन्ना जी..!
ReplyDeleteआप के बताये हुए मार्ग पैर चलते हुए, हम NDA और UPA दोनों पार्टियों को वोट नहीं दे सकते...! आप की पार्टी से बहूत उम्मीदे बनी थी, लेकिन आज-कल मीडिया में आ रहे अफवाहों की वजह से देश की जनता बहूत ज्यादा भ्रमित है..! देश के लोगो को समझ नहीं आ रहा है की वो करे भी तो क्या करे..! उम्मीद की एक किरण दिखाई दी थी, पर अब तो वो भी दूर होती दिखाई दे रही है..!
आप से विनती है की आप पार्टी बनाये देश के हजारो युवा आप के साथ है...!
चुनाव जितने के लिए करोडो रुपये की जरूरत उन लोगो को पड़ती है, जिसके ऊपर देश की करोडो जनता का विस्वाश नहीं होता..! आप के साथ देश की करोडो जनता का विस्वाश है..!
२०१४ के चुनाव के लिए अभी १.५ साल का समय है...! अगर हम सब लोग मिलकर आप के मार्गदर्शन में तलाशेंगे तो हजारो चरित्र शील और इमानदार लोग मिलेंगे..!
अगर कोई चुने जाने के बाद भ्रस्ट हो जाता है तो हम सब के पास जनलोकपाल, राईट टू रिकाल जैसे मजबूत कानून रहेंगे...!
और फिर आप तो रहेंगे ही भ्रस्ट लोगो की कान खीचने के लिए..!
आप से हाथ जोड़ कर विनती है कि देश के करोडो युवाओ में जो जोश आपने भरा है, देश के करोडो युवाओ में जो उत्साह आपने पैदा किया, देश के करोडो युवाओ को जो हौसला आप से मिला है उसे मरने ना दे...!
अगर आप अपने फैसले से पीछे हट गए तो देश को करोडो युवा अपनी ज़िन्दगी में दोबारा आन्दोलन करने का हौसला नहीं कर पायेंगे..! देश के युवा दोबारा कभी क्रन्तिकारी नहीं बन पायेंगे..!
आपके बताये हुए पग-चिन्हों पर चलने वाला आपका अपना....!
विशाल विक्रम सिंह
9838589563
प्रणाम अण्णा,
ReplyDeleteआजच्या युवाच्या मनात एक आशा निर्माण झाली आहे कि तुम्ही एक राजनेतिक विकल्प देणार आणि स्वच्छ प्रतिमा चे लोक राजनीती मध्ये येणार , तुम्ही अरविंद केजरीवाल चा साथ द्या त्यांचे कर्म आणि तुमचे विचार मिळून आम्हाला स्वराज मिडणार.
नमस्कार अन्नाजी
ReplyDeleteपहिल्यांदा आपले हार्दिक आभार की आपल्यामुले माझ्यासारखी लोक जी नेहमीच विचार करायची की "ह्या देशाचे कही होवू शकत नहीं," त्याना आपल्यामुले आशेचा किरण दिसला, मागच्या वर्षीच्या झालेल्या आन्दोलानामुले माझ्या सारखी युवा पीढ़ी खडबडून जागी झाली,, आपल्या देशासाठी आपणही कही तरी करू शकतो ह्याची जाणीव झाली, आपल्या आंदोलनात आम्ही ही हिरिहिरिने भाग घेतला आणि उर अभिमानाने भरून आला,, आन्दोलानामुले ह्या देशात कधी नव्वे ते लोक एकजुट होवून भ्रस्थाचाराविरुध उभी राहिली,, आंदोलन सम्पव्ताना आपण "पोलटिकल अल्तेर्नाते" बद्दल सांगितले आणि परत आम्हाला वाटले की झाले आता ह्या देशात भ्रष्टाचार आणि भ्रष्टाचारी लोकांचे दिवस संपले,,आपल्या टीम ने ही पुढाकार घेवुन पार्टी बनवण्याची तयारी चालू केलि आणि आपण राजकरानत उतरणार नाहीत हे आपण आधीही सांगितलेले पण आपल्या टीम ने पार्टी बनवण्याची तयारी चालू केल्यावर आपण माघार घेतली (कारन कही ही असो) ,,अन्ना जर आपण स्वत्चा चरित्र्याच्या उमेद्वाराना उभे कारनार असाल तर मग आपल्या टीम मेम्बेर्स ला पत्थिम्बा देण्यात काय हरकत आहे? आम्हाला आपल्यावर आणि अरविन्द जी च्या कर्तुत्वावर पूर्ण भरवसा आहे,,ते आणि आपण मिलूंनं ह्या देशा सट्ठी चांगलेच कराल ह्याची खात्री आहे,, अन्ना आता मागे बघू नका,,ह्या शिवाय दूसरा कही चांगला पर्याय नह्हीय अस्से आम्हा सारख्या सामन्य जनतेला वाटते,,
अन्ना आपल्यला अगदी आदरपूर्वक विनंती आहे की कृपया आपल्या मेमेबेर्स वर विश्वास ठेवा आणि अरविन्दजी जी पार्टी उभी करतायत त्याला पथिम्बा दया,, आपण आधी सांगितल्या प्रमाने आपण बाहेर राहून जर कोणाची चुक होता असेल तर काण पकड़ा आणि त्याला वथानी वर आना पण आपण ह्या राजकीय क्रांति पासून स्वताला दूर ठेवू नका,,अन्ना आपला स्वताचा आन्दोअलाना बद्दालचा गाढ़ा अनुभव आहे,, तुम्हाला माहितेय की ही क्रांति जर विफल झाली तर लोकांचा आन्दोलानावाराचा विश्वास उड़ेल आणि सामान्य मानुस स्वताला असल्या आन्दोलाना पासून दूर ठेवेल,,आपण कृपया आम्हाला राजनीतक विकल्प दया आणि तो अरविन्द जी, जी पार्टी बनावतया त्याच पार्टी चा दया बाकि आमचा इतर कुठल्या पार्टी वर विश्वास उरलेला नहिय,,
आपला आज्ञाकारी
देवेन्द्र मयेकर
Annajiआप से विनती है की आप पार्टी बनाये देश के हजारो युवा आप के साथ है...!
ReplyDeleteचुनाव जितने के लिए करोडो रुपये की जरूरत उन लोगो को पड़ती है, जिसके ऊपर देश की करोडो जनता का विस्वाश नहीं होता..! Sumit Saxena Meetha pur 9911180809
सवाल ये है कि किस चुनाव चिन्ह से लड़ेगे ये अन्ना जी मतलब जनता के उम्मीदवार ? भाजपा से ? काग्रेस से या फिर किसी पार्टी ने टिकट नही दिया तो निर्दलीय ? मतलब अन्ना अब लोकतंत्र के मन्दिर के देवी को खुश करने के लिये बली चढने वाले करोड़ो के बकरे( निर्दलीय ) तैयार करेगे, इस बात की जब कोई गांरटी नही दी जा सकती की सत्ता की जोड़ तोड़ में ये बिकेगे नही तो फिर इस विकल्प का अर्थ ही क्या रह जाता है ?
ReplyDeleteऔर अगर मौजूदा राजनैतिक दलो के टिकट पर खड़े उम्मीदवार का अन्ना समर्थन करते है तो उस उम्मीदवार की निष्ठा पार्टी आलाकमान के प्रति होगी या अन्ना जी के प्रति ?
अन्ना जी का राजनैतिक विकल्प सुनने -पढने मे तो अच्छा लगता है परन्तु व्यवहारिक कितना है ? और चुनावी राजनीति और दूषित चुनावी व्यवस्था और सत्ता के गठजोड़ के पैतरेबाजी मे कितना टिक पायेगा ? ये प्रश्न भी विचारणीय है ।
अन्ना जी का राजनैतिक विकल्प मुझे तो एक हवाई किले के अलावा कुछ नही नजर आ रहा , जब तक की वो एक स्पष्ट संगठन अथवा पार्टी ना बना ले । जो खुद अपने चुनाव चिन्ह पर जनता मे से चुनकर उम्मीदवार खड़े करे ।
आदरणीय अन्नाजी ,
ReplyDeleteआन्दोलन कर जन लोकपाल के लिए हम सब देश वाशी आपके पीछे एक साथ हुए थे . आपका स्नेह मुझे मिला वह मेरी शक्ति है . आपके साथ कुछ सभाओं में सह वक्ता और सहमंचीय बना वह मेरा सौभाग्य . साबरमती से दांडी मार्च कर नमक बना 3 अप्रैल 2011 की नरे पार्क की सभा में आपके चरणों में अर्पित किया , वह मेरे जीवन के पवित्रतम क्षण थे . मुझे आप पर असंख्य देशवासियों की ही तरह पूरा भरोसा है . इसीलिये न्यू योर्क नगर प्रशासन की अपनी सेवा समय पूर्व त्याग आप के नेत्रित्व में देश के लिए अपना भी नगण्य योगदान आपके चरणों पे अर्पण करना मेरा परम आनंद भी . आप अगर सोचते हैं की सिर्फ आन्दोलन से जाग्रति हो तो वही हो .लेकिन अगर अरविन्द ,प्रशांत जैसे मुख्य लोग पार्टी बना विकल्प की बात कर रहे हैं तो पहले उसके सर्वांगीण एजेंडे को देना होगा . पार्टी का आर्थिक ,सैन्य ,अंतरराष्ट्रीय विदेश निति ,राष्ट्रीय सुरक्षा आदि तमाम मुद्दे और उद्देस बनाये बताये बिना यह सर्वेक्षण एक मजाक है .इस पर आपके नाम का सहारा ले जो पार्टी बनाने की बात करते हैं वह सिर्फ भावनात्मक दोहन है और केजरीवाल जैसे लोगों के राजनैतिक विचार खुल कर आने चाहिए .मुझे उन पर गहरी शंका है . वे वाम सोच के हैं .वह भी विचार कर सकते हैं . पर उनके विचार जो जान पाया हूँ देश हित और भावना के ही खिलाफ हैं . वे कश्मीरी अलगाव वादियों / आतंकियों तथा नक्सल समर्थक हैं .आप कश्मीर पर कह चुके हैं " सर कटा सकते हैं ,कश्मीर नहीं देंगे " . उनकी नीतियों और सोच से आप भी अनजान नहीं हैं . क्या दोनों आपस में विरोधाभाषी नहीं हैं ? आप भारत माता की जय और वन्दे मातरम का राष्ट्र घोष देते हैं और आपकी टीम उसी का विरोध करने वालों का तुष्टीकरण करती है . भ्रष्टाचार जितना ही गहरा मुद्दा है राष्ट्र सुरक्षा और देश हित . देश पर छाये दुष्ट खतरों से आप जैसा देश का सिपाही रह चुका व्यक्ति अनजान हो ही नहीं सकता . पहले पार्टी बनाने वालों को खास मुद्दों पर भी देश की सहमति लेनी होगी . और सब मुद्दे और उनके निराकरण की रूप रेखा बनानी होगी और राजनैतिक उद्देस स्पष्ट करने होंगे . और पार्टी बने तो देशहित , जनहित और जन जन भावना का सामूहिक सम्मिलित प्रतिनिधित्व भी बने .
इसी आशा में !
आपके वंदन
राजकुमार सिंह
ANNAJI,
ReplyDeleteSADAR PRANAM,
Mere parivar me sab apko pita samajhte hai,,mera pariwar hai--har wo vyakti jo bharat ki wo surat dekhna chahta hai jiska sapna team anna ne hume dikhaya....Aur usi parvaar ka mukhia aj hume kahta hai ki ankhe band kie tapasya karo tumhe safalta milegi....jo peta ne sir utha kar awaz buland karna sikhaya, housla dia, aj wahi pita kahte hai ki un par bharosa karo jo hazaro bar bharosa thod chuke hai......!!aur to aur FDI ko lakar sabit karte hai ki dekh lo tum kitne kamjor ho aur mai kitna shashakta..? kya us par bhi apko yahi lagta hai ki hume bas anunay vinay karna chahie? kud apni gandagi hum saaf n kare?
Kyu rajniti ko mauka n dia jae ki wo apne sahi mayane bata sake?
Kya avyavasta ko dur karne ka sahi tarika andolan hai? ya vyavastit rup ke lie samul parivartan?
BABA,,,, ap hum bachcho ko majhdhar me chod rahe hai wo bhi bina tairna sikhae!!
AAP aisa nahi kar sakte,,,,,apko hume rajnitik vikalp dena hi hoga,,PLEASE<>
HUME RAJNITIK VIKALP DIJIE
अन्ना जी आपको मीडिया में बयान देने से पहले अपने लोगो से विमर्श करना चाहिए नहीं तो सारे देशवाशियों के दिलों में विभ्रम फ़ैल जाता है . आपसे घर के बुजुर्ग सदस्य सा व्यवहार अपेक्षित है न की बाबा रामदेव की तरह का आचारण जो उन्होंने ४ अप्रैल २०११ को आन्दोलन में जंतर मंतर पर किया था . उन्होंने पिछले १० साल में भ्रष्ट व्यव्श्था के खिलाफ एक लहर पैदा की थी पर देश ने उनके संकीर्ण नजरिये से बहुत कुछ खो दिया और वो खुद भी दिशा हीन हो गए , आप से अनुरोध है आन्दोलन की मिटटी पलीद न करें और घर में बैठ कर पहले एक राय बना लें फिर मीडिया में सभी एक सुर में बात करें .वन्दे मातरम .
ReplyDeleteANNAJI,
ReplyDeleteSADAR prANAM,
itne aham mudde per ap vyagtigat soch ko uper kaise rakh sakte hai? Janta ki paresani ke lie age anne wale 'AAP' aj hum janta ki rai aur jarurat ko itna begana, aur swarthalipta samajh rahe hai?,,KYU,,,,
ap har pahalu se sochie n!!PLEASE
ANNAJI,
ReplyDeleteChote muh badi bat, ,,apko jindagi ka tajurba hum sabse jyada hai,, aap hi bataiye agar rog jad me ho to ilaj kaha hona chahie?jad se hi to?aur apko lagta hai rog failane wale rog ka ilaz karne dena chahte hai?agar 'HA" to rog unhone kya soch kar failaya? aur 'FAILATE HI JA RAHE HAI'....JAI HIND!JAI BHARAT!!
ANNAJI
ReplyDeletehum sab to so rahe the anjan the,,,,har stithiyo se samjhauta kar chuke the......jhakjhora q?aur abhi adhure rahne kji bat...? ye janta oar barasne wala aj tak ka sabse bada anyay hoga....!ki mauka bhi n dia gaya....! jo rajnitik vikalp nahi chahte hai ,,, wo banva de jan lokpal bill....baki kam to age kud hi ho jayega
ANNA JI
ReplyDeleteSADAR PRANAM;AAJ DESH KO JARURAT HAU EK VIKALP KI RAJNITI KI PARI BHASHA KO BADAL DE.HAR ELECTION KE SAMAY SAMAJH ME NAHI AATA JKISE VOTE DE PHOR DIMAG KAHATA HAI JO KAM CHOR HO USKO .AB YE BADLNA HIGA AB JO IMANDAR HO USKO HU M VOTE DE. MAINE EK MAHINE ME 150 ALAG ALAG CLASS KE LOGO SE BAAT KI SABNE KAHA KI HUM ANNA KI PARTY SE UMMIDE HAI AUR KISI PARTY SE NAHI KYUKI CONG. HO YA B.J.P.SAB EK JAISE HAI KOI PARTY VYAVASTHA PARIVARTAN KI BAAT NAHI KARTA KYA AAPKO LAGATA HAI KI ANDOLAN SE YE PARTIAN JAN LOKPAL BILL , RIGHT TO RECALL ,RIGHT TO REJECT,GRAM SABHA KANOON NAGAR RAJ KANOON LE AAYENGI.TO MERE KHAYAL SE AAP GALAT SOCH RAHE KYUKI LOKPAL BILL KE LIYE TO DESH KAB SE PRATKSHA KAR RAHA PARANTU ABHI TAK WO PASS NAHI HUA HAI.WO KARANGE BHI NAHI YE MAN NIYA NETAGAD CHAHE WO JIS BHI PARTY KE HO WO APANI GARDAN LOKPAL KE HATH ME KYO DENGE KYUKI YE SAB BHRASHT HAI.AAP KO RAJNITI SE ITNI AJ GHRINA KYO HO RAHI HAI ANNAJI RAJNITI KA MATALAB HOTA HAI DESH KI VYAVASTHA KO JANTA KE ANURUP BANANA.ISME KYA GALAT HAI AAP NE BHI TO JO ANDOLAN KIE HAI USKA UDDESHYA HI TO YAHI THA.PHIR KYO KYO AAP KADAM AAGE BADA KAR PICHHE KHICH RAHE HAI PHOR KYO AAP UMMID KI KIRAN JAGA KAR NAUMID KAR RAHE HAI .HUMLOG TO SOYE HUE THE AAPNE JAGAYA AUR AAP KAH RAHE HAI KI SO JAYO.DESH MAR JAYE BHRASTACHAR KI AAG ME JHULAS JAYE AAP KI SAFEDI BAR KARAAR RAHANI CHAHIYE WAH KYA BAAT HAI.AAPKO RAJNITIK VIKALP DENA HI HOGA YE DESH AUR SAMAY KI MAANG HAI.AGAR SAMVIDHAN NE HUMAKO YE TAQAT DI HAI TO TO ISKA ISTEMAL ITIHAS ME PAHALI BAAR JANATA KE HIT ME KYO NA HO.JAI HIND JAI BHARAT BHARAT MATA KI JAY
अन्ना अन्ना अन्ना तेरा स्वागत है मेरे राज मैं, अंतत तू आ ही गया मेरे कलयुग प्रभाव मैं हा हा हा हा हा हा हा तू मेरी शक्तियों को नहीं जानता, मैं कलयुग हूँ और मैं सब कुछ कर सकता हूँ
ReplyDeleteझूट, छल, फरेब, मोह, क्रोध, अहंकार, काम, लोभ, धन, पराई स्त्री, शराब, जुआ, जलन आदि आदि यह सब मेरे निवास स्थान है अब मैं तुझे अपने प्रभाव से कभी अलग नहीं होने दूंगा ....................................
शाबाश मेरे बीजेपी के शिवेंद्र और बाकि परम भक्तो अन्ना को मेरे प्रभाव में लाने के लिए ऐसे ही काम करते रहो में तुम्हे माला माल कर दूंगा हा हा हा हा हा हा
कलयुग राज अमर रहे .... अब तुम सब को केजरीवाल को मेरे प्रभाव में लाना है बहुत सच की बिन बजा रहा है बहुत उछल रहा है हा हा हा हा हा उछलने दो तुम जैसे भक्त अगर मेरे साथ रहे तो केजरीवाल भी जल्द ही मेरे प्रभाव मैं आ जायेगा ............ हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
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ReplyDeleteमेने आप को लाला लाजपत राय की उपाधि दी थी अपने इस पोस्ट के द्वारा
ReplyDeletehttps://www.facebook.com/photo.php?fbid=338868022873842&set=a.182272098533436.42714.100002519413400&type=3
लेकिन आप बहुत बड़े धोकेबाज़ निकले .... अरविन्द जी आप को भारत बनाम भ्रष्टाचार आन्दोलन के लिए ले कर आये थे और उन्ही के सहयोग से मीडिया भी आन्दोलन के साथ हुआ और अरविन्द जी ने आप को देश का मुखोटा बनाया वो चाहते तो खुद भी ऐसा कर सकते थे लेकिन उन्हें आप को आगे किया एक विश्वास के साथ की अन्ना अच्छे इन्सान है हमेशा राष्ट्रहित में ही फेसले करेगे लेकिन आप धोकेबाज़ निकले ....आप देश के गाँधी बन गए अरविन्द जी के सहयोग से और अब आप कहते है, अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता - यह सब में इसलिए कह रहा हूँ मेरे सारे दोस्त मेरी मजाक उड़ा रहे है आप को गालिया दे रहे है ... की यह भी नेताओ की तरह धोकेबाज़ है, में तो पहले ही कहता था यह सिर्फ अपना नाम करने के लिए ही आते है और जनता को बेबकुफ़ बनाते है ..यह मेरे दोस्त बोल कर गए आप के बारे में अभी अभी ... और में कुछ न कह सका ...... अन्ना जी नहीं अब अन्ना ही कहूँगा अब जो बची कुची इज्ज़त थी आप के लिए वो भी ख़तम .....
वादा है अन्ना देश को हम अपनी क़ुरबानी दे कर भी बचायेगे लेकिन आप जैसे ढोंगी पर कभी यकीन नहीं करेगे .......... अब आप जवान अन्ना नहीं रहे, अब आप बुडे अन्ना बन गए हो क्योकि आप की सोच आप का साथ नहीं दे रही है ... विनाश काले विपरीत बुद्धि ..... कुछ लोगो ने आप से यह भी कहा होगा अरविन्द जी कांग्रेस के साथ हो गए है ... यह बात सिर्फ वो ही कह रहे है जिन्हें बीजेपी से मोहब्बत है जबकि सच यह है की कांग्रेस और बीजेपी बाकि साडी पार्टी हमारी दुश्मन है ..... हम सच के साथ है और जीत जायेगे हम जब शिर्डी का साईं बाबा हमारे साथ है .......... जय साईंनाथ
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समझे धोखेबाज़ अन्ना ..... क्या आप बीजेपी के साथ हो गए है ? मेरे कुछ दोस्त यह बात मुझ से कह रहे थे ... आज के बाद से इस बात पर यकीन होने लगा है, और आप ने अप्रैल आन्दोलन में नरेन्द्र मोदी की तारीफ भी की थी ..... उस वक़्त ध्यान नहीं दिया था लेकिन आज यकीन हो गया .......... की अन्ना बीजेपी का एजेंट है जैसे बाबा रामदेव है
थूकता हूँ में बीजीपी कांग्रेस पर और उनके चमचो पर ....... सब को एक साथ सबक सिखाऊंगा ....लेकिन अपने ना पाक ज़बान से भारत माता की जय, इंक़लाब जिंदाबाद, वन्दे मातरम, जय हिंद के नारे ना लगाना क्योकि यह पाक जुबान पर ही अच्छे लगते है आप की जुबान से यह ना पाक हो जायेगे ............... भारत माता की जय
मेरा शिर्डी का साईं बाबा आप को आप के गुन्हाओ के कारण माफ़ करे .... और जल्द से जल्द मुक्ति प्रदान करे - आमीन
m agree wid u m also wid arvind kejriwal
Deleteअन्ना जी मुजे तो ये लग रहा ही की आप को क्या हो गया है आप ने अरविन्द जी के साथ और देश के साथ धोखा क्यों किया. देश आप से पूछ रहा है. आप तो अपनी बात से ही पलट गए और अरविन्द जी नही पलटे, क्या बात कही अप ने की अरविन्द मेरे मंच पर ना आये तो क्या वह बीजेपी आकार बठेगी यार फिर NCP.
ReplyDeleteBJP n RSS KE AGENT
ReplyDelete.
1. SHIVENDRA SINGH CHOUHAN paid by bjp
2. Baba Ramdev
3. ANNA HAZARE ?
its proved ..... by ashutosh tweets
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ashutosh @ashutoshibn7
Interesting development. Anna after leaving his team meets Ramdev, a meeting facilitated by a RSS man in golf Link Delhi.
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ashutosh @ashutoshibn7
Few days back Anna disowned Ram Dev bcoz he met with Narendra Modi, why this sudden urge to meet Ramdev ? Is some bigger politics?
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twitter.com/ashutoshibn7
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its shocking news .....
good analysis dear. why ppl just don't use mind. why they use heart insted of mind. all the ppl talik shit abt anna. why ppl r not replyin to the Q u and i askin.i know not even arvind can give answer. why i m getting this feeling these shit comments r takin place due to some reasons. hope i will find it out soon. no buddy gave answer to Q. a party have vision. movement have integirty bcuz vision and target is known. party need to clear view on Reservation, reservation of muslims, foreign policy, khap panchayat, sec 370, FDI, subsidy to industry and suubsidy to farmers and aam admi,yoga in education. history of Arya ,were they inidan or outsider, ram mandir.homosexual marriages, fdi in broadcastin, newspapaers, many more, they should give answers then ask support of anna and from the followers of anna. before going to election plz clear all these any of u guys on behalf of arvind party , if u r authorise? reply one more Q. if arivind is so capable why he needs anna so despartely? he know everything. it feels like i started the business of my father ,his money, his name and one day i say this" dad u r fool"
Deleteअन्ना ने कहा था कि यदि जनता कहेगी कि ऐक राजनीतिक पार्टी का गठन करो तो मैं करूंगा. अब जबकि जनता ने 76% वोटों के द्वारा नई राजनीतिक पार्टी के गठन का आदेश दिया है तो अब पीछे हटना अन्ना की कायरता है. भ्रष्टाचार के विरोध व काले धन को स्वदेश लाने के लिये आन्दोलन को शीर्ष पर लेजाकर उसकी तार्किक परिणती तक इस आन्दोलन को लेजाना चाहिये था. यदि अन्ना में अब संघर्ष करने की हिम्मत नहीं बची तो उन्हें इस आन्दोलन से अलग हो जाना चाहिये. केजरीवाल में नेत्रत्व संभालने की क्षमता है जिसका प्रदर्शन वह कई बार कर चुके हैं.
ReplyDeleteएक उम्मीद की मौत हो गई। एक शूरूआत को बड़ा झटका लगा। लोकपाल आन्दोलन अन्ना का चर्मोंतकर्ष था। वह धीरे धीरे इतिहास के पन्नों में गुम हो जायेंगे। किरण बेदी आज नहीं तो कल बीजेपी की एमपी बन जायेंगी। केजरीबाल एक्टीविष्ट बने रहेंगे। फिलहाल रामदेव जी के ट्रस्ट में इज़ाफा होता रहेगा। भारत स्वतंत्र होने में वर्षों पीछे चला गया। अब अगले गाँधी का इंतजार है।
ReplyDeleteएक अरब से ज्यादा जनसंख्या वेल देश में 542 ईमानदार लोग नहीं मिल सकते ? आपके कहने का मतलब है की सौ प्रतिशत लोग भ्रष्ट हैं. अगर सभी भ्रष्ट हैं तो भ्रष्टाचार हटाने की बात ही बेमानी है भ्रष्टाचार के साथ ही खुश रहना सीख लीजिये
ReplyDeleteसबको आम जनता ही मिलती है खिलवाड़ करने को. नेता लोग तो हमारे साथ खिलवाड़ करते ही रहते हैं, अब समाजसेवी लोग भी हमारे भावनाओं के सात खिलवाड़ करने लगे. अरे जब तुमलोग खुद एकजुट नही रह पाए तो किस भावना से आये थे हमारी नेतागिरी करने. घर की चारदीवारी काट ती है क्या तुमलोगों को? कितने विश्वास के साथ आये थे हम इनके पीछे....हमारे विश्वास की धज्जियाँ उड़ा दी. इनका तो जो मन करेगा वो करेंगे...ये किसी से थोड़े ही पूछने जायेंगे की येलोग ठीक कर रहे हैं या गलत....सिर्फ हमे गुमराह करके...बोलेंगे बस हमारे पीछे पीछे चलते रहो. हमारा वॉर्निंग है पूरी टीम अन्ना के मेम्बर्स को की अगर सही राह चलना चाहते हैं तो तुरंत एकजुट हो कर सारे मतभेद को दूर करके फिर से एक सात कोई कदम उठाएं. वर्ना अबकी बार आयेंगे हमसे सपोर्ट मांगने तो धक्के मारकर भगा देंगे. जब मरना ही है तो अपनी मौत हम खुद चुनेंगे. तुम जैसे मक्कारों की जरूरत नही हमे. आंख से आंसू छलक आये ये न्यूज़ पढ़कर..कैसे अपना मतलब साधने आये थे और अब दिखा दिया असली औकात.
ReplyDeleteठीक है केजरीवाल पार्टी नही बनाते तो देश से भ्रष्टाचार खत्म करने की कोशिश क्या कोई वर्तमान पार्टी करेगी ? अगर नही करेंगी तो कौन करेगा क्यूकि संसद मे कानून तो वही बनायेंगे. क्या अन्ना कोई और रास्ता जानते है? अन्ना ने खुद जन्तर-मन्तर पे देश से पूछा था की पार्टी बनाये या नही. अन्ना देश के जनता की भावनाओ के साथ खेल रहे है. क्या सभी ईमानदार भारतीय अपना अहम छोड़ कर देश के लिये एक साथ नही हो सकते ? आने वाली पीढ़िया आप को या तो अच्छे कम के लिये याद करेंगी या ऐसे बेवकूफ के रूप मे जिसने देश के गद्दारो को और मजबूत किया.
ReplyDeleteअन्नाजी मे आप की भोत इजत करता हु. और जिस की इजत हम करते ह उन्ही से हम कुछ पूछ सकते ह या ज्ञान ले सकते ह.
ReplyDeleteAnna जी कुछ सवाल आप से -
१. अगर आप जनता को जतंत्र का मतलब समजाते है तो क्या आप को जनता की राय नही माननी चाइये थी जो की पार्टी बनाने की थी ?
२.कल के बयाँन में आप ने और किरण जी ने इस बात को बड़े विश्वास से कहा था की हो सकता ह कांग्रेस चुनाव से पहले जन्लोकपाल ले आये इसका क्या मतलब है. जिस सरकार के खीलाफ आप ने इतने बड़े-२ आन्दोलन किये उस पे आप को इतना बरोसा कसे हो गया की आप ने ये बात कही ?
३. आप की कोर कमेटी में कितने लोग पार्टी बनाने के हक में थे ?
४.आप की और सलमान खुसिद जी की क्या चर्चा हुए थी ?
५.आप के चुने हुए मंत्री अगर कोई गलत कम करेंगे तो आप उन को कसे बर्खास्त करेंगे ?
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ReplyDeleteI think, Anna's stand not to use his name and picture. it only shows that how much he worries about his self image. Now, he became selfish. He knows that he is a national hero. Earlier, I did like his down to earth attitude. It was the Kejriwal and other team Anna members, who made Hazare national hero. He is in no aspect different than Baba Ramdev, who 24 hrs praises about himself. Earlier I thought Digvijay Singh was a psychiatric patient, whatever he told against Anna, is wrong, but now I realize that you have a close association with RSS. By heart I am a hardcore Hindu., but my Honesty and Nationality is above all.
ReplyDeleteअन्ना जी आपके लिए सिर्फ फेसबुक,गली,मौहल्ले,परिवार,माँ बाप से ही नही,इस देश के प्रधानमंत्री से भी लड़े हैं.......आप तो मंदिर में रहता हूँ कहकर ,एक थाली,दो चम्मच बजाकर भजन गाकर मंदिर में सो जाते थे,हम हर जगह आपकी ढाल बनकर आपके आगे खड़े रहे....जाने कितनी राते सिर्फ इस लिए जाग कर बिता दी,की कोई आपको कोई गलत शब्द न कह दे....जब माँ बाप मना करते थे कि कुछ नहीं होना इन सब पागलपन से, पढ़ लो,तो उनसे भी भिड गये कि अन्ना हमारे गुरु हैं,उनके लिए एक शब्द मत कहिये.....आज हर किसी की निगाहें मजाक उड़ा रही हैं....हम कह भी क्या सकते हैं??आप मजाक बना कर चलते बने,बिना ये सोचे कि यही सब लोग हैं,जिन्होंने रालेगन के एक फ़कीर को पलकों पर बिठा लिया था....आपको देश कि संसद से आगे ला खड़ा कर दिया.....सड़कों पर धूप में,बरसात में,आंधी में घंटो सिर्फ मैं हूँ अन्ना,मैं हूँ अन्ना कह कर बिता दिए....मंदिर में मूर्ति बिठा दी आपकी....और आपने एक झटके में सब अधिकार छीन लिए....नाम मत लो,फोटो मत लगाओ.....आप भूल गये जब ये नाम हमारी जुबां पर चढ़ा,तब ही ऊँचा हुआ,...जब आपकी तस्वीर को हमने उठाया तभी विदेशों तक सबने इसको पहचाना......डर लगता है कहीं किसी दिन गाँधी आकर हमसे खुद को वापिस मांगने लगे,तो क्या हम राजघाट उखाड़ कर दे देंगे,सारे नोट फाड़ देंगे,जो गाँधी मन में हैं,उसके लिए कलेजा निकाल कर देंगे.............................(चंचल शर्मा)
ReplyDeleteपूरा प्रोजेक्ट RSS प्रवक्ता राम माधव के देख रेख में पूरा हुआ
ReplyDeleteRSS अपने को देश भक्त कहती है तो क्यों एक भ्रस्ताचार के खिलाफ चल रहे आन्दोलन को तार तार कर दिया.
ये साजिश बहुत पहले चल रही थी. एक महीने में १२ बार सीतराम जिंदल रालेगांव का दौरा किया. ये भ्रस्ताचार के खिलाफ चल रहे आन्दोलन किरण बेदी और रामदेव जैसे सवार्थी तत्वों ने समाप्त करना चाहा है. ये लोग कांग्रेस से भी बड़े गद्दार है. इनको जनता कभी माफ़ करने वाली नहीं है.
BJP का अध्यक्ष नितिन गडकरी १५ दिने के लिए प्राइवेट विमान से छुट्टी मनाने विदेश जाता है. उसका व्यवसायी पाट्नर अजय संचेती को कोल ब्लैक मिला है क्यों चुप है RSS वाले. पहले ये समाज को तोड़ते थे अब लूट में भी बराबर के हक़ दर है. अंतिम सास रहने तक लडाई जरी रहेगी. अब हजारो अन्ना देश पर जान देने को लिए तैयार है. अन्ना गलत नहीं है उनको बहकाया गया है.
माफ़ी चाहता हूँ अन्ना जी, मैं आपकी महानता को धोखा समझ रहा था, मैं समझ ही नहीं पाया की आपने खुद को अरविन्द जी से अलग कर के अरविन्द जी को आपके उसूलो पर चलने को मजबूर कर दिया है , अन्ना जी यह हमारा वादा है आप से की हम अरविन्द जी के साथ मिल कर आप के ग्राम स्वराज के सपने को पूरा करेगे, जनलोकपल बिल पास करवाएंगे ... एक बार फिर कहता हूँ ... आप को गलत समझने के लिए मुझे माफ़ करे ...
ReplyDeleteमेरे शेर ए खुदा मोला अली कहते है ... महान इन्सान का महान कर्म है - लोगो की मदद करना और लोगो को माफ़ करना ... और मुझे उम्मीद है आप मुझे माफ़ कर देंगे मेरे मोला अली की तरह आप का नादान सेवक नदीम राम अली .... और आप मेरे शिर्डी के साईं बाबा के नजदीक भी रहते है रालेगद सिद्धि ... और मेरे देवा ने आप को अपने पास बुलाया भी था आशीर्वाद देने के लिए ... उस दिन में बहुत खुश था ... जिस दिन जंतर मंतर पर अनशन का आखिरी दिन था में उस दिन दिल्ली के लोधी रोड वाले साईं बाबा मंदिर गया था आप के लिए और वह से आप के लिए अरविन्द जी मनीष जी गोपाल जी के लिए फूल भी ले कर आया था ... लेकिन उस दिन हम इतना जंतर मंतर पर ही इतना व्यस्थ हो गए की आप सब को वो फूल दे ही नहीं पाए, वो मेरे देवा का आशीर्वाद था ... मुझे बहुत अफ़सोस हुआ की वो फूल क्यों नहीं दिए बर हाल वो फूल मेने अपने दोस्त के घर पर जहा रुका हुआ था वहा पर उसके मंदिर में रख दिए थे ... आप सब के लिए ... भगवान अल्लाह आप सब को कामयाब करे और देश को बुरे लोगो से बचा ले ... अमीन जय हिंद वन्दे मातरम
अंत में एक बात कहूँगा अन्ना जी आप किसी के बहकावे में न आना यह बहुत बुरी दुनिया है ... सच्चे लोगो के लिए यह दुनिया कैद खाना है लेकिन बेईमानो के लिए यह जन्नत है ... कृष्ण से अर्जुन कभी अलग नहीं हो सकते ....... और आप के अर्जुन अरविन्द जी है इसी कारण अपने अर्जुन पर अपनी कृपा बनाये रखना ..... जय सिया राम अल्लाह हूँ अकबर
अन्ना, अरविन्द, आन्दोलन और भाजपा | क्या सब कुछ वैसा ही है जैसा दिख रहा है?
ReplyDeleteby Ajayendra Tripathi on Saturday, September 22, 2012 at 12:20am ·
५ अप्रैल २०११ : को अन्ना ने जंतर - मंतर पर अनशन की शुरुआत की, अन्ना के साथ अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी, प्रशांत भूषण, बाबा रामदेव आदि थे. सरकार का रवैया हमेशा से टालमटोल वाला रहा. संचार क्रांति की वजह से आम लोगों तक यह बात पहुचीं और भ्रस्टाचार महंगाई की मार झेल रहे लोगों से तत्काल अन्ना को समर्थन दिया. यह अनशन अब आन्दोलन का रूप ले चुकी थी लिहाजा सरकार ने 'टकराव' के खतरे को टालने के लिए बेहद कूटनीतिक कदम उठाये और एक समिति बनायीं १६ अगस्त तक लोकपाल विधेयक को पास कराने की बात मानकर इस अनशन को खतम कराया.
अन्ना हजारे ने इसके खिलाफ अपने पूर्व घोषित तिथि १६ अगस्त से पुनः अनशन पर जाने की बात दुहराई. सरकार ने इसकी राह में कई रोड़े अटकाए एवं १६ अगस्त को अन्ना हजारे एवं उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया.पर इसके साथ ही सरकार बैकफूट पर आ गयी और उसकी यह सोच की ३-४ महीने में लोग भूल जायेंगे वो गलत साबित हो गयी और आंदोलन पुरे देश में भड़क उठा. देश में दो सप्ताह दिन तक धरना प्रदर्शन किये गए. अंततः संसद द्वारा अन्ना की तीन शर्तों पर सहमती का प्रस्ताव पास करने के बाद २८ अगस्त को अन्ना ने अपना अनशन स्थगित करने की घोषणा की।
२५ मई २०१२ को अन्ना हजारे ने पुनः जंतर मंतर पर जन लोकपाल विधेयक और विसल ब्लोअर विधेयक को लेकर एक दिन का सांकेतिक अनशन किया.
२५ जुलाई २०१२ को अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के जंतर मंतर पर फिरसे अनशन शुरू किया और एक राजनीतिक पार्टी बनाने के निर्णय के साथ इसे खतम किया गया.
इसके बाद मतभेदों का सिलसिला चल निकला, किरण बेदी ने एक नयी पार्टी बनाने का खुल कर विरोध किया. अन्ना, उनके समर्थकों की एक मीटिंग हुयी जिसके बाद अन्ना ने मीडिया को बताया की वो नयी पार्टी बनाने के पक्ष में नहीं है और अरविन्द केजरीवाल से नाता तोड़ रहे हैं. उसके बाद अन्ना ने रामदेव से मुलाकात की, इसे गुप्त रखने की कोशिश की गयी और यह भी खबर आई की एक व्यवसायी ने इस मुलाकात का प्रबंध किया है. गौरतलब है कि रामदेव, भाजपा के साथ खुले तौर पर हैं. अंत में केजरीवाल का बयान आया की वो दुखी हैं उन्हें अन्ना से ऐसी उम्मीद नहीं थी.
ये तो रही घटनाक्रम की बात अब बात करते हैं निष्कर्ष की.
उस से पहले ... अरे अग्निवेश याद हैं? हां वही अग्निवेश जिन्हें टीम अन्ना से निकाल दिया गया था. क्यूंकि वो सरकार का एजेंट बन कर काम कर रहे थे.आज कल रामदेव भाजपा के एजेंट कहे जाते हैं फिर भी अन्ना उनसे मिलने गए वो भी एक गुप्त मुलाकात.अच्छा इस सबमे फायदा किसका हुआ? मुझे तो साफ़ साफ़ भाजपा का फायदा दिख रहा है.कैसे?
अनशन हुआ, सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा निकला -> फायदा भाजपा को
लोकपाल पर बात नहीं बनी, विपक्ष ने अपनी तरफ से पुरजोर कोशिश की यह दिखाने की कि वह लोकपाल मुद्दे पर जनता के साथ है, पर विडम्बना देखिये कि फिर भी सशक्त लोकपाल नहीं आया. तो क्या हुआ सहानुभूति मिली -> फायदा भाजपा को.
जब केजरीवाल ने अनशन शुरू किया तो सभी को एक ही तराजू पर तोल दिया -> नुकसान भाजपा को (क्युकी कांग्रेस तो वैसे ही नुकसान में थी)
आन्दोलन की शक्ल नए पार्टी के बन ने में तब्दील होने लगी -> नुकसान भाजपा को
नयी पार्टी के गठन के मामले में मतभेद खुलकर सामने आये -> फायदा भाजपा को
अन्ना आये मीटिंग कि और वोटिंग फिरसे कराई गयी. बावजूद इसके कि ७६ % लोगों ने नयी पार्टी के विकल्प को स्वीकार किया, अन्ना ने इसे नहीं माना और केजरीवाल से सम्बन्ध तोड़ लिए -> फायदा भाजपा को ( गौरतलब है कि केजरीवाल के अनशन के वक्त भीड़ नहीं थी, वो आई थी अन्ना के आने के बाद..कुल मिलकर यह कि लोग अन्ना के साथ हैं )
अन्ना ने यहाँ तक कहाँ की मेरा फोटो और मेरा नाम अरविन्द इस्तेमाल न करें.
अन्ना ने रामदेव से गुप्त मुलाकात की.(मुझे समझ नहीं आ रहा की यह सच में गुप्त मुलाकात थी या दिखाने की कोशिश की गयी)
क्या यह महज इत्तेफाक है?
[यह मेरे निजी विचार हैं जो पूरा घटनाक्रम देखने और समझने के बाद आये, आपका मत भिन्न हो सकता है.]
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https://www.facebook.com/note.php?note_id=475168955872705&refid=48&ref=pb&_rdr
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अन्ना जी इस विषय पर विचार जरुर करना
What is harm if an honest man joins political party or forms a new one? I agree that there are marshy paths rotting smell in politics. But, can we clean it without entering in it? Because our political class understand only political gain or loss that's the reason no existing party supported Janlokpal. The differences between the forces fighting corruption will only strengthen the corrupt forces.
ReplyDeleteIf no alternative other than the existing is given, next election will be fought on any issue but surely not on corruption.
अन्ना, सपनों को मत मरने दो
ReplyDelete.
सपने मरते नहीं। सपने मरा नहीं करते। उम्मीदों की सांस पर सवार सपने अपने लिये जीवन तलाश लेते हैं। पिछले दिनों उम्मीदों ने अन्ना की आँखो में सपने खोज लिये थे। लोगों ने उनमें सपने देखना शुरू कर दिया था। सपना भ्रष्टाचार से छुटकारा पाने का। सपना नये भारत का। पर अब लगता है कि उम्मीदों ने दम तोड़ना शुरू कर दिया है। सपने मुरझाने लगे हैं। सपनों को नींद आने लगी है। अन्ना ने अपने शिष्य अरविंद केजरीवाल से पूरी तरह से किनारा करने का फैसला कर लिया है। अरविंद को अपना नाम औऱ चेहरे के इस्तेमाल की भी इजाजत नहीं देंगे। न ही वो अरविंद को अपने मंच पर आने देंगे। अरविंद का अपराध इतना है कि उसने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का तरीका बदल दिया है। अब आंदोलन की जगह राजनीतिक दल बनाएंगे। चुनाव में शिरकत करेंगे। अन्ना को ये बात पसंद नहीं आई।
अन्ना ये कहते कि वो चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे, वो राजनीतिक दल नहीं बनायेंगे, वो राजनीतिक दल के लिये प्रचार नहीं करेंगे तो बात समझ में आती लेकिन वो गुस्से में ये कह गये कि उनके और अरविंद के रास्ते अलग हो गये हैं। बात यहां पर भी रुक सकती थी। लेकिन कांस्टीट्यूशन क्लब जहां राजनीतिक दल बनाने पर आखिरी फैसला होना था, वो वहां से निकले और सीधे मिलने गये बाबा रामदेव से। आरएसएस के निहायत करीबी व्यापारी ने ये मुलाकात करायी। अंधेरे में ये मुलाकात हुई। खबर ये भी है कि जब से अरविंद और उनकी टीम ने राजनीतिक दल बनाने की मंशा जाहिर की है तब से संघ परिवार में खलबली मची हुयी है। बीजेपी परेशान है। उसे लगता है कि भ्रष्टाचार विरोधी जो माहौल बना है उसका फायदा उसे होगा लेकिन अगर अन्ना और उनकी टीम चुनाव में उतरी तो शहरी इलाकों में वो बीजेपी का वोट काटेगी और नुकसान बीजेपी को होगा।
बाबा रामदेव भी राजनीतिक दल बनाने का बहाना ढूंढ रहे थे। इसलिये अरविंद ने जब 26 जुलाई को अनशन का ऐलान किया तो बाबा किसी भी हालत में इसे टालने पर तुल गये। उन्होंने गुपचुप तरीके से अन्ना से मुलाकात कर उन्हें समझाने की कोशिश की वो इस अनशन को या तो टाल दें या फिर वो खुद अनशन पर न बैठें। और बाद में 9 अगस्त को रामलीला मैदान में उनके साथ अन्ना भी अनशन करें। किरण बेदी ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। किरण की शह पर अन्ना और बाबा के बीच एक समझ बनी। किरण अरविंद की राय से सहमत नहीं थीं कि कांग्रेस समेत बीजेपी का भी विरोध किया जाये। वो कांग्रेस विरोध कर बीजेपी की मदद करना चाहती हैं। अरविंद इस बात के लिये तैयार नहीं थे। अन्ना और अरविंद के बीच 'दूरी' और अन्ना और बाबा रामदेव के बीच 'पुल' का काम किरण ने किया। और आखिर में अन्ना ने उस अरविंद का साथ छोड़ दिया जिसे कभी वो भारत का आदर्श युवा कहा करते थे और उन रामदेव से रात के अंधेरे में मिलने लगे जिन्हें उन्होंने नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद त्याग दिया था। और रात के अंधेरे में जब वो गोल्फ लिंक मे पकड़े गये तो उनका चेहरा फक था जैसे चोरी पकड़ी गयी और अगले दिन वो उस मीडिया पर चीख पड़े जिसका वो अबतक गुणगान करते आये थे।
To be continue...
सवाल इस बात का नहीं है कि अन्ना ने ऐसा क्यों किया? सवाल इस बात का है कि उन सपनों का क्या होगा जो लोगों ने अन्ना की ऑखों में देखा था? क्या ये सपने रामदेव के साथ पूरे होंगे? क्या इन सपनों को वो आरएसएस की मदद से पूरा करेंगे? किसी भी आंदोलन की कामयाबी उसकी 'नैसर्गिकता' पर निर्भर करती है। लोगों के 'यकीन' पर निर्भर करती है। देश में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन इसलिए परवान चढ़ा कि लोगों को अन्ना और उनकी टीम पर यकीन था। ये यकीन था कि अन्ना और उनकी टीम राजनीतिक दलों और नेताओं की तरह उनके यकीन का सौदा नहीं करेगी। ये ईमानदार लोग हैं, सौदेबाज नहीं। ये देश 'भक्तिवादी' देश है। लोग आंख बंदकर यकीन करते हैं। लेकिन ये यकीन हर आदमी पर नहीं होता है। वो ईश्वर को मानता है और उसके सामने अपने को पूरी तरह से समर्पित कर देता है। धर्म से बाहर जब वो निकलता है तो जिस भी शख्स में उसे ईश्वर के दर्शन होते हैं या जो ईश्वर जैसा लगता है उस पर भी वो आंख बंद कर यकीन कर लेता है और अपना सबकुछ उसको समर्पित कर देता है। आजादी के पहले उसने गांधी जी पर यकीन किया। आजादी के बाद काफी हद तक पंडित नेहरू और जय प्रकाश नारायण यानी जेपी में भी उसे वही ईश्वर दिखाई दिये। गांधी जी के नेतृत्व में उसने अंग्रेजों को उखाड़ फेंका। जेपी जैसे बुजुर्ग में इंदिरा गांधी जैसी ताकतवर नेता को हराने की शक्ति उसी यकीन की देन थी। यहां तक कि बाद में वी पी सिंह में भी लोगों ने महात्मा देख लिया था।
ReplyDelete4 अप्रैल 2011 के पहले अन्ना को महाराष्ट्र के बाहर लोग जानते नहीं थे। लेकिन एक बुजुर्ग ने जब सरकार को ललकारा और उस बुजुर्ग में लोगों को निस्वार्थ प्रेम दिखा तो अचानक न जाने कहां से लोग उसके प्रेम में उमड़े चले आये। देश का विमर्श बदल गया। बिना एक भी पत्थर चले आंदोलन खड़ा हो गया। अन्ना रातोंरात राष्ट्र नायक बन गये। 'अन्ना' एक नाम नहीं, एक 'यकीन' बन गया। लोगों को लगा कि 'बदलाव' आ सकता है। अफसोस अन्ना ने उस यकीन को तोड़ दिया। जो अन्ना सरकारों से पारदर्शिता की दुहाई देते थे वो रात के अंधेरे में बचते फिरे, बाबा रामदेव में भविष्य तलाशे और आरएसएस जिसका सहारा बने नायक कैसे हो सकता है? लोग तो पूछेंगे कि ये वो अन्ना तो नहीं जिसे लोगों ने 4 अप्रैल को जंतर मंतर पर या फिर 16 अगस्त को तिहाड़ जेल में देखा था? अन्ना ने अरविंद का साथ क्यों छो़ड़ा ये मुद्दा है ही नहीं। असल मुद्दा ये है कि रामदेव के प्यारे कैसे हो गये? क्या दिल्ली आते ही अन्ना को भी राजनीति ने अपना शिकार बना लिया? या फिर अन्ना भी एक आम इंसान निकले? भारत एक 'भावनावादी' समाज है। ये जल्दी किसी को दिल देता नहीं है और अगर देता है तो 'अधूरेपन' से नहीं देता, अपने 'पूरेपन' से देता है। वो सवाल नहीं करता लेकिन जब सवाल करता है तो चिंदियां उड़ा देता है। अन्ना मेरी इतनी ही गुजारिश है कि बड़ी मुश्किल से उम्मीदे पलती है, बड़ी मुश्किल से सपने जवान होते हैं इन उम्मीदों को मत मरने दो?
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Ashutosh, IBN7
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http://khabar.ibnlive.in.com/blogs/16/786.html
अन्ना जी आप कहा हैं कृपया इस ब्लॉग को पड़े. ये IBN NEWS KE आशुतोष ने लिखा है. आप के लिये.
ReplyDeleteदेश के सपनो को मत मारो और अरविन्द जी के साथ आ जाओ. जय हिंद
इंकलाब जिंदाबाद
http://khabar.ibnlive.in.com/blogs/16/786.html
भाई लोगो अगर अरविन्द जी और अन्नाजी वाकई इस देश से भ्रष्टाचार और गरीबी जैसी सभी समस्याऑ से इस देश को बचाना चाहते है तो इसकी मूल जड जन्संख्या को कम करने के बारे में उपाय सोचें, यदि जनसंख्या कम होगी तो ये सारी समस्याएँ अपने आप खत्म हो जायेगी. लेकिन इसके लिए इमानदारी से सोचने की जरूरत होगी. अगर अरविन्द जी ने वाकई सिर्फ राजनीति में आने के लिए ही यह सारा ड्रामा किया था तो इस सलाह का कोई फायदा नहीं होगा.
ReplyDeleteanna ki anpadh buddhi jawab de gayi ... politics ganda hai fir gande log janlokpal kaise layenge? ganda politics saaf kaise hoga ? achhe log politics mein jaane se ya bahar kisi aur party ke gandagi ko badhawa dene se ?arvindaji ke sath desh hai anna aap bhi raho , behkawe mat aao , desh ke man mastiksh mein sundramanthan ho rehai , arvindji sahi rah par , 2014 chamatkar hoga!! uske pehle dehli mein uski zalak dekhoge aap ... bager apki photu , naam ke , wo app de dena ramdev ko aur bjp ko photu apna ...kammal karte ho annaji aap bhi ..
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