Monday, 5 May 2014

नई सरकार से जनता की उम्मीदे...

संसद के चुनावों का रणकन्दन तेज़ गति पकड चुका है। हर कोई पार्टी दूसरी पार्टियों पर हीन स्तर के आरोप-प्रत्यारोपों की बौछार करने में मग्न है। हर कोई जनता को यही बताने में व्यस्त है कि अन्य सभी दल और उन दलों के कार्यकर्ता गण कितने गन्दे-घिनौने, गिरे हुए हैं और उसके विपरीत हम और केवल हम ही मात्र दूध के धुले हैं। स्वाधीनता के 66 वर्षों बाद देश किन हालात में से गुज़र रहा है इस बात से ये महानुभावों परिचित नहीं हों ऐसी तो बात नहीं है। लेकिन चुनाव के समय झूठमूट की आश्वासन दिये जाते हैं और चुन कर आ भी जाते हैं। चुन कर आये कि उन आश्वासनों से क्या लेना-देना? चुने जाने पर सत्ता पक्ष में हों या विपक्ष में, जनता को तो सभी लोग भूल जाते हैं। जो आश्वासन चुनावों के दौरान दिये थे उन पर अमल न भी हुआ तो भी जनता क्या करलेगी? सभी दलों के मुखिया जनता की इस मजबूरी को भली भॉंति जानते हैं। सभी लोग जानते हैं कि अब तक संपन्न हुए पन्द्रह चुनावों में कितने सारे आश्वासन दिये गये, और किसी पर भी अमल नहीं हुआ।
समाज और राष्ट्र का भविष्य उज्वल बनाने हेतु राजनैतिक दलों से जनता कुछ आस कुछ उम्मीदें लिये रहती है। राजनेता गण बस मुंह देखा आश्वासन मात्र दे देते हैं और चुनाव जीत जाने पर उसे बडी आसानी से भूल भी जाते हैं।

पिछले तीन वर्षों में देश भर में जो जागृति बनी है उससे आशा की नई किरण जगी है। युवा वर्ग में चुस्ती आई है। चुनावों में मतदान का औसत 50 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक बढ चुका है। समाज और देश की भलाई के लिए अब महिला और मर्द सडक पर उतर आने में हिचकिचाते नहीं है। पिछले 66 वर्षों में इन झूठमूट के आश्वासनों के बारे में राजनेताओं को किसी ने कभी टोका नहीं था लेकिन अब इसी कारण जनता सडक पर उतर आएगी ऐसे आसार दिखाई दे रहे हैं। मगर इक्के दुक्के या सौ-दो सौ की तादाद में सडक पर उतरने से कम नहीं बनने वाला। इस काम के लिए हर राज्य में राष्ट्रीय स्तर पर चारित्रशील लोगों का एक व्यापक संगठन बनाना होगा। हम पचास लोगों ने मिल कर यह इरादा किया है। इस अभियान में लाखों लोग जुडेंगे, जिसका नाम होगा -असली आज़ादी अभियान।
देश के सभी 650 ज़िलों में यह संगठन बनें ऐसी मंशा हम रखते हैं। सभी राज्यों में ज़िला, तहसील और ग्राम स्तर पर चरित्रवान्युवाओं का यह संगठन बनेगा। चुने जाने पर सत्तासीन बने या विपक्ष में बैठे सभी राजनेताओं से जनता की जो अपेक्षाएं होंगी उनकी यदि आपूर्ति नहीं हो पाई तो उनके खिला़फ समूचे देश में एक ही समय पर आन्दोलन छेड कर अपेक्षापूर्ति के लिए सरकार को बाध्य करेंगे। आन्दोलन का मार्ग अहिंसात्मक होगा।

सत्तासीन होने जा रहे राजनैतिक दलों से, उनके सत्तासीन होने तक, जनता की अपेक्षाएं हम प्रतिदिन प्रकट करेंगे। ता कि सत्तासीन होने वाले दल उनसे अवगत हो कर उस पर विचार विमर्श करें। नये सरकार से भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण की अपेक्षा...
   1) पिछले 45 साल से विलम्बित जन लोकपाल बिल आख़िरकार पारित हो चुका है। उसे क्रियान्वित किया जावे। भ्रष्टाचार के रोकथाम में सशक्त लोकायुक्त कानून बना कर उसे भी क्रियान्वित करना अति आवश्यक है। सत्तासीन होने जा रहे दल उस हेतु एक मॉडल सशक्त लोकायुक्त ड्राफ्ट बना कर सभी राज्यों को प्रस्तावित करे व राज्यों में उसके क्रियान्वयन के गम्भीर प्रयास करे। भ्रष्टाचार को रोकने में यह उपाय ज़रूर कारगर साबित होगा।
   2) इसीसे सम्बन्धित अलग अलग 6 कानूनों के प्रस्ताव संसद में पेश हो चुके हैं। अभी तक उन पर निर्णय नहीं लिया गया। उन पर बहस हो कर यथा सम्भव शीघ्र उनके कानून बना कर क्रियान्वित किये जाने भ्रष्टाचार पर काफी रोक लग जाएगी।
   3) राईट टू रिजेक्टका सशक्त कानून बना कर यदि लागू किया जाएगा तो भ्रष्टाचारी, गुण्डे, लुटारू, व्यभिचारी व्यक्ति जन प्रतिनिधि बन कर लोकशाही के पवित्र मन्दिरों में घुसपैठ नहीं कर पाएंगे। ऐसे लोगों के संसद और विधान सभाओं में जा बैठने के कारण ही भ्रष्टाचार चौतरफा पनप गया है और महँगाई बढ गई है।
   4) देश में 26 जनवरी 1950 को गणतन्त्र क़ायम हुआ, देश का स्वामित्व जनता को सौंपा गया। यह स्वामी, यह मालिक विधायक-सांसदों को अपने सेवकों के तौर पर राज्य तथा केन्द्र में नियुक्त करता है। आम तौर पर किसी को सेवक नियुक्त करने पर यदि वह अपना काम समुचित रीति से नहीं करे तो मालिक उसे नौकरी से हटा देता है। अगर चुने गये लोक प्रतिनिधि समाज और देश के हित में संवैधानिक तरीक़े से ठीक काम न करते पाये गये तो ऐसे सेवकों को हटाने का अधिकार मालिक जनता को ज़रूर होना चाहिये।
   5) सरकारी कोष में जमा धन पर स्वामित्व जनता का है। उसके व्यय में पूरी पूरी पारदर्शिता का होना अति आवश्यक है। इन व्यवहारों की सूचना हर सरकारी विभाग इण्टरनेट द्वारा जारी करे ताकि देश के किसी भी नागरिक को अपने पैसों के हिसाब की जॉंच करना सम्भव हो।
  
   6) जनता देश की मालिक है इसके बावजूद किसी भी दफ्तर में बिना घूस दिए उनका काम नहीं होता है। इसमें सुधार करने के लिए एक ऐसा कानून बनाया जाए जिसके कारण हर टैबिल पर से काग़ज़ात आगे जाने की समय सीमा तय की जाएगी। उस समय सीमा में अगर काम नहीं हो पाया तो सम्बन्धित अफसर पर दण्डात्मक कार्रवाई होगी और दण्ड की रकम सरकारी कोष में जमा होगी।

  7) विदेश में बडे पैमाने पर काला धन होने के बारे में जो बातें हो रही है, उसकी निष्पक्ष जॉंच करा कर, अगर ऐसा धन है तो उसे भारत में वापस लाने के लिए ठोस कदम उठाएं जाएंगे।
इस प्रकार के निर्णय लेने के लिए आने वाली सरकार को बाध्य करना जन शक्ति के दबाव के कारण ही सम्भव होगा। और इसी हेतु चरित्रवान्कार्यकर्ताओं का संगठन देश में बनाने का हमारा प्रयास है। राजनीति से परे रहने वाले सामाजिक, राष्ट्रीय सोच के धनी ऐसे देश भर के 50 चरित्रवान्व्यक्तियों का समर्थन इस प्रयास को प्राप्त हो चुका है।
आगामी काल में नौ राज्यों में जा कर वहॉं के लोगों के सहयोग से वहॉं संगठन बनाया जाएगा।

मेरा निजी संकल्प है कि जब तक शरीर में प्राण हैं और जब तक देश में भ्रमण हेतु शरीर सहयोग करता रहेगा तब तक के आगामी कम से कम 10-12 वर्ष स्वाधीनता का दूसरा संग्राम समझ कर इस काम को मैं करता रहूंगा। जो चरित्रवान्कार्यकर्ता जेल में जाने के लिए तैयार होंगे वे कृपा कर सम्पर्क करें।
पिछले अनुभव से सबक ले कर, इस आन्दोलन में जुडने वाले कार्यकर्ताओं को प्रतिज्ञा पूर्वक ज्ञापन देना होगा कि वे आजीवन न तो किसी राजनैतिक दल में शामिल होंगे न ही किसी राजनैतिक दल द्वारा चुनाव लडेंगे।
स्वाधीनता का दूसरा संग्राम समझ कर समाज और राष्ट्र को सेवा समर्पित करने का इरादा रखने वाले कर्मठ कार्यकर्ता ही इसमें जुडें।
सत्ता में आने वाले दलों से अपेक्षाओं के बारे में हर रोज़ एक विषय पर विचार प्रसारित होगा।
                                           
   भवदीय,

   कि. बा. उपनाम अण्णा हज़ारे



1 comment:

  1. DEAR ANNA JEE,
    UNFORTUNATELY SWAAMEE APRTEMAANANDAA JEE'S NOMINATION TO LOKSABHA 2014 WAS WRONGLY CANCELLED BY ELECTION OFFICIALS. OTHERWISE, YOU WOULD HAVE BEEN INVITED TO SUPPORT SWAAMEE APRTEMAANANDA JEE IN GAUTAM BUDDHA NAGAR AND SWAAMEE WOULD HAVE GOT ELECTED TO LOKSABHA WITH YOUR HELP. THEN, SWAAMEE WOULD HAVE TAKEN UP YOUR WISE POLITICAL AGENDA ON THE FLOOR OF THE PARLIAMENT AND LED MOTHER INDIA TO THE GOLDEN ERA...!
    ANYHOW, SWAAMEE IS DOING ALL THAT SWAAMEE CAN DO TO BRING GOLDEN INDIAN ERA...!
    BUT, THE POLITICAL DEVIL IS TOO POWERFUL TO OVERCOME AND AS JESUS CHRIST TOO HAD DISCOVERED: POLITICAL REALM BELONGS TO THE DEVIL/SATAN!
    May Almighty Bless you...!
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